समाहरणालय सभा कक्ष बना कोविड टीकाकरण सत्र स्थल, जहां अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने लिया टीका

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समाहरणालय सभा कक्ष बना कोविड टीकाकरण सत्र स्थल, जहां अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने लिया टीका

डीएम ने कहा मैंने टीके की दोनों डोज ले ली, टीका है पूर्णतया सुरक्षित

ANA/Arvind Verma

खगड़िया। जिलाधिकारी डॉक्टर आलोक रंजन घोष ने टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए और इसके प्रति अफवाहों, वहमों एवं प्रतिरोध को समाप्त करने के उपायों पर चर्चा करने के लिए लिए आप साक्षात अल्पसंख्यक समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ अपने कार्यालय प्रकोष्ठ में बैठक की एवं उनसे सुझाव प्राप्त किए।अल्पसंख्यक समुदाय के अन्य प्रतिनिधि भी वर्चुअल माध्यम से इस बैठक में भाग ले रहे थे।जिलाधिकारी ने उपस्थित अल्पसंख्यक समुदाय के प्रतिनिधियों को को जानकारी दी कि कोरोना का टीका पूर्णतया सुरक्षित है और उन्होंने स्वयं टीके की दोनों डोज ली है। टीका लगने से कोरोना होने पर भी मरीज की स्थिति गंभीर नहीं होती और मौत होने का खतरा नहीं रहता।टीका लेने पर कुछ लोगों को बुखार हो सकता है, किंतु यह दर्शाता है कि शरीर में एंटीबॉडी बनने की प्रक्रिया चालू हो गई है। 18 वर्ष से ऊपर आयु वर्ग के प्रत्येक व्यक्ति को समाज हित में टीका अवश्य लेना चाहिए। टीका लगाने से हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है, जो कोरोनावायरस से हमारे शरीर की रक्षा करता है।कोरोना टीका के प्रति कुछ लोग समाज में अफवाह, दुष्प्रचार एवं भ्रांतियां फैला रहे हैं, जोकि वैज्ञानिक धारणाओं पर आधारित नहीं हैं, इनका कोई मूल नहीं है। टीका लेने की वजह से किसी की जान नहीं जाती, हां व्यक्ति अन्य दीर्घकालिक बीमारियों से पीड़ित रहने पर मृत्यु का शिकार हो सकता है। जिन लोगों को डायबिटीज, कैंसर, हृदय रोग इत्यादि हो, उन्हें तो पहले ही टीका ले लेना चाहिए।जिलाधिकारी ने कहा कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के साथ सभी धर्मों के लोगों के बीच कोरोना टीका के प्रति गलत भ्रांतियों एवं अफवाहों का निराकरण करना है और लोगों को टीका लगवाने के लिए प्रेरित करना है।जिलाधिकारी ने उपस्थित प्रतिनिधियों को बताया सर्वाधिक शिक्षित राज्य केरल में 50% से अधिक लोगों ने टीका ले लिया है और वहां लोग पेड टीका भी ले रहे हैं। अल्पसंख्यक समुदाय के प्रतिनिधियों ने कहा कि वे अपने स्तर से अपने इलाके में टीकाकरण के लिए प्रचार प्रसार कर रहे हैं एक जनप्रतिनिधि ने बताया कि मुर्गियाचक, वार्ड नंबर 9 में 75% अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने टीका ले लिया है। बचपन में भी हम लोगों ने टीका लिया है और इससे फायदा ही हुआ है कोई नुकसान नहीं हुआ है। अकलियत वर्ग के लोग इस अफवाह के शिकार हैं कि टीका लगाने से लोग मर जाएंगे या नपुंसक हो जाएंगे। इस प्रकार की अफवाहों को पुराने वाले लोग हमारे जान और स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। मुसलमान वर्ग टीका के प्रति भ्रम के शिकार हैं। टीका सुरक्षित नहीं होता, तो इमारत शरिया एवं अन्य अल्पसंख्यक संस्थाएं टीकाकरण की हिमायत नहीं करतीं। सभी अल्पसंख्यक प्रतिनिधियों को अपने अपने इलाके में जिम्मेदारी निभानी चाहिए। जलकौड़ा, पिपरा लतीफ, गौड़ाशक्ति, मांदर ,चोढ़ली को जैसी बड़ी आबादी के क्षेत्रों में जिला पदाधिकारी को स्वयं पहुंच कर अफवाहों के खंडन का सुझाव प्रतिनिधियों ने दिया। इस पर जिलाधिकारी ने हामी भरते हुए कहा कि वे 1-1 अफवाह को दूर करने के लिए तैयार हैं और इस संबंध में हर सवाल का जवाब देंगे।जनप्रतिनिधियों ने एक स्वर में कहा की टीकाकरण अभियान को लोगों तक और हर घर तक पहुंचाएंगे। टीका से किसी को कोई नुकसान नहीं है। टीका लेने से हम अपने घरों, लोगों और बच्चों को कोविड-19 के संभावित तीसरे लहर से बचा सकते हैं। इमारते शरिया के रहनुमाओं ने अपने इमामों को निर्देशित किया है कि वे टीका लगाएं और इसके लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। सऊदी अरब में सरकार अपने नागरिकों को टीका दे रही है और बड़ी संख्या में लोग टीका ले भी चुके हैं। इसलिए टीका के संबंध में संदेह या वहम की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। सभी अल्पसंख्यक समाज के लोगों को टीका लेना चाहिए। जिस तरह लोग दूसरी लहर के आगमन पर यकीन नहीं कर रहे थे लेकिन फिर भी आया। ठीक उसी प्रकार संभावित तीसरी लहर और खतरनाक सिद्ध हो सकती है जिसमें छोटे-छोटे बच्चे भी प्रभावित हो सकते हैं। इससे बचने का एक उपाय है कि टीकाकरण को बढ़ाया जाए और सभी लोग टीका लें। डॉक्टरों से परामर्श ले और उनकी बात माने खुलकर वैक्सीन के पक्ष में ऐलान किया जाए। जिस प्रकार बारिश से बचने के लिए छाता जरूरी है उसी प्रकार कोरोना से बचने के लिए टीका जरूरी है। बैठक में उपस्थित उप विकास आयुक्त अभिलाषा शर्मा ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि वे भी एक छोटे बच्चे की मां है और बच्चे को कोविड से बचाने के लिए उन्होंने टीका ले रखा है। उन्होंने जिले में कोविड के पीक के समय ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत वृद्धि की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए बताया कि टीका लेने से संभावित तीसरी लहर में बच्चों,बुजुर्गों और परिवार के अन्य सदस्यों को सुरक्षा कवच प्राप्त रहेगी। जिलाधिकारी ने बताया की 6 माह में 6 करोड़ वयस्कों को टीकाकरण का महा अभियान बिहार में शुरू हो गया है। जिन लोगों ने टीका नहीं लिया है, वे अब भी टीका ले लें, ताकि संभावित तीसरी लहर से सुरक्षित हो सकें। मात्र किन्ही परिस्थितियों में टीका कुछ महीनों बाद लेना चाहिए यदि गर्भवती महिला हो या किसी को हाल ही में कोविड हुआ हो या उसे वर्तमान में बुखार हो। इनके अलावा अन्य सभी लोग टीका ले सकते हैं।इस बैठक में उपस्थित अल्पसंख्यक समुदाय के प्रतिनिधियों से चर्चा की गई, सुझाव लिए गए, उनके मन में उठ रही शंकाओं पर चर्चा की गई एवं टीकाकरण को सफल बनाने में सहयोग के लिए उनका आभार प्रकट किया गया। बैठक के उपरांत समाहरणालय सभागार में चल रहे टीकाकरण सत्र स्थल पर कुछ लोगों ने जिलाधिकारी की उपस्थिति में टीका भी लिया और इस दौरान अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी उन्हें दी गई। इस बैठक में अपर समाहर्ता शत्रुंजय कुमार मिश्रा, जिला शिक्षा पदाधिकारी राजदेव राम, डीपीओ समग्र शिक्षा शिवकुमार शर्मा, जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी हेमंत कुमार के साथ अल्पसंख्यक समुदाय के प्रतिनिधि मोहम्मद अब्बास कासमी, मोहम्मद अरशद कासमी, मोहम्मद साजिम, मोहम्मद मंसूर आलम, मोहम्मद अताउल्लाह, मोहम्मद अयूब अली सहित अन्य प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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