बाढ़ग्रस्त क्षेत्र के हजारों हेक्टेयर ज़मीन में लगे धान, मक्का और दूसरा फसल पूरी तरह हो चुका बर्बाद, बाढ़ पीड़ित हकलान

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बाढ़ग्रस्त क्षेत्र के हजारों हेक्टेयर ज़मीन में लगे धान, मक्का और दूसरा फसल पूरी तरह हो चुका बर्बाद, बाढ़ पीड़ित हकलान

बाढ़ पीड़ितों का दर्द जानने, देखने और सुनने सीपीएम नेता पहुंचे बाढ़ग्रस्त क्षेत्र

ANA/Arvind Verma

खगड़िया। सीपीआईएम खगड़िया का जिला स्तरीय टीम ने आज जिला के अति बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का सघन दौरा कर जायजा लिया और पीड़ितों से मिल कर उनका हाल जाना।टीम में पार्टी जिला सचिव संजय कुमार,जिला सचिवमंडल सदस्य हारेराम चौधरी,सुरेन्द्र प्रसाद,सुनील कुमार मंडल,जिला कमिटी सदस्य केदार नारायण आजाद, एलसी सदस्य नवीन चौधरी और जमादार शर्मा शामिल थे।सीपीआईएम का जांच दल परबत्ता के भारसों, सलारपुर, विसौनी, लगार,तेमथा करारी, नयागांव शिरोमणि टोला, गोरह्यासी, कज्जलवन,
माधवपुर, मुरादपुर और विसनपुर के साथ ही खगड़िया अंचल के रहीमपुर उत्तरी और रहीमपुर मध्य का सघन दौरा किया।जांच दल ने कहा कि गंगा की बाढ़ इस बार2016के रिकॉर्ड को भी तोड़ कर ऊपर पहुंच चुका है,जबकि जलस्तर में वृद्धि जारी है।इस भयानक बाढ़ के चलते जन_जीवन पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है।हजारों लोगों के मिट्टी खपरैल और टाट के घर गिर कर पानी में बह गए।जिसके चलते उन्हें यत्र_तत्र,बांध या सड़क के किनारे खुले आकाश के नीचे तेज धूप और वारिस में रहने को मजबूर होना पड़ा है।बाढ़ प्रभावित ज्यादा तर लोगों के खाद्य सामग्री भी बड़े पैमाने पर बर्बाद हुए हैं,जिससे उनके सामने भोजन के संकट उत्तपन्न हो गए।बाढ़ क्षेत्र के हजारों हेक्टेयर जमीनों में लगे धान, मक्के और दूसरे लगे फसल पूरी तरह बर्बाद हो गए।जिससे पशु चारा भी पूरी तरह नस्त हो गया।जानवरों को जिंदा रखने के लिए किसान साधन विहीन हो चुके हैं।जांच दल ने कई सामुदायिक किचन का भी जायजा लिया,जहां कइयों में समय पर भोजन नहीं मिलने की शिकायत देखी गई।खाद्य सामग्री के सप्लायर काफी देर से किचेन को समान की सप्लाय देते दिखे।उसमें भी कहीं_कहीं कुछ सामानों की कमी की भी सिकायतें देखी गई।कुछ किचेन केंद्रों पर जेनरेटर नहीं होने से रात्रि में समस्या की संभावना जताई जा रही है।माधवपुर एसडीआरएफ कैंप के पास बने। सामुदायिक किचन में अब तक खाना बनाना शुरू भी नहीं हो सका जिससे लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।स्वास्थ्य शिविरों में प्रयाप्त दवा उपलब्ध नहीं है,जिससे लोग स्वास्थ्य केंद्र तक पंहुच कर भी खाली हाथ वापस होते हैं।जांच दल ने सरकार और जिला प्रशासन से मांग किया कि तत्काल सभी बाढ़ पीड़ितों को नास्ते के लिए चुरा शक्कर और चना,दिया जाय के साथ ही दिया सलाई का पैकेट मुहैया कराई जाय,सामुदायिक किचन के व्यवस्था में सुधार कीजाय,पीड़ित परिवारों को अगले छ:माह तक प्रति यूनिट10किलो राशन और बर्तन मुफ्त दी जाय साथ ही प्रति व्यक्ति 7500रु नकद प्रति माह अगले छ:माह तक दी जाय।स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टर और दवा की प्रयाप्त व्यवस्था की जाय। पशु चारा के लिए तुरंत अलग से व्यवस्था की जाय।जांच दल ने मांग किया कि राहत कार्य बड़े पैमाने पर सुगमता से चले इसके लिए जिला प्रशासन को तुरंत पंचायत से लेकर ऊपर स्तर पर सर्वदलीय अनुश्रवण समिति गठन करना चाहिए।

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