बिहार के 25 जिले बाढ़ से प्रभावित, सीएम ने की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक, बोले 05 अक्टूबर तक रहें अलर्ट

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बिहार के 25 जिले बाढ़ से प्रभावित, सीएम ने की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक, बोले 05 अक्टूबर तक रहें अलर्ट

खगड़िया ज़िले में बाढ़ से 16 करोड़ के फसल की हुई क्षति,74 प्रतिशत सिर्फ मक्का

समीक्षा बैठक में सीएम, दोनों डिप्टी सीएम, शिक्षा मंत्री सहित वरिष्ठ अधिकारी भी रहे मौजूद

ANA/Arvind Verma

खगड़िया। बिहार में बाढ़ एवं अल्प वृष्टि से उत्पन्न सुखाड़ स्थिति की समीक्षा हेतु 08 सितम्बर को मुख्यमंत्री, बिहार नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सभी जिलों के जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक आयोजित की गई। सभी प्रमंडलीय आयुक्त, आईजी एवं डीआईजी भी इस बैठक से जुड़े हुए थे। मुख्यमंत्री के साथ उप मुख्यमंत्री ताराकिशोर प्रसाद, उपमुख्यमंत्री रेणु देवी, शिक्षा मंत्री विजय चौधरी सहित अन्य संबंधित मंत्री भी बैठक में भाग लिए। बिहार के मुख्य सचिव त्रिपुरारि शरण, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, कृषि विभाग के प्रधान सचिव एन. सरवन सहित अन्य संबंधित विभागों के प्रधान सचिव भी इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग समीक्षा बैठक में राज्य स्तर से शामिल हुए और अपने विभाग संबंधी प्रस्तुतीकरण देते हुए उनके द्वारा बाढ़ के दौरान किए गए विभागीय कार्यों एवं संभावित सुखाड़ के लिए की जा रही तैयारियों का विवरण संक्षेप में प्रस्तुत किया गया। समीक्षा बैठक का प्रारंभ भारत मौसम विज्ञान केंद्र, पटना द्वारा मौसम के पूर्वानुमान के संबंध में प्रस्तुतीकरण से हुआ। इस वर्ष बिहार में सामान्य बारिश मानसून काल में होने की संभावना है। मात्र 4 जिलों पूर्णिया, सहरसा, लखीसराय और जमुई में अल्प वर्षा हुई है। आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव से प्रत्यय अमृत ने बताया कि बिहार में इस वर्ष अब तक तीन चरण में बाढ़ विभिन्न जिलों में आ चुका है चतुर्थ चरण की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। अतः सभी जिला पदाधिकारी एवं जल संसाधन विभाग के अभियंता सजग रहेंगे। बाढ़ से हुई क्षति का आकलन करने हेतु केंद्रीय टीम द्वारा दरभंगा एवं भागलपुर का दौरा किया गया है इस टीम द्वारा बिहार में चलाए गए राहत एवं बचाव कार्यों की प्रशंसा की है। विभिन्न विभागों से प्राप्त प्रारंभिक आकलन के आधार पर आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा 3763.85 करोड़ रुपए बाढ़ ज्ञापन केंद्रीय टीम को सौंपा है। इस समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा गत माह में बाढ़ सुखाड़ की पूर्व तैयारियों के संबंध में आयोजित समीक्षा बैठक में दिए गए निदेशों के अनुपालन की स्थिति की जानकारी प्राप्त की गई। मुख्यमंत्री द्वारा राहत सामग्री एवं सूखा राशन का वितरण, पॉलीथिन का वितरण, पशु चारे का वितरण, डॉक्टरों के दल के तैनाती, विस्थापित पशुओं के लिए शरण स्थल, तटबंधों की मरम्मति एवं निरीक्षण, नावों का परिचालन एवं प्रतिनियुक्ति, आबादी निष्क्रमण की संख्या, राहत शिविरों का संचालन एवं वहां कोविड-19 टीकाकरण एवं टेस्टिंग की स्थिति, मानव एवं पशु दवा की उपलब्धता, सभी बाढ़ प्रभावितों के खाते में जीआर राशि का भुगतान , एसडीआरएफ एवं एनडीआरएफ टीम के सदस्यों की तैनाती, ग्रामीण सड़कों के मरम्मति, कृषि क्षति का आंकलन, कृषि इनपुट, वैकल्पिक फसल सूत्रण, चापाकल मरम्मति, भूगर्भ जल का स्तर, बाढ़ से मृत लोगों एवं पशुओं के मुआवजा राशि का भुगतान आदि के संबंध में सभी जिलाधिकारियों से फीडबैक लिया और कई महत्वपूर्ण एवं आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कृषि विभाग के प्रधान सचिव ने बताया कि बिहार में धान 100% फसल आच्छादन हुआ है, जबकि मक्का, दलहन, तिलहन एवं गन्ने का 75% के आसपास फसल आच्छादन हुआ है। कृषि इनपुट अनुदान हेतु 720 करोड रुपए धनराशि की जरूरत है। बिहार में 25 जिलों के 217 प्रखंड और 2024 पंचायत बाढ़ प्रभावित हुए हैं। समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, वैशाली, सहरसा, पश्चिमी चंपारण, बेगूसराय, पूर्वी चंपारण, पटना, सारण, भोजपुर, कटिहार, लखीसराय, मुंगेर, खगड़िया और मधेपुरा विशेष रूप से प्रभावित हुए हैं। जिलाधिकारी डॉ आलोक रंजन घोष द्वारा भी समीक्षा के दौरान खगड़िया जिला में बाढ़ राहत हेतु किए गए कार्यों के बारे में विस्तार से बताते हुए फसल क्षति का वास्तविक आंकलन कराने की बात कही गई। उन्होंने बताया कि खगड़िया के 4 प्रखंडों के 42 पंचायतों में 11,151 हेक्टेयर कृषि भूमि पर बाढ़ से ₹16 करोड़ की फसल क्षति हुई है जिसका 74% हिस्सा मक्का फसल का है और शेष धान का। उन्होंने अलौली प्रखंड में बाढ़ के पूर्व किसानों द्वारा खेती नहीं करने की जानकारी दी। जिलाधिकारी ने इस वर्ष बाढ़ के दौरान गोगरी नारायणपुर तटबंध पर 249 स्थलों पर सीपेज के संबंध में बताते हुए इस तटबंध की ऊंचाई बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सोनमनखी गाइड बांध के संबंध में भी अध्ययन की आवश्यकता बताई, क्योंकि बागमती नदी की धारा बदल रही है जिसकी वजह से सोनमनखी पुल अनुपयोगी सिद्ध हो सकता है। इस पर मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी द्वारा उठाए गए मुद्दों को देखने का निर्देश संबंधित विभागों को दिया। बैठक में खगड़िया के 3 प्रखंडों के बागमती गंगा एवं कोसी नदी के पानी से लगातार बाढ़ग्रस्त होने के संबंध में चर्चा हुई और बताया गया कि बाढ़ के कारण किसान खेती नहीं कर पाए हैं जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान पहुंचा है। माना गया कि अगर बाढ़ नहीं आती तो किसान फसल लगाते। इस प्रकार के क्षेत्रों में भी फसल क्षति का लाभ प्रभावित किसानों को देने निर्देश माननीय मुख्यमंत्री द्वारा दिया गया। मुख्यमंत्री ने अल्प वर्षापात से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा के दौरान कृषि क्षति और इसके रकबा का आंकलन करने के लिए स्थल पर जाकर वेरिफिकेशन करने का निर्देश दिया। उन्होंने सभी जिले के प्रभारी मंत्रियों को जिले में जाकर कृषि क्षति की समीक्षा करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि कोई भी राहत से वंचित ना हो। मुख्यमंत्री ने 5 अक्टूबर तक बाढ़ के संबंध में अलर्ट रहने का निर्देश देते हुए कहा कि अभी बाढ़ का खतरा टला नहीं है। उन्होंने कृषि एवं अन्य नोडल विभागों को गंभीरता से बाढ़ एवं सुखाड़ की स्थिति को मॉनिटर करने का निर्देश दिया। ग्राम स्तर पर भी जानकारी प्राप्त करने का निर्देश दिया गया। प्रभारी मंत्रियों को जिले में जाकर समीक्षा बैठक करने का निर्देश मुख्यमंत्री द्वारा दिया गया। उन्होंने कहा कि बाढ़ के पानी की वजह से यदि कोई फसल नहीं लगा था, तो भी किसानों की मदद करनी है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के उपरांत जिलाधिकारी डॉ० आलोक रंजन घोष ने उपस्थित सभी पदाधिकारियों को मुख्यमंत्री से प्राप्त दिशा-निर्देश के आलोक में कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने जिला कृषि पदाधिकारी को कृषि क्षति का आकलन हेतु किसान सलाहकारों से सर्वे शुरू कराने का निर्देश दिया। इस समीक्षा बैठक के दौरान पुलिस अधीक्षक अमितेश कुमार, अपर समाहर्ता शत्रुंजय कुमार मिश्रा, उप विकास आयुक्त अभिलाषा शर्मा, सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार सिंह, आपदा प्रभारी टेशलाल सिंह, अधीक्षक अभियंता बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल अमर सिंह एवं गणेश प्रसाद सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी सहित अन्य संबंधित डिपार्टमेंट के पदाधिकारी जिलाधिकारी कार्यालय प्रकोष्ठ में उपस्थित थे।

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