केन्‍द्र सरकार एचआईवी/एड्स कार्यक्रम को पूरी वित्‍तीय मदद देने के साथ ही इसके लिए संसाधन बढ़ाने का काम भी कर रही है: श्रीमती अनुप्रिया पटेल

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केन्‍द्र सरकार एचआईवी/एड्स कार्यक्रम को पूरी वित्‍तीय मदद देने के साथ ही इसके लिए संसाधन बढ़ाने का काम भी कर रही है: श्रीमती अनुप्रिया पटेल

कारागारों में एचआईवी/टीबी के उपचार के लिए दिशा निर्देश जारी

नई दिल्‍ली। केंद्र सरकार एचआईवी/एड्स कार्यक्रम को न सिर्फ पूरी वित्‍तीय मदद उपलब्‍ध करा रही है, बल्कि इसके लिए जरूरी संसाधन जुटाने का काम भी कर रही है। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य और राज्‍य परिवार राज्‍य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने आज नई दिल्‍ली में विश्‍व एड्स दिवस 2018 के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही। यह आयोजन राष्‍ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन और स्‍वास्‍थ्‍य तथा परिवार कल्‍याण मंत्रालय की ओर से किया गया था। इस अवसर पर श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने कारागारों में एचआईवी/टीबी के उपचार के लिए दिशा-निर्देश तथा 2019 के लिए राष्‍ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन का एक कैलेंडर भी जारी किया। श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने इस अवसर पर कहा कि एचआईवी/एड्स कार्यक्रम में 10 लाख से ज्‍यादा गंभीर एड्स रो‍गियों पर ध्‍यान केंद्रित किया और व्‍यापक तथा गहन स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं की मदद से एचआईवी संक्रमण को नियंत्रित करने में कामयाबी हासिल की। उन्‍होंने कहा कि इस कार्यक्रम के जरिए 2020 तक मां से बच्‍चे को होने वाले एचआईवी संक्रमण तथा सिफलिस के उन्‍मूलन का लक्ष्‍य रखा गया है। उन्‍होंने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्‍व अभियान के माध्‍यम से सभी गर्भवती महिलाओं को देश भर में प्रसव पूर्व जांच की सुविधा उपलब्‍ध कराई गई है, जिसमें एचआईवी संक्रमण की जांच भी शामिल है। 2017-18 में 2 करोड़ ऐसी महिलाओं की एचआईवी जांच की गई।

2030 तक एच आई वी उन्‍मूलन की प्रतिबद्धता दोहराते हुए श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने कहा कि एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के जरिए लोगों की काउंसलिंग और उन्‍हें एचआईवी जांच के लिए जागरूक बनाने पर जोर दिया गया है। 2020 तक राष्‍ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन ने 2020 के अपने लक्ष्‍य की प्रा‍प्ति के लिस सामुदायिक स्‍तर पर एचआईवी जांच की पहल की है। उन्‍होंने बताया कि 2017 में ‘’टैस्‍ट एण्‍ड ट्रीट’’ कार्यक्रम की शुरुआत के साथ ही ऐसे प्रत्‍येक पी एल एचआईवी को, जिनमें जांच के दौरान एच आई वी पॉजिटिव होने का पता लगता है फौरन एआरटी पर डालने की व्‍यवस्‍था की गई है। 12 लाख से ज्‍यादा पीएल एचआईवी मरीजों को इससे लाभ हुआ है। पीएल एचआईवी मरीजों के लिए वायरल लोड टेस्टिंग की भी व्‍यवस्‍था की गई है, ताकि यह पता लग सके कि वह जीवन पर्यंत एंटी रेट्रो वायरल थेरेपी से जो इलाज ले हैं उसका कितना फायदा हो रहा है।

केंद्रीय मंत्री ने सरकार द्वारा एचआईवी/एड्स बचाव और नियंत्रण कानून 2017 पारित किए जाने को एक ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि इससे एचआईव संक्रमित लोगों को नौकरियां पाने में सुविधा होगी और साथ ही अपने खिलाफ होने वाले दुर्व्‍यवहार के खिलाफ शिकायत करने में भी आसानी होगी। उन्‍होंने कहा कि एड्स कार्यक्रम में कई लोगों से सहयोग मिल रहा है। राष्‍ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन ने इसके लिए 16 मंत्रालयों और 250 से ज्‍यादा सरकारी और निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए हैं।

PIB Delhi

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