सरस्वती विद्या मंदिर खगड़िया में स्वामी विवेकानन्द की जयंती पर हुआ चित्रकला प्रतियोगिता

स्वामी विवेकानंद के जीवन से सीख ले, लक्ष्य करें प्राप्त - संजय सरकार, आचार्य

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सरस्वती विद्या मंदिर खगड़िया में स्वामी विवेकानन्द की जयंती पर हुआ चित्रकला प्रतियोगिता

स्वामी विवेकानंद के जीवन से सीख ले, लक्ष्य करें प्राप्त – संजय सरकार, आचार्य

ANA/Arvind Verma

खगड़िया। विद्या भारती विद्यालय सरस्वती विद्या मंदिर में स्वामी विवेकानंद की जयंती मनाई गई, जिसका उद्घाटन ललित कुमार सिंह(प्रांत समन्वयक) स्वावलंबी भारत अभियान, स्वदेशी जागरण मंच, उत्तर बिहार विशाल जी ( पूर्ण कालिक कार्यकर्ता, स्वदेशी जागरण मंच ) प्रो.अरविंद कुमार सिंह (उपाध्यक्ष, सरस्वती विद्या मंदिर खगड़िया), भरत सिंह जोशी (सचिव, सरस्वती विद्या मंदिर खगड़िया), संजीव झा ( संयोजक, मुंगेर विश्वविद्यालय विद्यार्थी परिषद ) रवीश कुमार ( कार्यकर्ता , विद्यार्थी परिषद ) कमलेश कुमार पाण्डेय ( प्रभारी प्रधानाचार्य, सरस्वती विद्या मंदिर खगडिया)ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम में कक्षा चतुर्थ से नवम तक के भैया बहनों ने स्वामी विवेकानन्द की जीवनी एवं एवं उनसे जुड़े कई प्रसंग प्रस्तुत किए। इसके साथ ही भैया बहनों के बीच चित्रकला प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जहां भैया बहनों ने स्वामीजी का एक से बढ़कर एक चित्र बनाकर उपस्थित लोगों का मंत्रमुग्ध कर दिया । इसके अलावे स्वामी विवेकानंद के जीवन पर आधारित निबंध प्रतियोगिता भी आयोजित की गई , जिसमें भैया बहनों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और अपना उत्कृष्ठ प्रदर्शन किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विद्यालय के सचिव ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का जीवन वास्तव में ही युवाओं के लिए प्रेरणादाई है और आज के पाशात्यकरण के युग में तो संजीवनी के समान है। युवाओं एवं बच्चों को विशेषकर उनसे प्रेरणा लेने की आवश्यकता है । साधारण वेशभूषा वाले स्वामीजी का कहना था कि हमारा असली व्यक्तित्व परिधान से नहीं बल्कि हमारे चरित्र से चमकता है । अतः हमें अपने चरित्र निर्माण पर ज्यादा बल देना चाहिए। बच्चों को सम्बोधित करते हुए विद्यालय के उपाध्यक्ष ने कहा कि हमें महान व्यक्तियों की जयंतियों को केवल मनाना ही नहीं चाहिए बल्कि हमें उनके जीवन को आत्मसात भी करनी चाहिए। बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए विद्यालय के आचार्य संजय सरकार ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के जीवन से हम सीख सकते हैं कि लक्ष्य को किस तरह प्राप्त कर सकते हैं । उनका कहना था ” उठो जागो और तब तक चलो, जब तक लक्ष्य प्राप्त ना हो जाए “। इस अवसर पर विद्यालय के 500 भैया बहन , अभिभावक , समिति सदस्य , समाज के गणमान्य व्यक्ति एवं विद्यालय के सभी आचार्य उपस्थित थे ।

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