अंतर्राष्ट्रीय आध्यात्मिक केंद्र के सलाहकार समिति की आहूत बैठक में लिए गए कई निर्णय

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]
Listen to this article

अंतर्राष्ट्रीय आध्यात्मिक केंद्र की सलाहकार समिति की बैठक में कई निर्णय लिए गए

ग्रामीण स्तर पर जागरुकता शिविर लगाकर लोगों को अध्यात्म से जोड़ा गया – पनो मुकेश मिश्रा (धनबाद)

आध्यात्मिक केन्द्र के कार्यकलापों की प्राथमिकता ग्रामीण स्तर पर अस्थायित्व अभियान -गुरु अलख (विंध्याचल)

एएनए/एस.के.वर्मा

खगड़िया. जिला मुख्यालय के विश्वनाथगंज मोहरा में स्थित मां तारा शक्तिपीठ मंदिर परिसर में अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक केंद्र के सलाहकार समिति के सदस्यों की एक विशेष बैठक हुई, जिसमें प्रमुख केंद्र के संस्थापक डॉ. अरविंद वर्मा की जीवनी अरविंद ने की। बैठक में वैज्ञानिक वैज्ञानिक से पधारे पनो मुकेश मिश्रा ने कहा भाग दौड़ की जिंदगी में एक मात्र अध्यात्म ही है जो इंसान को तनाव मुक्त कर सकता है। आधुनिक युग में लोग अपने शरीर को मशीन से भी सबसे अधिक तेज बनाते हैं। असल में आर्थिक लाभ के लिए अपने पराए और रिश्तेदारों तक को भूल गए हैं। भाईचारा भी लगभग ख़त्म हो चुका है। पुणो मुकेश मिश्रा ने आगे कहा कि आध्यात्मिक क्षेत्र में अधिक से अधिक लोग जुड़े हुए हैं, ग्रामीण स्तर पर जागृति के लिए शिविर लगाकर लोगों को जागरूक करना आवश्यक है। मान्यता से पधारे पनो अलख निरंजन तिवारी ने कहा खगड़िया के लोग सौभाग्यशाली हैं कि यहां मां तारा शक्तिपीठ मंदिर में मां तारा की प्रतिमा स्थापित की गई है, जहां माता रानी के दर्शन और स्तुति करने से ही मन को शांति मिलती है, माता रानी की कृपा बनी रहती है।आध्यात्मिक क्षेत्र में छल, कपाट अवकाश है। अंतर्राष्ट्रीय आध्यात्मिक केंद्र के संस्थापक डॉ अरविंद वर्मा नै मैरी अरविंद ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा कि आज विरले ही सरकारी अधिकारी या सरकारी नेता हैं जो समाज को विकसित करने, दबे, कुचले और निरीह लोगों को आवश्यक सहयोग देने में लगे हुए हैं। अधिकांश अधिकारी बस अपनी झोली की घोषणा में ही समय लगा रहे हैं, जिसके परिणाम स्वरूप उन्हें नाना प्रकार की बैंच, डिविजनल बंबा की उछाल, आम जनता का कोप भाजन बना हुआ है। उनका अमन, चैन और शांति धीरे-धीरे ख़त्म होती जा रही है। विंध्याचल (यूपी) के बाबा गुरु अलख जो दोस्ती के कारण बैठक में नहीं पहुंच सके दूरभाष पर अपनी अभिव्यक्ति से टीम को अभ्यस्त वैज्ञानिक। गुरु अलख ने कहा घोर कलियुग चल रहा है। इस काल में इंसान को ध्यान देना चाहिए, मन के लिए कम से कम एक घंटा समय अवश्य देखना चाहिए। इसे अपने दैनिक दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। अध्यात्म से जुड़े लोगों को चंद महीने में ही पता चल गया कि उनका क्या बदलाव हुआ? गुरु अलख ने केंद्र की क्रिया कलापों को अत्यंत लोकप्रिय निर्माण के उद्देश्य से सदस्यता अभियान चलाकर सदस्यों की संख्या बढ़ाने पर बल दिया।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)

The specified carousel id does not exist.


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

How Is My Site?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Bootalpha.com +91 84482 65129