मुख्य मंत्री की बाढ़ व सुखाड़ पूर्व समीक्षात्मक बैठक के बाद, डीएम ने अधीनस्थ अधिकारियों को दिया हिदायत,15 मई के पूर्व पूरा करें कटावरोधी कार्य

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मुख्य मंत्री की बाढ़ व सुखाड़ पूर्व समीक्षात्मक बैठक के बाद, डीएम ने अधीनस्थ अधिकारियों को दिया हिदायत,15 मई के पूर्व पूरा करें कटावरोधी कार्य

निजी नाविकों के बकाए राशि का शीघ्र करें भुगतान – डॉ आलोक

ANA/Arvind Verma

खगड़िया। संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ पूर्व तैयारियों पर मुख्यमंत्री, बिहार नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सभी जिलों के जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक कर गहन समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री द्वारा संकटग्रस्त समूह की पहचान, आबादी निष्क्रमण की योजना, राहत स्थलों की पहचान एवं वहां आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता, राहत सामग्री के क्रय हेतु टेंडर, पशु चारे का टेंडर, डॉक्टरों के दल के तैनाती, पशुओं का शरण स्थल, तटबंधों की मरम्मति एवं निरीक्षण, सरकारी एवं निजी नावों की उपलब्धता एवं इनकी तैनाती, मानव एवं पशु दवा की उपलब्धता, कोरोना संक्रमण के आलोक में प्रस्तावित शरण स्थलों में की जाने वाली व्यवस्था एवं इनकी साफ-सफाई, आपदा राहत के वितरण हेतु सही प्रभावितों की पहचान उनके एवं इनके खाते में जीआर राशि का भुगतान , एसडीआरएफ एवं एनडीआरएफ टीम के सदस्यों का टीकाकरण, आपदा कार्यों में सांसदों, विधायकों एवं जनप्रतिनिधियों से विचार- विमर्श, ग्रामीण सड़कों के गुणवत्तापूर्ण निर्माण एवं मरम्मति, कृषि इनपुट, वैकल्पिक फसल सूत्रण, चापाकल मरम्मति, भूगर्भ जल का स्तर, बाढ़ से मृत लोगों एवं पशुओं के मुआवजा राशि का भुगतान आदि को लेकर कई महत्वपूर्ण एवं आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के साथ उप मुख्यमंत्री ताराकिशोर प्रसाद, शिक्षा मंत्री विजय चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भी बैठक में भाग लिए। बिहार के मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, कृषि विभाग के प्रधान सचिव एन. सरवन, नगर विकास एवं आवास आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर सहित अन्य संबंधित विभागों के प्रधान सचिव भी इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग समीक्षा बैठक में राज्य स्तर से शामिल हुए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के उपरांत जिलाधिकारी डॉ० आलोक रंजन घोष ने समाहर्ता प्रकोष्ठ में उपस्थित सभी पदाधिकारियों को मुख्यमंत्री से प्राप्त दिशा निर्देश के आलोक में समय रहते बाढ़ एवं सुखाड़ दोनों स्थितियों की तैयारी करने का सख्त निर्देश दिया। जिलाधिकारी द्वारा वर्षामापी यंत्रों को क्रियाशील रखने एवं ससमय वर्षा के आंकड़ों को उपलब्ध कराने के लिए कर्मियों को प्रतिनियुक्त करने का निदेश जिला सांख्यिकी पदाधिकारी को दिया गया। संकटग्रस्त समूहों यथा गर्भवती महिलाओं, धात्री महिलाओं एवं वृद्धों, बच्चों की सूची बनाने का निर्देश जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आईसीडीएस को दिया गया। इसी के अनुरूप उपलब्ध संसाधनों की टैगिंग करानी है। उन्होंने सिविल सर्जन को बाढ़ के समय उपयोगी आवश्यक दवाओं की उपलब्धता की जानकारी ली एवं इनका स्टॉक सूची उपलब्ध कराने का निदेश दिया। सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों से एक्सपायर्ड दवाओं के विनष्टीकरण का रिपोर्ट मंगाने का निदेश भी सिविल सर्जन को दिया गया। साथ ही उपलब्ध दवाओं के एक्सपायरी तिथि को सत्यापित करने का भी निर्देश दिया गया। जिला पशुपालन पदाधिकारी को भी पशु दवाओं का स्टॉक रखने का निर्देश दिया गया।जिलाधिकारी ने अपर समाहर्ता को बाढ़ के समय उपयोग हेतु उपयुक्त शरण स्थलों की पहचान करने एवं इनमें उपलब्ध सुविधाओं की सूची के संबंध में प्रतिवेदन हेतु निर्देशित किया। स्थानीय लोगों के सुविधानुसार सुरक्षित एवं ऊंची जगह को शरण स्थली के रूप में चिन्हित किया जाए। उक्त कार्य में सहयोग हेतु जिला शिक्षा पदाधिकारी को भी निर्देशित किया गया। अपर समाहर्ता को निर्देशित किया गया कि सभी अंचलों में उपलब्ध पालीथीन शीट, महाजाल, टेंट-शमियाना, पेट्रोमैक्स, सैटेलाइट फोन इत्यादि की संख्या के संबंध में फोटो सहित प्रतिवेदन प्राप्त किया जाए। साथ ही सरकारी एवं निजी नावों की स्थिति, उनकी संख्या और मरम्मति, उनके रजिस्ट्रेशन और पिछले वर्ष भुगतान की स्थिति के संबंध में भी अद्यतन प्रतिवेदन प्राप्त किया जाए। जिलाधिकारी ने पिछले वर्षों के बकाया का शीघ्र भुगतान करने का भी निदेश दिया गया। गोताखोरों और प्रशिक्षित नाविकों की सूची उनके मोबाइल नंबर सहित तैयार करने का निर्देश भी जिलाधिकारी ने दिया, ताकि आवश्यकता पड़ने पर उनसे अविलंब संपर्क स्थापित किया जा सके। क्षेत्रीय पर्यवेक्षकों की प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित कराने का निदेश भी अपर समाहर्ता को दिया गया। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल 1और 2 को कटावरोधी कार्यों को 15 मई से पूर्व कराने का निदेश दिया गया, ताकि इसका संयुक्त जांच करा कर कार्य की गुणवत्ता का पता लगाया जा सके। जिलाधिकारी द्वारा जिला आपातकालीन संचालन केंद्र को 24X7 सक्रिय रखने, एसडीआरएफ टीम के उपकरणों को चालू हालत में रखने, उनके मोटर बोट की मरम्मत कराने, प्रखंड एवं पंचायत स्तरीय संचार योजना बनाने, होमगार्डों के बांधों पर प्रतिनियुक्ति करने, राज्य खाद्य निगम के गोदामों में अनाज स्टाक बनाये रखने, वैकल्पिक फसलों के स्थानीय मांग के अनुरूप सूत्रण करने एवं कृषि विभाग से बीज मंगाने, ग्रामीण सड़कों की मरम्मत करने एवं इनकी सूची उपलब्ध कराने, विद्युत आपूर्ति को सुनिश्चित करने इत्यादि का निदेश भी संबंधित पदाधिकारियों को दिया गया। इस अवसर पर अपर समाहर्ता शत्रुंजय कुमार मिश्रा, अपर समाहर्ता सह जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी भूपेंद्र प्रसाद यादव, सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार सिंह, जिला पंचायती राज पदाधिकारी संजय कुमार वर्मा, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी आनंद प्रकाश, जिला शिक्षा पदाधिकारी राजदेव राम, पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय, सहित तकनीकी विभागों के संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।

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