महान व्यक्तित्व के साथ निर्माता थे हरिलाल कुंज -परमहंस स्वामी आगमानन्द जी

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महान व्यक्तित्व के साथ निर्माता थे हरिलाल कुंज -परमहंस स्वामी आगमानन्द जी

ANA/S.K.Verma

भागलपुर। पूर्वोत्तर भारत के संत-साहित्यकार कीर्तिशेष श्री हरिलाल कुंज की जन्मशती-वर्ष पर शब्दयात्रा भागलपुर द्वारा ‘साक्षी हैं पीढ़ियाँ : हरिकुंज जन्मशती व्याख्यानमाला — 3’ का ऑनलाइन आयोजन किया गया। ‘हरिकुंज जन्मशती व्याख्यानमाला – 3’ की अध्यक्षता करती हुई सेवानिवृत्त प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी श्रीमती राधा शुक्ला ने कहा — उनके द्वारा संस्थापित ‘मीरा जयंती’ नारी जागरण, भक्ति और समर्पण की अद्भुत मिसाल थी जिसने राष्ट्रीय स्तर पर महिला प्रतिभाओं को मंच दिया। भागलपुर जिला जनसंपर्क विभाग के सेवानिवृत्त सहायक रेडियो अभियंता भरतनारायण प्रसाद ने कहा — मैं स्कूल में पढ़ता था जिज्ञासा थी कि फोटो कैसे छपता है ? एकबार पूछा तो मुझे ‘चित्रशाला’ लैबोट्री के अंदर सिखने के लिए भेज दिया, बाद में उन्होंने एक बोतल केमिकल, थोड़ा-सा हायपो, एक पैकेट चार-गुणा-चार का पेपर और एक प्रिंटिंग-फ्रेम दिया | बोले घर जाकर बनाना | वह प्रिंटिंग-फ्रेम आज भी मेरे पास उनकी यादों को ताजा किये हुए हैं। गोपाल सिंह ‘नेपाली’ आंदोलन के सक्रिय सामाजिक सदस्य रामरतन चुड़िवाला ने उन्हें ‘मीरा जयंती’ के माध्यम से भागलपुर को राष्ट्रीय पहचान दिलाने वाला बताया। भारत के सर्वगुण संपन्न संत परमहंस स्वामी आगमानन्द जी महाराज ने कहा — उनकी ‘तीन पीर’ कहानी पढ़ने से लगा कि वे एक श्रेष्ठ कहानीकार थे | ‘बाबरी मीरा’ नाटक का लेखन, निर्देशन, मंचन उन्हें उच्च कोटि के नाटककार पद पर प्रतिष्ठित करता है। गुरुग्राम हरियाणा से धार्मिक सामाजिक एवं राजनैतिक परिप्रेक्ष्य के टिप्पणीकार आनन्द वर्धन चौधरी ने कहा — धोती कुर्ता, चेहरे पर मोटी फ्रेम बाली चश्मा और कंधे तक लहराते काले घुंघराले बाल, यही छवि उभर आती है, जब हरिकुंज चाचा जी विचारों में आते हैं | वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी कुशल संगीतकार, बहुत अच्छे गायक, कवि, कहानीकार, नाटककार और रंगकर्मी थे | वायलिन कितनी प्यारी बजाते थे।बिहार के वरिष्ठ आध्यात्मिक फोटो पत्रकार मनोज सिन्हा ने कहा — उन्होंने कलाकार की कलामय दृष्टि, उसकी अलौकिक समझ, प्रतिभा-युक्त सूझ और वस्तुओं व प्रसंगों की आत्मा तक पहुँचने की भेदकता में अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया | मेरे जैसे अनेकों पाषाण को अपनेपन, स्नेह और फोटो-तकनीक की शिक्षा से शिवलिंग बना दिया।

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