सरकार के खजाने पर पहला हक आपदा पीड़ितों का, सीएम नीतीश ने गोगरी नारायणपुर तटबंध पर आश्रय लिए बाढ़ पीड़ितों से निरीक्षण के क्रम में कही

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सरकार के खजाने पर पहला हक आपदा पीड़ितों का, सीएम नीतीश ने गोगरी नारायणपुर तटबंध पर आश्रय लिए बाढ़ पीड़ितों से निरीक्षण के क्रम में कही

मुख्य मंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ पीड़ितों का दुःख दर्द जाना, भरपूर राहत सामग्रियों को देने का दिया निर्देश, मुंगेर कमिश्नर भी थे संग

ANA/Arvind Verma

खगड़िया। मुख्यमंत्री, बिहार नीतीश कुमार ने खगड़िया के परबत्ता अंचल के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र भरतखंड का दौरा किया और पीड़ितों को आपदा प्रबंधन नीति के तहत हर संभव मदद देने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री भागलपुर के नवगछिया से सड़क मार्ग से परबत्ता पहुंचे। उन्होंने गोगरी नारायणपुर बांध पर आश्रय लिए हुए बाढ़ प्रभावितों का दुःख दर्द जाना। जीएन बांध पर शरण दिए हुए बाढ़ प्रभावितों के बीच पॉलीथिन शीट, सुखा राशन, पशु चारा का वितरण किया जा चुका था। वहां अस्थाई शौचालय का निर्माण भी कराया गया है और पेयजल हेतु चापाकल लगाए गए हैं। गोगरी नारायणपुर तटबंध के भीतर बसे गांव कोरचक्का, दुधैला, बुद्धनगर, लौनियाचक, नयावास, सुमेही टोला, लक्ष्मीपुर, भरसों इत्यादि बाढ़ प्रभावित गांवों से आबादी को ऊंचे स्थानों पर विस्थापित किये जाने की जानकारी मुख्यमंत्री को दी गई।मुख्यमंत्री ने गोगरी नारायणपुर तटबंध पर बाढ़ शरणार्थियों को आपदा प्रबंधन विभाग के मानक संचालन प्रक्रिया के अनुरूप सरकारी मदद उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उन्होंने बाढ़प्रभावित क्षेत्र में चल रहे बाढ़ राहत शिविर का निरीक्षण भी किया। यह बाढ़ राहत शिविर राजकीयकृत उच्च विद्यालय भरतखंड में संचालित किया जा रहा था। इस शिविर में उन्होंने बाढ़ स्वास्थ्य शिविर का भी निरीक्षण किया, जहां कोविड टेस्टिंग एवं टीकाकरण कार्य भी चल रहा था। मुख्यमंत्री ने वहां चल रहे सामुदायिक रसोई को भी देखा और बाढ़ पीड़ितों से भोजन के गुणवत्ता के विषय में भी जानकारी ली।मुख्यमंत्री ने खड़ाधार स्लुईस गेट का भी निरीक्षण किया, जो जीएन तटबंध पर बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल एक के अंतर्गत आता है। जीएन तटबंध में रिसाव की घटनाओं के संज्ञान में आते ही बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अभियंता रिसाव विरोधी कार्य करते हैं। उन्होंने कोरचक्का में एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम को तैनात पाया, जो आपात स्थिति में लोगों की मदद करने के साथ विस्थापन कार्य में सहयोग करने के लिए लगाई गई थी। कोरचक्का में पशुचारा का वितरण बाढ़ पीड़ितों के बीच कराया गया। सुखा राशन के साथ पॉलीथिन शीट का वितरण के बारे में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया। परबत्ता में फूड पैकेजिंग केंद्र भी खोला गया है। मुख्यमंत्री के परबत्ता भ्रमण के दौरान आयुक्त, मुंगेर प्रेम सिंह मीणा, जिलाधिकारी डॉक्टर आलोक रंजन घोष, पुलिस अधीक्षक अमितेश कुमार, उप विकास आयुक्त अभिलाषा शर्मा, अपर समाहर्ता शत्रुंजय कुमार मिश्रा, सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार सिंह सहित अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे। सांसद चौधरी महबूब अली कैसर और परबत्ता विधायक डॉक्टर संजीव कुमार भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने सरकार के खजाने पर पहला हक आपदा पीड़ितों का मानते हुए बाढ़ से प्रभावित इलाके के लोगों को लाभ देने की सरकार की प्राथमिकता दुहराई। उन्होंने बताया कि 2016 में गंगा का जो जलस्तर था, वह इस वर्ष पार कर गया है, जिससे बाढ़ का बहुत अधिक प्रभाव पड़ा है। लेकिन सबको राहत देना है। मुख्यमंत्री सड़क मार्ग से परबत्ता पहुंचे थे और बाढ़ राहत संबंधी कार्यों का जायजा लेने के उपरांत हेलीकॉप्टर से रवाना हुए। बड़ी संख्या में दंडाधिकारियों को विधि व्यवस्था संधारण हेतु लगाया गया था।रवाना होने से पूर्व हेलीपैड पर मुख्यमंत्री ने एकत्रित भीड़ का अभिवादन स्वीकार किया‌। मुख्यमंत्री को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग हेलीपैड के इर्द-गिर्द भी एकत्रित हुए थे।

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