बचाव कार्य में लगाए जाने वालों का टीकाकरण 15 जून तक अवश्य कराएं – नीतीश, मुख्य मंत्री

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बचाव कार्य में लगाए जाने वालों का टीकाकरण 15 जून तक अवश्य कराएं – नीतीश, मुख्य मंत्री

सीएम, डिप्टी सीएम ने राज्य स्तरीय वर्चुअल बैठक में बाढ़ पूर्व तैयारियों का लिया जायजा

बैठक बाद डीएम ने अधीनस्थ अधिकारियों को कार्यों में तेज़ी लाने का दिया निर्देश

ANA/Arvind Verma

खगड़िया। संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ पूर्व तैयारियों पर मुख्यमंत्री, बिहार नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सभी जिलों के जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक कर गहन समीक्षा की गई। सभी प्रमंडलीय आयुक्त, आईजी एवं डीआईजी भी इस बैठक से जुड़े हुए थे। मुख्यमंत्री के साथ उप मुख्यमंत्री ताराकिशोर प्रसाद, शिक्षा मंत्री विजय चौधरी सहित अन्य संबंधित मंत्री भी बैठक में भाग लिए। बिहार के मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, कृषि विभाग के प्रधान सचिव एन. सरवन, नगर विकास एवं आवास आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर, लघु जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव रवि परमार,जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस, ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल सहित अन्य संबंधित विभागों के प्रधान सचिव भी इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग समीक्षा बैठक में राज्य स्तर से शामिल हुए और अपने विभाग संबंधित प्रस्तुतीकरण देते हुए उनके द्वारा बाढ़ एवं सुखाड़ के संभावित आगमन को देखते हुए की गई तैयारियों का विवरण संक्षेप में दिया। समीक्षा बैठक का प्रारंभ भारत मौसम विज्ञान केंद्र पटना द्वारा मौसम के पूर्वानुमान के संबंध में प्रस्तुतीकरण से हुआ। इस वर्ष बिहार में दीर्घावधिक औसत कका 101 प्रतिशत बारिश बिहार में मानसून काल में होने की संभावना है। 13-14 जून को मानसून बिहार में प्रवेश करेगा। इस समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा गत माह में बाढ़ सुखाड़ की पूर्व तैयारियों के संबंध में आयोजित समीक्षा बैठक में दिए गए निदेशों के अनुपालन की स्थिति की भी जानकारी प्राप्त की। आपदा प्रबंधन के अपर मुख्य सचिव ने बताया कि बिहार राज्य आपदा प्रबंधन विभाग से बैठक कर विगत वर्षों के बाढ़ के अनुभवों के आधार पर इन्हें संस्थागत रूप प्रदान किया जा रहा है अनुभवों को साझा किया जा रहा है। तटबंधों के भीतर बसे लोगों के बाढ़ के दौरान आपातकालीन निष्क्रमण के लिए माइक्रो प्लान भी तैयार कराया जा रहा है। अर्ली वार्निंग सिस्टम के माध्यम से सूचनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का प्लान तैयार किया गया है। बिहार स्टेट डिजास्टर रिस्पांस नेटवर्क के पोर्टल पर जिलों में उपलब्ध इक्विपमेंट एवं मशीनरी जैसे कि ट्रैक्टर जेसीबी मानव संसाधन इत्यादि की प्रविष्टि कराई जा रही है, ताकि आवश्यकतानुसार 24 घंटे के अंदर इन्हें बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में तैनात किया जा सके।मुख्य मंत्री द्वारा राहत सामग्री के क्रय हेतु टेंडर, पशु चारे का टेंडर, डॉक्टरों के दल के तैनाती, विस्थापित पशुओं के लिए शरण स्थल, तटबंधों की मरम्मति एवं निरीक्षण, सरकारी एवं निजी नावों की उपलब्धता एवं इनकी तैनाती, संकटग्रस्त समूहों की पहचान, आबादी निष्क्रमण की योजना, राहत शिविरों की पहचान एवं वहां आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता, मानव एवं पशु दवा की उपलब्धता, कोरोना संक्रमण के आलोक में प्रस्तावित शरण स्थलों में की जाने वाली व्यवस्था एवं इनकी साफ-सफाई, आपदा राहत के वितरण हेतु सही प्रभावितों की पहचान उनके एवं इनके खाते में जीआर राशि का भुगतान , एसडीआरएफ एवं एनडीआरएफ टीम के सदस्यों की तैनाती, आपदा कार्यों में सांसदों, विधायकों एवं जनप्रतिनिधियों से विचार- विमर्श, ग्रामीण सड़कों के गुणवत्तापूर्ण निर्माण एवं मरम्मति, कृषि इनपुट, वैकल्पिक फसल सूत्रण, चापाकल मरम्मति, भूगर्भ जल का स्तर, बाढ़ से मृत लोगों एवं पशुओं के मुआवजा राशि का भुगतान आदि को लेकर कई महत्वपूर्ण एवं आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने यास तूफान से हुई क्षति के बारे में भी जानकारी ली।मुख्य मंत्री द्वारा निर्देश दिया गया कि बचाव कार्य में लगाए जाने वाले सभी लोगों का टीकाकरण 15 जून तक करा दिया जाए। स्थानीय नाविकों एवं गोताखोरों के साथ सामुदायिक रसोई के रसोइयों का भी टीकाकरण कराया जाए। साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कोविड सैम्पलिंग की भी व्यवस्था हो। राहत सामग्रियों की दर एवं आपूर्तिकर्ता का जिन जिलों में निर्धारण नहीं हुआ था वहां इस कार्य को अविलंब पूरा करने का निर्देश मुख्यमंत्री द्वारा दिया गया। उन्होंने

नवगठित नगर पंचायतों में भी जलजमाव एवं नाला उड़ाही का कार्य कराने का निर्देश देते हुए कहा कि भाड़े के भवनों में भी इनका कार्यालय खोला जा सकता है। मुख्यमंत्री ने निदेश दिया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में सत्यापित परिवारों की डाटा एंट्री आपदा सम्पूर्ति पोर्टल पर किए जाने का कार्य 20-25 जून तक समाप्त करें‌। अपात्र परिवार या एक ही परिवार के एक से ज्यादा सदस्यों के नाम सूची से विलोपित करें। पूर्व में छोटे परिवारों का डेटाबेस में एंट्री कराएं एवं आधार के साथ जोड़ें। पीएफएमएस के माध्यम से सीधा पात्र लाभुकों के बैंक खाते में जीआर राशि का अंतरण किया जाए। मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को बाढ़- सुखाड़ की तैयारी से संबंधित क्षेत्रीय कार्य अविलंब पूरा करने का निर्देश दिया और पूर्व के वर्षों की भांति पूरी तैयारी करने का निर्देश दिया। इस दौरान कोविड गाइडलाइन का भी पालन किया जाना आवश्यक है। उन्होंने बाढ़ राहत शिविरों में पीपीई कीट, थर्मल स्कैनर, मास्क, सैनिटाइजर, ओआरएस घोल, हैलोजन टेबलेट्स इत्यादि की पर्याप्त व्यवस्था रखने हेतु आवश्यक तैयारियां करने का निर्देश भी दिया। समीक्षा बैठक के अंत में सुझाव आमंत्रित किए जाने पर जिलाधिकारी खगड़िया डॉक्टर आलोक रंजन घोष ने बाढ़ के दौरान बार-बार डूबने वाली सड़कों पर कालीकरण के बजाय इन्हें पीसीसी से निर्मित करने एवं सड़कों के नीचे कटाव को रोकने के लिए महत्वपूर्ण जगहों पर संरक्षणात्मक कार्य कराने का सुझाव दिया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के उपरांत जिलाधिकारी डॉ० आलोक रंजन घोष ने उपस्थित सभी पदाधिकारियों को मुख्यमंत्री से प्राप्त दिशा-निर्देश के आलोक में समय रहते बाढ़ एवं सुखाड़ की तैयारियों को अंतिम रूप देने का सख्त निर्देश दिया। उन्होंने सिविल सर्जन और जिला पशुपालन पदाधिकारी को बाढ़ के दौरान आवश्यक मानव दवाओं और पशु दवाओं का स्टॉक रखने का निर्देश दिया और साथ ही पर्याप्त संख्या में हैलोजन टेबलेट की उपलब्धता भी सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने बांध नियंत्रण प्रमंडल एक और दो के कार्यपालक अभियंताओं को स्ल्यूस गेट की ग्रीसिंग कराने और इसके पूर्णतः कार्यरत रहने के संबंध में सर्टिफिकेट देने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने सभी अंचल अधिकारियों को अविलंब कैंप लगाकर जीआर राशि वितरण हेतु बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के परिवारों की सूची को सत्यापित करने और आधार संख्या के साथ जोड़ने का निर्देश दिया। एक ही परिवार के एक से ज्यादा सदस्यों के नाम को सूची से विलोपित करने एवं पूर्व में छूटे हुए परिवारों को डेटाबेस में प्रविष्टि कराने का निदेश भी दिया। इस सूची को बाढ़ के समय पुनः सत्यापित कराया जाएगा और जो वास्तव में लाभ पाने के हकदार होंगे, उन्हें ही भुगतान किया जाएगा। उन्होंने अपर समाहर्ता एवं आपदा प्रभारी को इसका अनुश्रवण करने का निर्देश भी दिया। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक अमितेश कुमार, अपर समाहर्ता शत्रुंजय कुमार मिश्रा, उप विकास आयुक्त अभिलाषा शर्मा, अपर समाहर्ता सह जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी भूपेंद्र प्रसाद यादव, सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार सिंह, जिला पंचायती राज पदाधिकारी संजय कुमार वर्मा, आपदा प्रभारी टेशलाल सिंह, अधीक्षक अभियंता बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल अमर सिंह एवं गणेश प्रसाद सिंह, जिला पशुपालन पदाधिकारी विपिन बिहारी सिंह, सहायक अभियंता पीएचइडी प्रिंस कुमार सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी जिला मुख्यालय में उपस्थित थे।

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