कोरोनाकाल की होली में कोविड गाईड लाईन का सख्ती से करें पालन, होली, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक – डॉ अरविन्द वर्मा

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0कोरोनाकाल की होली में कोविड गाईड लाईन का सख्ती से करें पालन, होली, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक – डॉ अरविन्द वर्मा

ANA/S.K.Verma

खगड़िया। कोरोनाकाल की होली त्योहार मनाने में विशेष सावधानियां अपेक्षित है। साथ ही, देशवासियों से अपील है कि कोविड गाईड लाइन का सख्ती से पालन करें, खुद के साथ साथ औरों की भी कोरोना से रक्षा करें।देशभर में आज भारत के प्रमुख त्योहारों में शुमार होली का त्योहार मनाया जा रहा है। हिन्‍दू पंचांग के अनुसार, फाल्‍गुन महीने की पूर्णिमा को होली मनाई जाती है और आज 29 मार्च को रंगों वाली होली खेली जा रही है। वहीं बीते दिन 28 मार्च को होलिका दहन किया गया था। रंगों का त्‍योहार होली बुराई पर अच्‍छाई की । उक्त बातें,  कलवार सेवक समाज के चैयरमैन डॉ अरविन्द वर्मा ने मीडिया कर्मियों को होली की शुभकामना देते हुए मीडिया से कही । आगे उन्होंनेकहा देश के कई हिस्‍सों में होली के त्‍योहार की शुरुआत बसंत ऋतु के आगमन के साथ ही हो जाती है। मथुरा, वृंदावन, गोवर्द्धन, गोकुल, नंदगांव और बरसाना की होली तो बेहद मशहूर हैं। इनमें भी बरसाना की लट्ठमार होली का आनंद तो देखते ही बनता है। एक पत्रकार द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्‍यों मनाई जाती है होली? इस पर डॉ वर्मा ने कहा होली मनाए जाने के पीछे एक पौराणिक कथा प्रचलित है। इस कथा के मुताबिक, प्राचीन काल में अत्याचारी राक्षसों के राजा हिरण्यकश्यप ने तपस्या करके ब्रह्मा से वरदान पा लिया कि संसार का कोई भी जीव-जन्तु, देवी-देवता, राक्षस या मनुष्य उसे न मार सके। न ही वह रात में मरे, न दिन में, न पृथ्वी पर, न आकाश में, न घर में, न बाहर. यहां तक कि कोई शस्त्र भी उसे न मार पाए. ऐसा वरदान पाकर वह अत्यंत निरंकुश बन बैठा। हिरण्यकश्यप के एक बेटा हुआ, जिसका नाम उसने प्रह्लाद रखा. प्रह्लाद अपने पिता के विपरीत परमात्मा में अटूट विश्वास करने वाला था। प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त था और उस पर भगवान विष्णु की कृपा-दृष्टि थी। हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को आदेश दिया कि वह उसके अतिरिक्त किसी अन्य की स्तुति न करे। प्रह्लाद के न मानने पर हिरण्यकश्यप उसे जान से मारने पर उतारू हो गया। उसने प्रह्लाद को मारने के अनेक उपाय किए लेकिन व प्रभु-कृपा से बचता रहा. हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को अग्नि से बचने का वरदान था। हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका की सहायता से प्रह्लादद को आग में जलाकर मारने षड्यंत्र रचा। होलिका बालक प्रह्लाद को गोद में उठाकर धूं-धू करती आग में जा बैठी। आगे उन्होंने कहा प्रभु-कृपा से प्रह्लाद को आंच भी नहीं आई और होलिका जल कर वहीं भस्म हो गई। इस प्रकार प्रह्लाद को मारने के प्रयास में होलिका की मृत्यु हो गई। इसके बाद हिरण्यकश्यप को मारने के लिए भगवान विष्णु नरंसिंह अवतार में खंभे से निकल कर गोधूली समय अवतरित हुए। उन्‍होंने दरवाजे की चौखट पर बैठकर अत्याचारी हिरण्यकश्यप को मार डाला. कहते हैं कि तभी से होली का त्योहार मनाया जाने लगा। कलवार सेवक समाज के चेयरमैन डॉ अरविन्द वर्मा ने देश वासियों को होली की मुबारकबाद देते हुए कहा यह पर्व हमें आपस में मिलजुल कर रहने, जात पात मिटाने, अमीर गरीब का भेद भाव दूर करने, इंसान इंसान के बीच प्रेम दर्शाने का पर्व है। होली पर देश वासियों को शुभकामनाएं देने वालों में प्रमुख हैं वैशाली इलेक्ट्रॉनिक न्यूज की एडिटर इन्दु प्रभा, चीफ एडिटर डॉ अरविन्द वर्मा, सदर अस्पताल के काउंसलर अभिलाष, विदेश मंत्रालय, रीजनल पासपोर्ट कार्यालय, अहमदाबाद के जे पी ए अभिषेक, उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद, उप मुख्य सचेतक डॉ दिलीप कुमार जयसवाल, बीजेपी बिहार प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद डॉ संजय जसवाल, शिवहर सांसद रमा देवी, ढाका विधायक पवन जयसवाल, डॉ एच प्रसाद, प्रदीप कुमार भगत, दीपक कुमार, राहुल कुमार, जगदूत एडिटर अरुण कुमार वर्मा, अशोक वर्मा, अनिल वर्मा, अजय वर्मा, विजय कुमार विजय तथा डॉ राजेश कुमार रौशन आदि।

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