समाज कल्याण मंत्री सह प्रभारी मंत्री मदन सहनी ने बैठक में की समीक्षा, दिए आवश्यक निर्देश

जल जीवन हरियाली अभियान के तहत हुई ज़िला स्तरीय परामर्श दात्री समिति की बैठक

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समाज कल्याण मंत्री सह प्रभारी मंत्री मदन सहनी ने बैठक में की समीक्षा, दिए आवश्यक निर्देश

जल जीवन हरियाली अभियान के तहत हुई ज़िला स्तरीय परामर्श दात्री समिति की बैठक

ANA/Arvind Verma

खगड़िया । समाज कल्याण विभाग, बिहार सरकार के मंत्री सह प्रभारी मंत्री, खगड़िया जिला मदन सहनी की अध्यक्षता में समाहरणालय सभाकक्ष में जल जीवन हरियाली अभियान अंतर्गत जिला परामर्शदात्री समिति की बैठक आयोजित की गई एवं महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी डॉक्टर आलोक रंजन घोष ने पौधा भेंटकर मंत्री का स्वागत किया। इस बैठक में विधायक बेलदौर पन्नालाल सिंह पटेल, विधायक अलौली रामवृक्ष सदा, जिला परिषद अध्यक्षा कृष्णा यादव, परामर्श दात्री समिति के उपाध्यक्ष सोनेलाल मेहता, साधना देवी एवं अन्य सदस्य सम्मिलित हुए। इनके अलावा विभिन्न राजनीतिक दलों के अध्यक्ष एवं प्रखंड प्रमुख भी बैठक में शामिल हुए। सभी माननीय जनप्रतिनिधियों का स्वागत पौधा देकर किया गया।
जिलाधिकारी डॉ आलोक रंजन घोष ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से जिले में जल जीवन हरियाली अभियान अंतर्गत चल रहे योजनाओं एवं संरचनाओं के निर्माण के संबंध में मंत्री एवं अन्य सदस्यों को अवगत कराया। बैठक के प्रारंभ में 2019 में अंतिम बार हुई जिला परामर्शदात्री समिति बैठक के कार्रवाई के अनुपालन के बिंदुओं पर विभिन्न पदाधिकारियों से जवाब लिया गया। इस क्रम में जिला मत्स्य पदाधिकारी से जलकर/ धार की सूची, उनके जीर्णोद्धार की आवश्यकता, अतिक्रमण के मामलों एवं जलकरों के अवैध जमाबंदियों के संबंध में अनुपालन प्रतिवेदन प्राप्त किया गया। जिलाधिकारी ने चौर विकास योजना के अंतर्गत अद्यतन प्रगति के संबंध में भी माननीय मंत्री को अवगत कराया। माननीय मंत्री ने जलकरों के जीर्णोद्धार कार्य में प्रगति लाने के साथ मत्स्य संपदा योजना को प्रचारित करने का निर्देश भी दिया। जिलाधिकारी ने कसरैया धार जलकर के जीर्णोद्धार, वहां मत्स्य पालन की संभावनाओं के साथ पर्यटन के विकास के दृष्टिकोण से प्रोजेक्ट बनाकर सरकार को समर्पित करने एवं राज्य स्तरीय कमेटी द्वारा इस जलकर के भ्रमण के संबंध में जानकारी दी। मंत्री ने लघु जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता को काम में अपेक्षित तेजी लाने का निर्देश देते हुए कहा कि इन्हें गंभीरता से योजनाओं का प्राक्कलन तैयार कर विभागीय स्वीकृति प्राप्त करते हुए इन पर कार्य प्रारंभ कर इन्हें पूर्ण कराना होगा। कार्यपालक अभियंता द्वारा मात्र 9 योजनाओं का प्राक्कलन भेजा जाना खेदजनक है। राजेंद्र सरोवर के जीर्णोद्धार एवं इसके भिंडा पर वृक्षारोपण के संबंध में जिलाधिकारी ने बताया कि इससे संबंधित मामले में न्यायालय का आदेश आने पर कार्य करा लिया जाएगा। चयनित विद्यालयों एवं अस्पतालों में सोख्ता निर्माण का कार्य पूर्ण करते हुए छत वर्षा जल संचयन का कार्य किया जा रहा है। मंत्री ने निर्देश दिया कि जल संचयन की संरचनाओं को कोई क्षति न पहुंचाए इस पर भी ध्यान देना होगा। जिलाधिकारी ने बताया कि जल जीवन हरियाली अंतर्गत जल संचयन के संरचनाओं के अनुरक्षण की कोई नीति नहीं है, लेकिन कार्यकारी एजेंसी अपने स्तर से इसके अनुरक्षण का कार्य कर सकती है। नगर परिषद क्षेत्र में जल जमाव को देखते हुए पोस्ट ऑफिस के पास पम्प हाउस की आवश्यकता पर बल देते हुए नगर परिषद खगड़िया क्षेत्र में नाला निर्माण के संबंध में प्रस्ताव एवं सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का प्लान बुडको के पास भेजे जाने की जानकारी मंत्री को दी। इटवां नाला से पूर्व में सिंचाई होने एवं वर्तमान में इसके अतिक्रमित होने की जानकारी जिला परामर्शदात्री समिति के सदस्यों द्वारा दी गई। जिलाधिकारी ने बताया कि मनरेगा से इसमें जमा सिल्ट हटाया जा सकता है। साथ ही अतिक्रमण को हटाने के संबंध में भी कार्रवाई की जाएगी। सदस्यों द्वारा कोसी नदी से अवैध मिट्टी कटाई, चौर की उड़ाही, जल निकासी एवं अन्य विषयों पर भी ध्यानाकर्षण कराया गया। मानसी के राजाजान में पशु चिकित्सालय के अतिक्रमण मुक्त होने, राजेंद्र चौक से बखरी बस स्टैंड जाने वाली स्टेशन रोड की मरम्मत एवं निर्माण के संबंध में अद्यतन स्थिति, बाईपास के निर्माण, रेलवे ओवरब्रिज पर लाइट की व्यवस्था के संबंध में भी जिलाधिकारी ने माननीय मंत्री को अवगत कराया। जल जीवन हरियाली अभियान अंतर्गत सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं के अतिक्रमण मुक्त होने के संबंध में जिलाधिकारी ने बताया कि 124 अतिक्रमित संरचनाओं में से 121 को अतिक्रमण मुक्त कराया जा चुका है। दो मामले न्यायालय वाद के अधीन हैं। लघु जल संसाधन विभाग द्वारा 5 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल के सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं के जीर्णोद्धार हेतु चयनित 5 में से 4 संरचनाओं का कार्य पूर्ण कराया गया है, जबकि ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 5 एकड़ से कम क्षेत्रफल के 639 चयनित संरचनाओं में से मात्र 44 संरचनाओं का कार्य पूर्ण किया गया है। मंत्री ने सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं के जीर्णोद्धार कार्य में प्रगति लाने का निर्देश दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि छोटे तालाबों को जीर्णोद्धार हेतु चयनित किया जा सकता है। जिलाधिकारी ने छाड़न पर मनरेगा से काम कराए जाने की बात कही। मंत्री ने मृत नदी की धार की साफ सफाई कराने के लिए योजना बनाने का निर्देश दिया। जल जीवन हरियाली अभियान अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थित 609 सार्वजनिक कुएं में से 456 का जीर्णोद्धार कराया जा चुका है, जबकि शहरी क्षेत्र में अवस्थित 58 में से मात्र 38 कुओं का जीर्णोद्धार हुआ है। कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद गोगरी को अपने क्षेत्र में बचे हुए 20 कुओं के जीर्णोद्धार कार्य में प्रगति लाने का निर्देश दिया गया।सार्वजनिक कुआं एवं चापाकल किनारे सोख्ता निर्माण एवं अन्य जल संचयन संरचनाओं के निर्माण के प्रगति के संबंध में जानकारी दी गई कि ग्रामीण क्षेत्रों में 1029 में से 829 चापाकलों के किनारे सोख्ता निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है, जबकि 514 में से 509 कुओं के किनारे जल संचयन संरचना का निर्माण पूर्ण हो गया है। इसी प्रकार शहरी क्षेत्रों में भी कुओं एवं चापाकलों के किनारे जल संचयन संरचनाओं के निर्माण का कार्य संतोषजनक है। जल जीवन हरियाली अभियान अंतर्गत नए जल स्रोतों के सृजन के संबंध में जिलाधिकारी ने बताया कि ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कार्य प्रारंभ 58 में से 39 संरचनाओं के निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इसी प्रकार कृषि विभाग द्वारा 4 में से 4 एवं पशु एवं मत्स्य विभाग द्वारा 42 में से 33 संरचनाओं का निर्माण पूर्ण करा लिया गया है। भवनों में छत वर्षा जल संचयन संरचनाओं के निर्माण में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं अन्य विभागों की उपलब्धि संतोषजनक है। 207 भवनों में छत वर्षा जल संचयन के लक्ष्य के विरुद्ध 197 संरचना का कार्य पूर्ण हो चुका है। जल जीवन हरियाली अभियान अंतर्गत वन विभाग द्वारा 4 पौधशालाओं का निर्माण किया गया है। वन विभाग द्वारा 35562 एवं ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा 170000 पौधे लगाए गए हैं। जल जीवन हरियाली अभियान अंतर्गत कृषि विभाग द्वारा 2015 एकड़ में जैविक खेती एवं 19 एकड़ में टपकन विधि से सिचाई की व्यवस्था कराई गई है। मंत्री ने इनके प्रचार प्रसार करने एवं लाभुकों की संख्या एवं क्षेत्रफल बढ़ाने का निर्देश दिया। मंत्री ने फसल अवशेष प्रबंधन एवं पराली को जलाने की घटनाओं को रोकने का निर्देश देते हुए कहा कि यह भी हरियाली एवं पर्यावरण के संरक्षण के लिए आवश्यक है। अभियान अंतर्गत सौर ऊर्जा उपयोग को प्रोत्साहित करने एवं ऊर्जा की बचत के संबंध में जिलाधिकारी ने मंत्री को जानकारी दी कि 476 सरकारी भवनों में सोलर प्लांट लगाने का लक्ष्य तय किया गया है। अक्टूबर 2021 के विद्युत विपत्र की तुलना में अक्टूबर 2022 में विद्युत विपत्र में लगभग 10% की कमी आई है। वर्तमान में 28 सरकारी भवनों में सौर ऊर्जा का प्रयोग हो रहा है। जिलाधिकारी ने बताया कि सरकारी भवनों, विद्यालयों एवं अस्पतालों में सौर ऊर्जा संबंधी प्लांट अधिष्ठापन करने के साथ प्रखंड कार्यालयों को भी इस योजना का लाभ दिया जाएगा। कार्यपालक अभियंता, विद्युत आपूर्ति द्वारा बताया गया कि निजी व्यक्ति/ लाभुक को ग्रिड से जोड़ने के लिए तार खुद खरीदना है, जिसकी वजह से ग्रिड से जोड़ने में समस्या आ रही है। मंत्री ने तार पर व्यय को भी योजना प्राक्कलन में शामिल करने का निर्देश दिया।जिलाधिकारी द्वारा अमृत सरोवर के संबंध में भी जानकारी देते हुए बताया कि जिले को मिले 75 लक्ष्य के तुलना में 81 सरोवरों को चयनित करते हुए 13 के निर्माण का कार्य पूर्ण करा लिया गया है, जबकि 8 संरचनाओं पर कार्य जारी है। मंत्री ने बैठक की समाप्ति के दौरान संबोधित करते हुए कहा कि जल जीवन हरियाली अभियान एक ऐसी योजना है, जिसकी शुरुआत मुख्यमंत्री ने काफी विमर्शोपरांत की थी। यह मनुष्यों से लेकर सभी जीवों के हित में है। पर्यावरण संरक्षण एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बन चुका है तथा संयुक्त राष्ट्र संघ भी इस पर चिंता जताती रहती है। पर्यावरण संबंधी मुद्दों के समाधान की शुरुआत बिहार के मुख्यमंत्री द्वारा ही प्रारंभ किया गया और बाद में यह अन्य राज्यों द्वारा अपनाया गया है। बिहार में कल कारखाने कम हैं, इस वजह से प्रदूषण भी कम है। फिर भी आने वाली पीढ़ियों के लिए बिहार में इसकी शुरुआत की गई है। सभी लोगों की सहभागिता इस अभियान को सफल बनाने में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। यह जीवन से जुड़ा हुआ विषय है और इस बात की जानकारी भी सबको होनी चाहिए। वृक्षों की रक्षा करना भी हमारा दायित्व है। पर्यावरण बचा रहेगा, तभी समय पर बारिश होगी और किसानों का हितसाधन होगा। पानी का भूमिगत जलस्तर निरंतर गिरता जा रहा है, इसलिए भी छत वर्षा जल संचयन एवं सोख्ता निर्माण कर भूमिगत जल स्रोत को रिचार्ज करना अत्यंत आवश्यक है। लोग अपने घरों में भी जल संचयन का कार्य करें। बाढ़ के समय जितना पानी नदी में रहता है, अन्य दिनों में उतना पानी नहीं रहता है। नदियों में जमे गाद की उड़ाही भी इस योजना से होनी है। जल जीवन हरियाली एक उत्कृष्ट योजना है और सभी जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों एवं अभियंताओं की भूमिका इसे मूर्त रूप प्रदान करने एवं सफल बनाने के लिए आवश्यक है। अधूरे कार्यों को समय पर पूरा करना भी हमारा दायित्व है। इसके लिए बिहार सरकार द्वारा 24524 करोड रुपए का प्रावधान किया गया था। हमारा दायित्व है कि इसकी कमियों को दूर करते हुए समय पर कार्यों को पूर्ण करें और अभियान को सफल बनाएं। इस समीक्षात्मक बैठक में जिलाधिकारी डॉक्टर आलोक रंजन घोष, अधीक्षक अमितेश कुमार, के अलावा उप विकास आयुक्त संतोष कुमार, सिविल सर्जन डॉ अमरनाथ झा, निदेशक, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण मोहम्मद शहादत हुसैन, जिला पंचायती राज पदाधिकारी मोहम्मद फैयाज अख्तर सहित सभी संबंधित विभागों एवं तकनीकी विभागों के जिला स्तरीय पदाधिकारियों ने भी भाग लिया।

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