पर्यावरण की रक्षा करें, अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए – केo एसo सुंदरम, मुख्य महाप्रबंधक

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पर्यावरण की रक्षा करें, अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए – केo एसo सुंदरम, मुख्य महाप्रबंधक

ANA/S.K.Verma

बेगूसराय। भारत की सबसे बड़ी एकीकृत विद्युत कंपनी एनटीपीसी ने विश्व पर्यावरण दिवस पर पौधारोपण से पर्यावरण के लिए अपनी प्रतिबद्धता को सशक्त बनाने के साथ पर्यावरण संरक्षण की शपथ लिया। एनटीपीसी बरौनी के गंगा भवन में इस वर्ष के पर्यावरण दिवस थीम ”केवल एक पृथ्वी है” पर आधारित कार्यक्रम की शुरुआत शपथ ग्रहण से हुआ। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य महाप्रबंधक के.एस. सुंदरम ने पर्यावरण से होने वाले अंतहीन लाभों पर प्रकाश डाला तथा सभी से अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए पर्यावरण की रक्षा और उसे बनाए रखने की दिशा में सामूहिक रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने प्रचलित जलवायु परिवर्तन पर भी जोर दिया तथा आत्मनिरीक्षण करने की दूसरों को प्रेरित करने के लिए व्यक्तिगत प्रयास करें, क्योंकि हमारे पास केवल एक पृथ्वी है।उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के तहत एनटीपीसी कई स्थायी पहल कर रही है। आइकॉनिक सप्ताह समारोह के दौरान एनटीपीसी अपने विभिन्न विद्युत स्टेशनों पर विशाल पौधारोपण अभियान आयोजित कर रहा है।उपभोक्ताओं को स्थायी एवं किफायती विद्युत उपलब्ध कराने के प्रयासों को जारी रखते हुए एनटीपीसी ने यूएन में एनर्जी कॉम्पैक्ट लक्ष्यों की घोषणा की तथा दुनिया में ऐसा करने वाली पहली विद्युत कंपनी है। विश्व पर्यावरण दिवस पर एनटीपीसी पर्यावरण के लिए अपनी प्रतिबद्धता को और भी सशक्त बना रही है। विद्युत जगत की यह दिग्गज हाइड्रोजन, कार्बन, बैटरी संग्रहण, इलेक्ट्रिक परिवहन और अपशिष्ट से ऊर्जा के क्षेत्रों में अवसरों पर सक्रियता से काम करती रही है। इसी दिशा में केंद्रित दृष्टिकोण अपनाते हुए हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड की शुरूआत की गई। 2032 तक कंपनी ने नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से 60 गीगावॉट क्षमता का लक्ष्य तय किया है। राष्ट्रीय जल मिशन के मद्देनजर एनटीपीसी स्थायी उपयोग द्वारा वॉटर फुटप्रिन्ट के अनुकूलन के लिए भी प्रतिबद्ध हैै। अपनी इसी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए एनटीपीसी ने सीईओ वॉटर मेंडेट पर भी हस्ताक्षर किए जो यूएनजीसी एवं जल से जुड़े मुद्दों पर काम करने वाले विशेष संगठनों के बीच सहयोगपूर्ण साझेदारी है। उन्होंने कहा कि एनटीपीसी ने आधुनिक तकनीकों एवं इनोवेशन्स के माध्यम से स्थायी पहलों को अपनाकर ना सिर्फ कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने में मदद की है, बल्कि जैव विविधता (बायोडाइवर्सिटी) के संरक्षण, संवर्धन एवं पुनर्वास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कंपनी ने इस क्षेत्र में व्यापक दृष्टिकोण एवं मार्गदर्शक सिद्धान्तों की स्थापना के लिए नवीकृत जैवविविधता नीति (बायोडाइवर्सिटी पॉलिसी) 2022 भी जारी की है। 2018 में जैवविविधता नीति जारी करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की पहली उपक्रम एनटीपीसी उसी साल इंडियन बिजनेस एंड बायोडाइवर्सिटी इनीशिएटिव (आईबीबीआई) की सदस्य भी बन गई। एनटीपीसी ने अपने संचालन से उत्पन्न होने वाली अपशिष्ट के लिए रीड्यूस, रीयूज और रीसायकल के माध्यम से सकुलर इकोनोमी को लागू किया है। पूरी तरह से कागज रहित प्रक्रिया को अपनाकर अब तक चार करोड़ से अधिक कागज बचाया जा चुका है, जो करीब पांच हजार वृक्षों के बराबर है। इसके साथ ही एनटीपीसी ने अपनी परियोजनाओं और उसके आस-पास 37 मिलियन से अधिक पौधा लगा चुकी है।

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