ज़िला परिषद के अतिक्रमित जमीन को मुक्त कराएं डीएम – मिहिर सिंह, प्रधान सचिव

58 स्टॉफ के बजाय मात्र 10 स्टॉफ से चल रहा है काम

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]
Listen to this article

ज़िला परिषद के अतिक्रमित जमीन को मुक्त कराएं डीएम – मिहिर सिंह, प्रधान सचिव

58 स्टॉफ के बजाय मात्र 10 स्टॉफ से चल रहा है काम

जिप अध्यक्ष कृष्णा यादव और उपाध्यक्ष श्वेत शिखा ने प्रधान सचिव को की सम्मानित

ANA/Indu Prabha

खगड़िया। पंचायती राज विभाग, बिहार सरकार के प्रधान सचिव मिहिर कुमार सिंह की अध्यक्षता में जिला परिषद से संबंधित योजनाओं के अद्यतन प्रगति की समीक्षात्मक बैठक समाहरणालय सभागार में आयोजित की गई। बैठक में अध्यक्ष, जिला परिषद कृष्णा कुमारी यादव, उपाध्यक्ष श्वेत शिखा एवं सभी जिला परिषद सदस्य सम्मिलित हुए। जिलाधिकारी खगड़िया डॉ आलोक रंजन घोष, अपर समाहर्ता सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, जिला परिषद मोहम्मद राशिद आलम, उप विकास आयुक्त संतोष कुमार, जिला पंचायती राज पदाधिकारी सह अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी मोहम्मद फैयाज अख्तर, निदेशक, डीआरडीए मोहम्मद शहादत हुसैन भी शामिल हुए। प्रधान सचिव को अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष जिला परिषद द्वारा बुके देकर स्वागत किया गया। तत्पश्चात जिला परिषद सदस्यों के परिचय के साथ बैठक प्रारंभ हुआ। प्रधान सचिव ने जिला पंचायती राज्य संसाधन केंद्र भवन के लिए चार करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध होने की जानकारी देते हुए बताया कि इससे जिला परिषद को लाभ होगा और इसका निर्माण अविलंब प्रारंभ करें। उन्होंने जिला परिषद के राजस्व की स्थिति की समीक्षा करते हुए हाट बाजार, दुकान, भवन, जलकर आदि से प्राप्त होने वाले राशि की भी समीक्षा की एवं जिला परिषद के संसाधनों को बढ़ाने एवं आय के नए स्रोत विकसित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने निर्देश दिया कि संसाधनों के सृजन से जिला परिषद को आमदनी प्राप्त होगी एवं अपने कर्मियों को वेतन देने में इसका उपयोग किया जा सकेगा। प्राप्त आमदनी से जिला परिषद अन्य विकासात्मक कार्य भी करने में सक्षम हो पाएगा। उन्होंने कहा कि टाइड फंड का व्यय जिला परिषद अपने संसाधनों के विकास पर कर सकता है। प्रधान सचिव ने प्रत्येक प्रखंड में जिला परिषद को एक-एक बस स्टैंड विकसित करने एवं यात्रियों के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश देते हुए कहा कि इससे जनता को भी सहूलियत प्राप्त होगी। उन्होंने सभी बस स्टैंडों को फ्यूचर प्रूफ बनाने एवं एक जैसा डिजाइन रखने का निर्देश देते हुए कहा कि सब बस स्टैंडों का एक साथ ना निर्माण करके बारी-बारी से निर्माण कराया जा सकता है। उन्होंने जिला परिषद के खाली जमीन पर व्यवसायिक भवन एवं निरीक्षण भवन बनाने का भी सुझाव दिया ताकि इससे जिला परिषद को नियमित आमदनी प्राप्त हो सके। अगुवानी घाट पर भी बस स्टैंड एवं निरीक्षण भवन बनाने का प्रस्ताव जिला परिषद अध्यक्ष द्वारा रखा गया। उन्होंने जिला परिषद की जमीन पर अतिक्रमण का मामला भी उठाया। प्रधान सचिव ने जिलाधिकारी के सहयोग से अतिक्रमण मुक्त कराने का निर्देश दिया। प्रधान सचिव ने जिला परिषद में स्थापना की भी समीक्षा के क्रम में पाया कि 58 में से 48 पद रिक्त पड़े हैं एवं मात्र 10 कर्मी कार्यरत हैं। विकास कार्यों की समीक्षा के क्रम में कुछ जिला परिषद सदस्यों ने पुरानी योजनाओं के भुगतान का मुद्दा भी उठाया जिस पर प्रधान सचिव ने कहा कि अति शीघ्र पुरानी योजनाओं के संबंध में लंबित भुगतान को पूर्ण कर दिया जाएगा। उन्होंने इन योजनाओं की प्रविष्टि पंचायत निश्चय सॉफ्ट में कराने का भी निर्देश दिया।
समीक्षा के क्रम में प्रधान सचिव ने जिला पार्षदों की बातों को भी सुना एवं उनकी समस्याओं एवं शंकाओं का निराकरण किया। जिला पार्षदों ने विकास हेतु अतिरिक्त फंड की मांग की, जिस पर प्रधान सचिव ने बताया कि फंड का एक निश्चित फार्मूला होता है और उसी के हिसाब से जिला परिषद को फंड दिया जाता है। सदस्यों द्वारा हर क्षेत्र में विकास के लिए बराबर राशि मिलने की मांग भी की गई, जिस पर प्रधान सचिव ने बताया कि इस बात पर जिला परिषद ही निर्णय लेती है कि कहां कितनी राशि खर्च की जाए, ऐसा एक्ट में ही प्रावधान है। उन्होंने जिला परिषद सदस्यों को बताया कि 6 फीट से कम लंबाई के सड़क पर पेवर ब्लॉक से काम कराया जा सकता है जबकि इसे अधिक लंबाई की पीसीसी सड़क अनटाइट फंड से निर्मित किया जा सकता है। मानदेय के संबंध में उठाए गए प्रश्न का जवाब देते हुए उन्होंने कहा की मानदेय एक सम्मान की बात है यह कोई वेतन नहीं है। जिला परिषद सदस्यों का भत्ता बढ़ाने का प्रयास कैबिनेट के जरिए ही किया जा सकता है। उन्होंने जिला परिषद के बैठकों का लाइव प्रसारण किए जाने के प्रस्ताव का स्वागत करते हुए कहा कि ऐसा करने में किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। इस अवसर पर अध्यक्ष जिला परिषद ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि जन प्रतिनिधि से जनता उम्मीदें रखती हैं। उन्होंने जिला परिषद की अतिक्रमित संपत्तियों को मुक्त करा कर उन्हें सौंपने का निर्देश देने की मांग प्रधान सचिव से की। ‌ उन्होंने कहा कि सभी व्यक्तियों के उत्थान एवं आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास जिला परिषद द्वारा किया जाएगा। प्रधान सचिव ने समीक्षात्मक बैठक के समापन के दौरान स्पष्ट निर्देश दिया कि जिला परिषद को जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप अपने संसाधनों का विकास करना चाहिए। जिला परिषद अपने परिसंपत्तियों और खाली जमीनों को विकसित कर अतिरिक्त राजस्व का सृजन करें। बस स्टैंड और बाजार का निर्माण कराएं। सड़क के किनारे अपनी जमीन पर जिला परिषद होर्डिंग भी लगवा सकता है, जिससे उन्हें आय प्राप्त होगी। सरकार से जमीन को भाड़े पर लेकर भी वे हाट बाजार को विकसित कर सकते हैं। जिला परिषद को सरकार से प्राप्त फंड को विकासात्मक कार्यों में लगाने का निर्देश देते हुए उन्होंने सभी योजनाओं को पंचायत निश्चय सॉफ्ट में प्रविष्टि कराने का भी निर्देश दिया। उन्होंने लंबित उपयोगिता प्रमाण पत्र एवं एसी डीसी बिल को भी प्रेषित करने का निर्देश दिया, अन्यथा इसके अभाव में जिला परिषद को भी आवंटन रुक सकता है। उन्होंने जल्दी ही जिला परिषदों में कनीय अभियंताओं की सेवा उपलब्ध कराने का भी आश्वासन दिया।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)

The specified carousel id does not exist.


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

How Is My Site?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Bootalpha.com +91 84482 65129