आवास कर्मियों को स्वाथ्य बीमा सहित पेंशन व अनुकम्पा का लाभ दे सरकार -दिलीप सर्राफ, प्रदेश अध्यक्ष

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आवास कर्मियों को स्वाथ्य बीमा सहित पेंशन व अनुकम्पा का लाभ दे सरकार -दिलीप सर्राफ, प्रदेश अध्यक्ष

ANA/Arvind Verma

खगड़िया। बिहार राज्य ग्रामीण आवास कर्मी संघ के प्रदेश सचिव आचार्य राकेश पासवान शास्त्री ने संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप कुमार शर्राफ के हवाले से प्रेस को बताया कि वैश्विक कोरोना महामारी व लॉकडाउन में ग्रामीण आवास कर्मियों को कार्यस्थल पर उपस्थित होने से छुट देने एवं विभागीय कार्य तत्काल शिथिल करने अथवा स्वास्थ बीमा, विशेष प्रोत्साहन राशि, पारिवारिक पेंशन, अनुकम्पा सहीत सरकारी कार्मिक को देय सुरक्षा, सुविधा व सहयोग ग्रामीण आवास कर्मियों को उपलब्ध कराने के संबंध मे विभागीय प्रधान सचिव, विभागीय मंत्री,मुख्यमंत्री, राज्यपाल एवं जिलावार संबंधित पदाधिकारियों को पत्र देकर अनुरोध किया। शास्त्री ने बताया कि ग्रामीण विकास विभाग, बिहार के अधीन बिहार रुरल डेवलपमेंट सोशाईटी के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत संविदा पर नियोजित एवं कार्यरत ग्रामीण आवास कर्मियों यथा ग्रामीण आवास सहायक, ग्रामीण आवास पर्यवेक्षक व ग्रामीण आवास लेखापाल को लॉकडाउन में कार्यस्थल पर आने-जाने एवं कार्य करने में काफी असुविधा हो रही है तथा उक्त ग्रामीण आवास कर्मियों में कोरोना से संक्रमण का मामला बढ़ रहा है । क्योंकि लॉकडाउन के कारण वाहन से या पैदल आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंध है तथा कोरोना के कहर के बीच इन कर्मियों के बचाव व सुरक्षा के लिए सरकार व प्रशासनिक स्तर से कोई इंतजाम नही है । आवागमन का सरकारी साधन एवं आवश्यक जीवन रक्षक कीट जैसे- मास्क, ग्लब्स, सेनेटाईजर, पर्सनल प्रोटेक्सन इक्युपमेंट आदि सरकार या प्रशासन द्वारा इन्हें उपलब्ध नही कराये जाने के बाबजुद इस महामारी व लॉकडाउन के समय में वे प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अतिरिक्त अन्य कार्य कर रहे है । इनका संपर्क वैसे लोगों से हो रहा है या होगा, जो देश के विभिन्न राज्यों से लौटे है या लौट रहे है । उपरोक्त आवश्यक जीवन रक्षक किट के बिना कार्य करने से वे कोरोना से संक्रमित हो रहे है एवं इनके कोरोना का वाहक बनने का भी खतरा है, इससे इनके परिवार, समाज व देश के लिए भी खतरनाक स्थिती उत्पन्न हो सकती है। कोरोना महामारी पर नियंत्रण पाने के लिए बिहार सरकार 25 मई 2021 तक लॉकडाउन लागू कर चुकी है। इस अवधि में किस विभाग का कार्यालय खुला रहेगा अथवा बंद रहेगा इस बाबत सरकार द्वारा आदेश जारी किया गया है। जिसमें ग्रामीण विकास विभाग एवं पीएम आवास योजना (ग्रामीण) कार्यालय खुले रहने की चर्चा नहीं है। बावजूद इस लॉकडाउन अवधि में ग्रामीण आवास कर्मियों पर विभागीय कार्य के अतिरिक्त अन्य कार्य का दबाव बनाया जा रहा है। जो सरकार के द्वारा जारी कोविड -19 को लेकर लगाये गये लॉकडाउन प्रोटोकॉल का उल्लंघन है। इसी दबाव के कारण खगङिया के बेलदौर प्रखंड के ग्रामीण आवास सहायक आतिश कुमार की मौत कोरोना से संक्रमित होने के बाद हो चुकी है तथा खगड़िया जिला समेत राज्य के विभिन्न जिलों में सैकङो ग्रामीण आवास कर्मी संक्रमित होकर कोरोना से जंग लड़ रहे हैं। इनमें से कुछ आवास कर्मी कोविड केयर सेंटर में एवं कुछ आवास कर्मी होम कोराइन्टेन में है। राज्य के विभिन्न जिलों के कई प्रखंड में नियोजित ग्रामीण कर्मी कोरोना से संक्रमित पाया गया है । उक्त ग्रामीण आवास कर्मी विभागीय कार्य में लगा हुआ था एवं प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लाभुकों के घर-घर भ्रमण जियो टैगिंग आदि करता था लेकिन सरकार व प्रशासन द्वारा मास्क, ग्लब्स, सेनेटाईजर, पी पी ई कीट आदि उपलब्ध नही कराया गया था, जिस कारण ग्राम पंचायत के कोरोना संक्रमित के संपर्क में आकर संक्रमित हुआ है।सर्वविदित है कि स्वास्थ विभाग, भारत सरकार ने पत्रांक – बीमा/2020/59 दिनांक 07.04.2020 के द्वारा कोविड-19 से मृत स्वास्थ कर्मियों के आश्रितो को 50 लाख रु क्षतिपूर्ति राशि देने का आदेश निर्गत किया है एवं वित्त विभाग, बिहार सरकार ने अपने संकल्प संख्या- 273 दिनांक 03.05.2021 द्वारा कोविड-19 से मृत सरकारी कर्मियों के आश्रितो को विशेष पारिवारिक पेंशन देने का आदेश निर्गत किया है तथा गृह विभाग, बिहार सरकार ने अपने संकल्प संख्या- जी/आपदा/2872 दिनांक 09.05.2021 द्वारा कोविड-19 हेतु चिन्हित अस्पताल व केयर सेंटर पर प्रतिनियुक्त सरकारी कार्मिकों को विशेष प्रोत्साहन राशि देने हेतु आदेश निर्गत किया है कोविड-19 महामारी के भयानक परिस्थिती में सरकारी कार्मिक के साथ संविदा पर नियोजित ग्रामीण आवास कर्मी भी समान रुप से कार्य कर रहे है । कार्य के दौरान वे कोरोना से संक्रमित हो रहे है, संक्रमम से मर भी रहे है । पंरतु अफसोसजनक है कि इन्हें किसी प्रकार की सुरक्षा व सुविधा नही दी जा रही है, कोरोना से मृत होने पर इनके आश्रितों को भी किसी प्रकार की सहायता नही दी जा रही है तो इस महामारी में किसी सुरक्षा या सुविधा या सहायता के बिना इनसे कार्य लेना क्या न्यायोचित है। इसिलिए उपरोक्त वर्णित सरकारी कार्मिक को देय सुविधा व सहायता ग्रामीण आवास कर्मियों को भी दी जाए अथवा इन्हें कार्यस्थल पर उपस्थित होने से छुट दी जाए एवं विभागीय कार्य तत्काल शिथिल की जाए।प्रदेश अध्यक्ष दिलीप कुमार शर्राफ के द्वारा दिये गये पत्र के हवाला देते हुए शास्त्री ने बताया कि श्रम मंत्रालय, भारत सरकार एवं बिहार सरकार ने भी एडवाजरी जारी क़ि है किसी भी कर्मी का जो कार्यालय नही आते पाते हैं, वेतन नही काटा जाए या उन्हें बर्खास्त नही किया जाए इसिलिए सभी ग्रामीण आवास कर्मियों को भी कार्य हेतु उपस्थित होने की छुट दी जाए एवं विभागीय कार्य तत्काल शिथिल की जाए अथवा स्वास्थ बीमा, विशेष प्रोत्साहन राशि, पारिवारिक पेंशन, अनुकम्पा सहीत सरकारी कार्मिक को देय सुरक्षा, सुविधा व सहयोग ग्रामीण आवास कर्मियों को उपलब्ध कराने की मांग की है ।

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