एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला में हुई बालकों की देखरेख एवं संरक्षण नियमों की चर्चा, कानूनों की मिली जानकारी

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]
Listen to this article

एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला में हुई बालकों की देखरेख एवं संरक्षण नियमों की चर्चा, कानूनों की मिली जानकारी

ANA/Arvind Verma

खगड़िया। प्रधान दंडाधिकारी किशोर न्याय परिषद, पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) एवं राजीव रंजन, सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई खगड़िया ने समाहरणालय के मुख्य सभाकक्ष में किशोरों एवं विधि विवादित बच्चों की देखरेख एवं संरक्षण से संबंधित कानूनों की जानकारी संबंधित हितधारकों को प्रदान करने के लिए जिला बाल संरक्षण इकाई के सौजन्य से आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया।कार्यशाला का उद्देश्य बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारियों एवं अन्य हितधारकों को बालकों एवं किशोरों के देखरेख एवं संरक्षण से संबंधित नियमों/ अधिनियमों यथा किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम), 2015, बिहार किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण नियमावली), 2017 एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 से परिचित कराने, किशोरों एवं विधि विवादित किशोरों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाते हुए इनके प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित कराना था। बालकों के देखरेख एवं संरक्षण से संबंधित नियम व अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन एवं उन्मुखीकरण सह संवेदीकरण हेतु आयोजित इस कार्यशाला के प्रारंभ में , प्रधान दंडाधिकारी, किशोर न्याय परिषद , पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय), श्रम अधीक्षक, खगड़िया, पटना से आए रिसोर्स पर्सन अजय कुमार, सीनियर कंसलटेंट यूनिसेफ एवं अन्य का स्वागत सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई, राजीव रंजन द्वारा पौधे प्रदान कर किया गया एवं प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए बताया गया कि नियमों की जानकारी से प्रक्रियात्मक त्रुटियों से बचने में सहायता मिलेगी। कार्यशाला का उद्देश्य सभी हितधारकों को इस संबंध में जानकारी देते हुए उन्हें इस समस्या के प्रति संवेदनशील बनाना है। इस अवसर पर पुलिस उपाधीक्षक ने सभी पुलिस पदाधिकारी को किशोरो से संबंधित मामलों में संवेदनशील रहते हुए कार्रवाई करने का निर्देश दिया।प्रधान दंडाधिकारी, किशोर न्याय परिषद ने इस कार्यशाला के उद्देश्य के बारे में संक्षिप्त जानकारी देते हुए विभिन्न बालकों के देखरेख एवं संरक्षण से संबंधित विभिन्न नियमों ,अधिनियमों के बारे में संक्षेप में जानकारी दी और बताया कि नियमों, अधिनियम के ज्ञान से उचित विधिक कार्रवाई करने में आसानी होती है। उन्होंने पुलिस पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि ऐसे संवेदनशील मामलों में तुरंत कानूनी कार्रवाई करनी है। सभ्य राष्ट्र एवं समाज के रूप में विकसित होने के लिए बाल संरक्षण से जुड़े विभिन्न नियमों, अधिनियम का अक्षरशः पालन करना जरूरी है। कार्यशाला में पटना से आए रिसोर्स पर्सन अजय कुमार, सीनियर कंसल्टेंट, यूनिसेफ ने प्रतिभागियों को विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने किशोर न्याय अधिनियम, 2015, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारियों की भूमिका के साथ अन्य बाल संरक्षण एवं उनकी देखरेख से संबंधित अनुषंगी कानूनों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने प्रशिक्षण में भाग ले रहे प्रतिभागियों के संशयों का भी समाधान सहजतापूर्वक किया। कार्यशाला में विभिन्न न्यायिक पदाधिकारियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इनके अलावा श्रम अधीक्षक, बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी, जिला बाल संरक्षण के सभी कर्मीगण सहित अन्य पदाधिकारियों एवं कर्मियों ने भाग लिया। इस कार्यशाला से किशोर न्याय प्रणाली एवं पॉक्सो मुकदमों के निस्तारण में आ रही कठिनाई काफी हद तक दूर करने में मदद मिलेगी। साथ ही सभी उपस्थित हितधारकों को किशोरों एवं बालकों के देखरेख एवं संरक्षण से संबंधित विभिन्न कानूनों की विस्तृत एवं गहन जानकारी भी प्राप्त हुई। इससे किशोरों एवं बालकों से संबंधित मामलों में संवेदनशीलता के साथ प्रभावी कानूनी कार्रवाई करने में मदद मिलेगी।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)

The specified carousel id does not exist.


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

How Is My Site?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Bootalpha.com +91 84482 65129