डॉ दिलीप जायसवाल पर पी के द्वारा लगाया गया आरोप जातिगत और नफ़रत का उदाहरण – डॉ अरविन्द वर्मा, चेयरमैन

Listen to this article
डॉ अरविन्द वर्मा, चेयरमैन बिहारी पॉवर ऑफ इंडिया

डॉ दिलीप जायसवाल पर पी के द्वारा लगाया गया आरोप जातिगत और नफ़रत का उदाहरण – डॉ अरविन्द वर्मा, चेयरमैन

“सीमांचल के गांधी” नाम से चर्चित हैं डॉ दिलीप जायसवाल, अपने कर्मों और मानवता के बल पर – डॉ अरविन्द वर्मा, चेयरमैन

पी के का आरोप “चलनी दूसलक सूप के” जैसा, आरोप प्रत्यारोप का दौर होगा बिहार विकास में बाधक

ANA/Indu Prabha

पटना। बिहार में विधान सभा का चुनाव होने वाला है। हर पार्टी अपने अपने तरीके से प्रचार, प्रसार, रैलियां, प्रदर्शन, जन सम्पर्क तथा मिलन समारोह आदि के सहारे आम मतदाताओं पर अपनी अमिट छाप छोड़ कर आने वाले चुनाव में उनके कीमती वोट पाने की जुगत में लगी है। ऐसा पूर्व से ही होता चला आया है और आगे भी चलता रहेगा। आरोप प्रत्यारोप का दौर तेजी से बढ़ गया है। पार्टी तो पार्टी, पार्टी के नेता व्यक्तिगत रूप से एक दूसरे पर आरोप लगा कर अपने आपको पाक साफ बना कर बिहार की जनता के समक्ष पेश करना चाह रही है। इस कार्य में प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया का उपयोग जमकर किया जा रहा है। जो व्यक्ति या नेता प्रगति के पथ पर अग्रसर हो रहा होता है उसकी एक्सरे रिपोर्ट जन साधारण के बीच प्रस्तुत करने की पुरानी परंपरा रही है। पिछले कई वर्षों से पूरे बिहार में घूम घूम कर अपने आपको बिहारियों का हिमायती बनने का सपना संजोए जन सुराज के नेता पी के को पहले अपने गिरेबान में झांक लेना चाहिए और अपने अतीत को कभी नहीं भूलना चाहिए। बिहार की आवाम ऐसे चिकनी चुपड़ी भाषणबाज नेताओं को अच्छी तरह पहचान गई है। पी के की नजरों में बीजेपी, जदयू और आरजेडी सारी पार्टियां एक दूसरे से मिली हुई है। सारी पार्टियां बहुत खराब, अच्छे हैं तो सिर्फ़ पी के और जन सुराज पार्टी। अपने मुंह मियां मिट्ठू बनने से काम नहीं चलेगा बिहार में। हाल के दिनों में जन सुराज के पी के ने जिस कदर बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिलीप जायसवाल पर व्यक्तिगत रुप से प्रहार किया है वो काफ़ी निंदनीय है। उक्त बातें बिहारी पॉवर ऑफ इंडिया के चेयरमैन डॉ अरविन्द वर्मा ने मीडिया से कही। आगे डॉ वर्मा ने कहा पी के द्वारा डॉ दिलीप जायसवाल पर लगाया जाने वाला आरोप एक सोची समझी साजिश और दुर्भावना से ग्रस्त है, जो जातीयता और नफ़रत ही दर्शाता है। वे खुलकर पिछड़े कलवार समाज से आए प्रतिभावान डॉ दिलीप जायसवाल की छवि धूमिल करने की को कोशिश कर रहे हैं, जिसका कोई प्रभाव बिहार की आवाम पर नहीं पड़ने वाली है। डॉ जायसवाल अपने सुकर्म और मानवता के बल पर ही विगत बीस, पच्चीस वर्षों से सीमांचल के गांधी के नाम से चर्चित हैं। जब से भाजपा जैसी विश्व विख्यात पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद पर पदासीन हुए हैं तब से भाजपा की साख और लोकप्रियता पूरे बिहार में बढ़ी है। इससे अगड़ी जाति की छाती पर सांप लोट रहा है और पी के की मुख से असलियत सामने आ रही है। डॉ वर्मा ने जन सुराज के पी के जी से आग्रह किया है कि पहले अपने आपको देखें, फ़िर दूसरे पर आरोप लगाएं। ये तो ऐसा ही हो गया जैसे “चलनी दूसलक सुप के” । पी के साहब आपने पार्टी बनाई अच्छी बात है। अपनी पार्टी को संगठित, सुव्यवस्थित कर धारदार बनाने की कोशिश करें तभी आने वाले विधान सभा चुनाव में कड़ी टक्कर दे सकते हैं, औरों से। डॉ वर्मा ने पी के जी को सलाह देते हुए कहा आप आरोप प्रत्यारोप से बचें और बिहार को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की कोशिश करें।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)

The specified carousel id does not exist.


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

How Is My Site?

View Results

Loading ... Loading ...

Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Mytesta.com +91 8809666000