जन सुराज पदयात्रा के 17 वें महीने में पद यात्रा पहुंची खगड़िया, ढोल नगाड़ों के बीच प्रशांत किशोर का हुआ भव्य स्वागत

खगड़िया वासियों ने लगाए 'जन सुराज जिंदाबाद' और "जय बिहार" के नारे

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जन सुराज पदयात्रा के 17 वें महीने में पद यात्रा पहुंची खगड़िया, ढोल नगाड़ों के बीच प्रशांत किशोर का हुआ भव्य स्वागत

खगड़िया वासियों ने लगाए ‘जन सुराज
जिंदाबाद’ और “जय बिहार” के नारे

ANA/Arvind Verma

खगड़िया। जन सुराज अभियान के तहत बिहार की पदयात्रा पर निकले प्रशांत किशोर रविवार को बेगुसराय होते हुए खगड़िया जिले में प्रवेश किया। इस दौरान कई जगहों पर फूलों की माला, अंगवस्त्र पहनाकर लोगों ने उनका स्वागत किया। प्रशांत किशोर की पदयात्रा में बैंड, ढोल-नगाड़ों के साथ 10 से अधिक घोड़े भी दिखे। जन सुराज पदयात्रा का स्वागत करने के लिए जिले के सातों प्रखंड से हजारों लोग आए थे। इस दौरान बड़ी संख्या में युवाओं की भीड़ भी देखने को मिली। जिले में प्रशांत किशोर ने 6 किलोमीटर तक पदयात्रा की। रहीमपुर के अवध बिहारी संस्कृत उच्च विद्यालय मैदान से पदयात्रा शुरू कर रहीमपुर चौक, संस्कृत स्कूल रहीमपुर, बलुआही बूढ़ी गंडक ब्रिज से बलुआही चौक, जेएनकेटी इंटर स्कूल से होते हुए बेंजामिन चौक, डॉ राजेंद्र प्रसाद चौक, सूर्य मंदिर चौक, सन्हौली के बाजार समिति मैदान में रात्रि विश्राम के लिए पहुंचे। प्रशांत किशोर बीते 17 महीनों से बिहार में पदयात्रा कर रहे हैं। 2 अक्टूबर 2022 को प्रशांत किशोर ने पश्चिमी चंपारण के भितिहरवा गांधी आश्रम से जन सुराज पदयात्रा की शुरुआत की थी। पश्चिम चंपारण से शुरू हुई पदयात्रा शिवहर, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सिवान, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा, बेगूसराय से होते हुए खगड़िया पहुंची है। आने वाले दिनों में प्रशांत किशोर जिले के सभी प्रखंडों में पदयात्रा के माध्यम से जाएंगे।
लाखों रुपए का वोट जाति के नाम पर मुफ्त में दीजिएगा तो आपकी गरीबी नहीं मिटेगी, अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए वोट दीजिए: प्रशांत किशोर
अपनी पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर ने कई जगहों पर जन संवाद कर लोगों को वोट की ताकत का एहसास दिलाया। जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हम जब लोगों से पूछते हैं कि वोट क्यों देते हैं, तो लोग बताते हैं कि हमारी जाति का नेता खड़ा था इसलिए वोट दे दिया, मुर्गा भात खाए इसलिए दे दिए, 500 रुपए लिए थे इसलिए दे दिया। आपके घर के पुरुष 6-8 हजार रुपए के लिए दूसरे राज्यों में नौकरी कर अपना जीवन खपा रहे हैं। घंटों मेहनत करते हैं कि घर में 6-8 हजार रुपए भेजेंगे तो गुजारा चलेगा। लेकिन, जिस दिन आपको राजा बनाना है, उस दिन आप मुफ्त में ही वोट दीजिएगा तो भला कौन भोगेगा। वोट की सही कीमत है आपके बच्चों की शिक्षा और रोजगार, इसलिए वोट अपने बच्चों की शिक्षा और रोजगार के नाम पर दीजिए।प्रशांत किशोर ने जन संवाद के दौरान कहा कि आप लोगों को वोट की सही कीमत नहीं पता। आप लोग जिसे एक वोट को देकर देश का राजा बनाते हैं, वो आदमी हर साल 45 लाख करोड़ रुपए की तिजोरी का मालिक बनता है। एक वोट देकर जिसको आप बिहार का राजा बनाते हैं, वो आदमी हर साल ढाई लाख करोड़ रुपए की तिजोरी का मालिक बनता है। इतनी बड़ी तिजोरी की चाबी आप 5 किलो अनाज के नाम पर, जाति के नाम पर मुफ्त में दीजिएगा तो भला उसका खामियाजा कौन भुगतेगा? 100 रुपए की चीज एक रुपए में बेचिएगा तो नुकसान नहीं होगा तो क्या फायदा होगा? लाखों रुपए का वोट जाति के नाम पर मुफ्त में दीजिएगा तो आपकी गरीबी रहेगी कि जाएगी? इसलिए वोट की ताकत को समझिए और अपने बच्चों के भविष्य के लिए वोट दीजिए। यही समझाने के लिए गांव-गांव पैदल चल रहे हैं।

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