सीएम नीतीश द्वारा उद्घाटित, समाज कल्याण विभाग द्वारा निर्मित पर्यवेक्षण गृह का डीएम ने किया शुभारंभ, 50 किशोरों को रखने की है व्यवस्थाा

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सीएम नीतीश द्वारा उद्घाटित, समाज कल्याण विभाग द्वारा निर्मित पर्यवेक्षण गृह का डीएम ने किया शुभारंभ, 50 किशोरों को रखने की है व्यवस्थाा

डीएम के निरीक्षण करते समय प्रभारी सहायक निदेशक टेश लाल सिंह भी रहे मौजूद

ANA/Arvind Verma

खगड़िया। जिलाधिकारी डॉक्टर आलोक रंजन घोष ने समाज कल्याण विभाग, बिहार सरकार द्वारा निर्मित पर्यवेक्षण गृह का शुभारंभ किया, जो ईवीएम गोदाम के पास स्थित है। जिलाधिकारी ने घूम घूम कर इसका निरीक्षण किया और इसकी व्यवस्था के बारे में जानकारी भी ली। प्रभारी सहायक निदेशक, बाल संरक्षण इकाई टेशलाल सिंह ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि पर्यवेक्षण गृह से संबंधित सारे कर्मियों की नियुक्ति एवं योगदान हो चुका है।पर्यवेक्षण गृह में एक अधीक्षक, हाउस फादर, रसोईया, सहायक और सफाई कर्मी की नियुक्ति की गई है। इनके पर्यवेक्षण गृह के पीछे बने हुए हैं। पर्यवेक्षण गृह कि चारों ओर सुरक्षा की दृष्टि से ऊंची चहारदीवारी बनी हुई है ।जिलाधिकारी ने पर्यवेक्षण गृह की व्यवस्था एवं उपलब्ध सुविधाओं पर संतोष व्यक्त किया एवं आवश्यक निदेश भी दिया। किशोर न्याय अधिनियम, 2015 एवं बिहार किशोर न्याय नियमावली, 2017 के प्रावधानों के तहत समाज कल्याण विभाग द्वारा पर्यवेक्षण गृह का निर्माण कराया गया है। पहले उन्हें बाल सुधार गृह कहा जाता था किंतु अधिनियम के लागू होने के बाद इनका नाम बदल कर पर्यवेक्षण गृह रखा गया है। इस पर्यवेक्षण गृह का उद्घाटन विगत 08 अगस्त 2020 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किया गया था। इस पर्यवेक्षण गृह में अधिकतम 50 किशोरों को रखा जा सकता है। इनमें 18 वर्ष से कम आयु के विधि विवादित बच्चों का किशोर न्याय परिषद के निदेश के आलोक में संरक्षण एवं आवासन कराया जाता है । साथ ही इनके भोजन एवं शिक्षा की व्यवस्था के साथ अन्य सुधारात्मक गतिविधियां कराई जाती हैं। ऐसे 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को समाज के मुख्यधारा में लाने के लिए ही पर्यवेक्षक स्थापित किया गया है। विदित हो कि 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के किशोरों के विधि विवादित मामलों का निपटारा किशोर न्याय परिषद द्वारा किया जाता है। पर्यवेक्षण गृह में ही किशोर ने परिषद भी संचालित होगा और इसके प्रधान सदस्य एवं अन्य 2 सदस्यों के लिए भी कमरे बने हुए हैं। खगड़िया में शुभारंभ किए गए इस पर्यवेक्षण गृह में केवल विधि विवादित बालकों को रखा जाएगा, बालिकाओं को नहीं। निगरानी के लिए सीसीटीवी की भी व्यवस्था है, जिसकी मॉनिटरिंग राज्य स्तर से की जाती है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी यहां आवासीय किशोरों के मामलों की सुनवाई की जा सकेगी। खगड़िया और बेगूसराय जिले के विधि विवादित बालकों एवं किशोरों का आवासन इस पर्यवेक्षक गृह में किया जाएगा।

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