विश्व एड्स दिवस पर कार्यशाला का हुआ आयोजन

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विश्व एड्स दिवस पर कार्यशाला का हुआ आयोजन

जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखा कर सिविल सर्जन ने किया रवाना

ANA/ ARVIND KUMAR VERMA

खगड़िया। सदर अस्पताल खगड़िया में आज विश्व एड्स दिवस के अवसर पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस मौके पर सीएस डॉक्टर अमरनाथ झा ने कहा कि यह दिन पूरी दुनिया को इस बीमारी के खिलाफ एक जुट होकर लड़ने का मौका देता है। एड्स पहली ऐसी बीमारी थी जिसके लिए सन् 1988 में पूरी दुनिया ने एक साथ होने के लिए 1 दिसंबर को चुना। इस अवसर पर जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखा कर सीएस अमरनाथ झा ने रवाना इयानोडल अधिकारी डॉक्टर रंजन कुमार सिंह ने बताया कि एआरटी सेंटर में खगड़िया जिला के अलावा मधेपुरा, सहरसा, सुपौल तथा समस्तीपुर, दरभंगा, बेगूसराय, मुंगेर के बॉर्डर एरिया के मरीजों का इलाज यहाँ के सेंटर में किया जाता है। लगभग 8 साल से खगड़िया सदर अस्पताल में संचालित एआरटी सेंटर कार्य कर रहा है जहां सभी का इलाज सुगम तरीके से किया जाता रहा है। इससे पहले उक्त सभी जिलों के मरीजों को भागलपुर स्थित मेडिकल कॉलेज अस्पताल जाना पड़ता था जिससे मरीजों को काफी परेशानी होती थी।

विश्व एड्स दिवस पर जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना करते हुए सीएस डॉ अमरनाथ झा, नोडल अधिकारी डॉ रंजन कुमार सिंह व अन्य

वहीं हेल्थ काउंसलर अभिलाष ने बताया की नियमित एआरटी दवा का सेवन करने से सभी मरीज एक सामान्य जीवन जी सकते है। संतुलित आहार का सेवन करने तथा रोजाना एक्सरसाइज करने से संक्रमित मरीज भी स्वास्थ्य रह सकते है। लोगों में झिझक छोड़ कर समय पर टेस्ट व ट्रीटमेंट करवाना चाहिए, ताकि समय पर उनका इलाज व दवा चल सके और स्वस्थ रह सके। आगे उन्होंने बताया कि अभी फिलहाल एआरटी सेंटर खगड़िया से लगभग 3100 मरीजों में से 2300 मरीज नियमित दवा का सेवन कर रहे है। वैसे मरीज जो दवा को बीच में ही किसी कारण से छोड़ देते है वैसे लोगों को सीएससी के माध्यम से खोज कर पुनः दवा शुरू करने की सलाह दिया जाता है। परामर्शी अभिलाष ने बताया कि गर्भवती संक्रमित मरीजों को ढूंढ कर उनका समय पर इलाज करवाना बहुत ही जरूरी है ताकि होने वाले शिशु को इस एचआईवी संक्रमण से बचाया जा सकें। जन्म के बाद बच्चे को नेविरपिन सीरप पिलाना भी अतिआवश्यक बताया है। इस कार्य के लिए एनजीओ की भी वयवस्था की गई है।

कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए नोडल अधिकारी डॉक्टर रंजन कुमार सिंह
विश्व एड्स दिवस पर कार्यक्रम के दौरान एआरटी सेंटर के कर्मी व नोडल अधिकारी। ( बाएं से अभिलाष, परामर्शी; ए एन एम नर्स मोनी कुमारी; लैब टेक्नीशियन मनोज कुमार; केअर कॉर्डिनेटर प्रशांत कुमार; नोडल अधिकारी डॉक्टर रंजन कुमार सिंह; फार्मासिस्ट संजय कुमार; डेटा मैनेजर मितेश कुमार)
विश्व एड्स दिवस पर आयोजित कार्यशाला में उपस्थित स्वास्थ्य कर्मचारी व अधिकारी

एचआईवी मरीज जिनको टीबी, कालाजार, हेपेटाइटिस जैसे अन्य अवसरवादी संक्रमण है, उसका विशेष इलाज एआरटी सेंटर में एएनएम नर्स मोनी कुमारी के नेतृत्व में किया जा रहा है। मोनी कुमारी ने बताया कि इस संक्रमण में सबसे जरूरी बात यह कि मरीज हर हाल में साफ-सफाई का ध्यान रखें। साफ वातावरण में रहें ताकि उन्हें किसी भी प्रकार का अवसरवादी संक्रमण ना लग पाएं। और यदि किसी भी कारण से ऐसे अवसरवादी संक्रमण एचआईवी मरीजों को हो भी जाता है तो इसका इलाज समय पर करना बहुत जरूरी है।

फार्मासिस्ट संजय कुमार ने बताया कि एआरटी सेंटर में दवा की अभी कोई कमी नही है। वैसे कभी अगर कमी की संभावना रहती भी है तो स्टेट व नेशनल लेवल पर ससमय कोर्डिनेट कर में दवा उपलब्ध करवा लिया जाता है।

डेटा मैनेजर मितेश कुमार ने बताया कि बिहार सरकार ने ऐसे मरीजों के लिए आर्थिक सहायता राशि देने के योजनाएं भी चला रही है। बिहार शताब्दी एड्स पीड़ित कल्याण योजना जिसके तहत सभी 18 वर्ष के ऊपर के मरीज जो नियमित दवा का सेवन कर रहे है उन्हें 1500 रुपया मासिक देने का प्रावधान है। वही 18 वर्ष के नीचे रहने वाले लाभुक को परवरिश योजना के तहत 1000 की राशि सामाजिक सुरक्षा विभाग की ओर से दिया जाता है। अभी फिलहाल 1250 वैसे मरीज जो इस योजना के पात्र है और जिन्होंने सभी आवश्यक कागजात जमा कर दिए है, पटना अग्रसारित कर दिया गया है, उन्हें सरकार द्वारा समय समय पर डायरेक्ट बैंक खाता में योजना की राशि जमा कर दी जाती है।

लैब टेक्नीशियन मनोज कुमार के अनुसार सभी मरीजों का दवा खाने के दौरान सीडी4 जांच और वायरल लोड की जांच आवश्यक है। इससे मरीजों के इलाज की रूपरेखा तैयार करने में डॉक्टर को काफी सहूलियत होती है। आईसीटीसी और पीपीटीसीटी के लैब टेक्नीशियन विजय कुमार और एजाज अख्तर ने बताया कि वैसे लोग जो अपनी जीविका कमाने के लिए परदेश जाते है उनमें अक्सर जागरूकता की कमी रहती है और जाने-अनजाने एचआईवी संक्रमण का शिकार खुद भी होते है और अपने घर परिवार के अन्य सदस्यों को भी संक्रमण के जाल में फसा जाते है। जरूरत है कि सरकार द्वारा जागरुकता अभियान साल के 365 दिन चलाये ताकि इस संक्रमण के चैन को तोड़ा जा सकें।
उपस्थित लोगों में प्रमुख थे – सीएस डॉ अमरनाथ झा, डॉ रविन्द्र नारायण, डॉ रंजन सिंह, डॉ देवनंदन पासवान, हेल्थ काउंसलर अभिलाष वर्मा, डेटा मैनेजर मितेश कुमार, फार्मासिस्ट संजय कुमार, नंद कुमार, मोहम्मद एजाज अहमद, विजय कुमार, निजामुद्दीन, माया कुमारी, मनीष कुमार, प्रशांत कुमार, संतोष कुमार, डॉक्टर राजीव कुमार, चंद्र मोहन प्रसाद, मुरारी शर्मा आदि।

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