20 अप्रैल की सुबह 07.05 बजे लगेगा सूर्य ग्रहण जो दोपहर 12.29 तक रहेगा

ग्रहण काल में करें महामृत्युंजय मंत्र का जाप - महर्षि अरविन्द

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20 अप्रैल की सुबह 07.05 बजे लगेगा सूर्य ग्रहण जो दोपहर 12.29 तक रहेगा

ग्रहण काल में करें महामृत्युंजय मंत्र का जाप – महर्षि अरविन्द

ANA/Indu Prabha

खगड़िया। अंतर्राष्ट्रीय आध्यात्मिक केन्द्र द्वारा ज़ारी प्रैस विज्ञप्ति के अनुसार 20 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर लगेगा। यह ग्रहण दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगा। सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 24 मिनट की रहने वाली है। अंतर्राष्ट्रीय आध्यात्मिक केन्द्र के संस्थापक महर्षि अरविन्द ने मीडिया से कहा विज्ञान में सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना बताया है लेकिन पौराणिक मान्यता के अनुसार ग्रहण के लिए राहु-केतु को जिम्मेदार माना गया है। समुद्र मंथन के समय स्वरभानु अमृतपान करने के लिए छल से देवताओं के बीच बैठ गया था जिसे चंद्र और सूर्य देव पहचान गए और सारा वृतांत मोहिनी का रूप धरकर अमृतपान करवा रहे विष्णु जी को बता दिया। आगे उन्होंने कहा श्रीहरि ने क्रोध में आकर स्वरभानु का सिर धड़ से अलग कर दिया। राक्षस का सिर राहु और धड़ केतु कहलाया। भेद खुलने के कारण राहु-केतु की चंद्र और सूर्य देव से दुश्मनी हो गई। यही वजह है कि समय-समय पर राहु-केतु, चंद्र और सूर्य को ग्रसित करते हैं तभी सूर्य और चंद्र ग्रहण लगता है। महर्षि अरविन्द ने कहा
सूर्य ग्रहण में करें इस शक्तिशाली मंत्र का जाप। ग्रहण और सूतक काल में पूजा की मनाही है लेकिन मंत्र का जाप करना अच्छा माना जाता है. इससे ग्रहण के अशुभ प्रभाव का असर नहीं होता। ग्रहण के समय महामृत्युंजय मंत्र का उच्चारण या फिर तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन। हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥ या विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत। दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्॥२

20 अप्रैल को लगने वाले सूर्य ग्रहण को वैज्ञानिकों ने हाइब्रिड सूर्य ग्रहण का नाम दिया है. इस ग्रहण को अंटार्कटिका, थाईलैंड, चीन, बरूनी, सोलोमन, फिलीपींस, ताइवान, पापुआ न्यू गिनी, कंबोडिया, इंडोनेशिया, वियतनाम, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, जापान, फिजी, पूर्व और दक्षिण एशिया, प्रशांत महासागर, अंटार्कटिका और हिंद महासागर में देखा जा सकेगा. लेकिन भारत में यह सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा. हालांकि NASA द्वारा हाइब्रिड सूर्य ग्रहण की घटना की लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी, जिसके माध्यम से आप इस दुर्लभ ग्रहण को देख सकते हैं.

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