जीवन में बड़ा बनकर जीता नहीं जा सकता, नम्रता से आगे बढ़ें – देवराह बाबा शिवनाथ दास

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जीवन में बड़ा बनकर जीता नहीं जा सकता, नम्रता से आगे बढ़ें – देवराह बाबा शिवनाथ दास

हनुमान जन्मोत्सव का दो दिवसीय समारोह का हुआ समापन

ANA/S.K.Verma

खगड़िया। हनुमान जन्मोत्सव के दो दिवसीय समारोह समापन के बाद खगड़िया से प्रस्थान करते समय देवराहा शिवनाथ दास जी महाराज ने अपने भक्तों के बीच मीडिया से वीर हनुमान जी का एक दृष्टांत दृश्य का चित्रण करते हुए कहा समुद्र पार करते समय जब मैनाक पर्वत ने हनुमंत लाल जी को प्रभु श्रीराम जी का दूत होने के नाते कुछ पल आराम करने के लिए कहा, तो हनुमान जी मैनाक को हाथ से छूकर उसे प्रणाम किया और बोले हे भाई! मैं श्रीराम जी के कार्य को पूर्ण किए बिना विश्राम नहीं कर सकता। यहाँ पर श्री हनुमंत लाल जी ने मैनाक के सामने चतुराई का प्रदर्शन किया। क्योंकि न तो उन्होंने उसकी विनती को स्वीकार किया न ही अस्वीकार। उन्होंने मैनाक पर्वत का मान रखते हुए उसे दोनों हाथ जोड़कर प्रणाम किया व आगे बढ़ गए। आगे बाबा शिवनाथ दास जी महाराज ने कहा वास्तव में सोने का पर्वत मैनाक सुख-समृद्धि का प्रतीक है। हनुमान जी अपने इस व्यवहार द्वारा हमें समझा रहे हैं कि-‘सुख सुविधओं के अंबार में भी अपने उद्देश्य को याद रखना चाहिए।’ एक सच्चा प्रभु भक्त कभी भी अपने सुख आराम के कारण प्रभु के कार्य को विस्मरण नहीं करता। भक्त विलासी नहीं उद्यमी होता है। उन्होंने यह भी कहा अपने लक्ष्य पर पूर्णतः केन्द्रित-जब श्री हनुमान जी माता सीता जी की खोज में आगे बढ़ते हैं, तो उनके सामने सुरसा राक्षसी आई। हनुमान जी को खाने के लिए जैसे ही उसने अपना विशाल मुख खोला, वैसे ही इन्होंने भी अपना आकार बढ़ा लिया। पिफर छोटे से बनकर सुरसा के मुख प्रवेश किया और बाहर आ गए। हनुमंत लाल अपने इस आचरण द्वारा हमें समझा रहे हैं कि, जीवन में कभी भी किसी को बड़ा बनकर नहीं जीता जा सकता। अपितु नम्रता ही हमें आगे लेकर जाती है। यहाँ पर हमें जीवन जीने की एक महत्वपूर्ण बात समझ आती है कि, अगर हनुमंत जी चाहते तो सुरसा से बढ़ कर उसे परास्त कर सकते थे। परंतु ऐसा करने से समय व ऊर्जा दोनों ही नष्ट होते। वे जानते थे कि इस समय मेरा उद्देश्य जल्द से जल्द माता सीता जी की खोज करना है। इसलिए मुझे केवल अपने लक्ष्य पर ही ध्यान केन्द्रित करना है। परंतु हम लोग अक्सर अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ते हुए आस-पास के लोगों के प्रति क्रिया-प्रतिक्रिया में फंसकर रह जाते हैं। खुद को बड़ा व उत्तम सिद्ध करने की होड़ में अपने लक्ष्य से भटक जाते हैं एवं किसी की भी नज़र में बड़े नहीं बन पाते। हनुमान जन्मोत्सव पर पूजन कार्यक्रम के यजमान थे अनिल कुमार और अमृता बजाज दोनों ने हवन भी किया। भजन मण्डली में आलमनगर की शबनम कुमारी, किरण कुमारी द्वारा प्रस्तुत भजनों का लोगों ने आनन्द उठाया। उपस्थित भक्तों में प्रमुख थे डॉ लाल बिहारी गुप्ता, दिलीप भगत, सुरेन्द्र चौधरी, ध्रुव कुमार, संतोष चौधरी, डॉ अरविन्द वर्मा, ललित सिंह, संजीव, गुडुल, गौतम, पप्पू, रणवीर सिंह, राजेन्द्र चौधरी, नवीन कुमार, राजेश पासवान, प्रभास पासवान मनोज कुमार मनोहर तथा मोहन सिंह आदि।

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