शनि मंदिर में मना जन्मोत्सव समारोह, शनि की प्रतिमा पर तेल अभिषेक को भीड़ उमड़ी

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शनि मंदिर में मना जन्मोत्सव समारोह, शनि की प्रतिमा पर तेल अभिषेक को भीड़ उमड़ी

शनि देव को प्रसन्न कर दूर करें मानसिक, आर्थिक और मानसिक परेशानियां – पंडित विनोद शर्मा

ANA/Arvind Verma

खगड़िया। ज़िला मुख्यालय में एसडीओ रोड स्थित शनि मंदिर में शनि जन्मोत्सव समारोह धूमधाम से मनाया गया। सुबह से ही भगवान शनि की प्रतिमा पर तेल अभिषेक करने श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा, जहां मंदिर के पुजारी पंडित विनोद शर्मा ने वैदिक मंत्रोचारण से भगवान शनि प्रतिमा पर तेल अभिषेक कराया और भक्तों को आशीर्वाद दिया। संध्या बेला में महा आरती का भी आयोजन हुआ जिसमें सैकडों महिलाएं, पुरुष और बच्चे शामिल हुए। देर रात तक शनि भगवान से संबंधित गीत व भजन का प्रसारण चलता रहा। खीर और जलेबी का प्रसाद वितरण होता रहा। पंडित विनोद शर्मा के अनुसार शनि जयंती हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। ऐसी मान्यता है, कि इसी दिन भगवान शनि का जन्म हुआ था। भगवान शनि सूर्य देवता के पुत्र हैं। हिंदू शास्त्र के अनुसार शनि देव कैसे भगवान हैं, जो व्यक्ति को उसके कर्म के अनुसार से फल देते हैं । यदि किसी की कुंडली में शनि की स्थिति खराब हो जाए, तो वह व्यक्ति मानसिक, आर्थिक और शारीरिक रूप से हमेशा परेशान रहता है। ऐसे लोगों को भगवान शनिदेव को प्रसन्न करना चाहिए।पौराणिक कथा के अनुसार सूर्य देव की शादी राजा दक्ष की पुत्री संज्ञा से हुई थी। सूर्य देवता के 3 पुत्र मनु, यमराज और यमुना थे। एक बार संज्ञा ने अपने पिता दक्ष से सूर्य के तीज के बारे में बताया। लेकिन राजा दक्ष ने अपनी पुत्री के बाद का ध्यान नहीं दिया और उन्होंने कहा कि तुम सूर्य देवता की अर्धांगिनी हो। पिता के ऐसा कहने पर संज्ञा ने अपने तपोबल से अपनी छाया को प्रकट की। जिसका नाम उन्होंने संवर्णा रखा। आगे चलकर छाया ने शनि देव को जन्म दिया। भगवान शनि देवता का वर्ण बेहद श्याम था। लेकिन जब सूर्य देवता को इस बात का पता चला कि उसकी संवर्णा उनकी अर्धांगिनी नहीं है, तो सूर्य देवता ने शनिदेव को अपना पुत्र मानने से इनकार कर दिया। उसी समय शनि देव की दृष्टि सूर्य देव पर पड़ी, जिसकी वजह से वह काले हो गए। तब सूर्य देवता शिव जी के शरण में गए। तब शिव जी ने उन्हें छाया (संवर्णा) से क्षमा मांगने को कहा। भगवान शंकर के ऐसा कहने पर भगवान सूर्य ने छाया से क्षमा मांगी।

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