विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला को ले मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक, डीएम बोले 30 जून तक हर हाल में पूरा होंगे कार्य

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विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला को ले मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक, डीएम बोले 30 जून तक हर हाल में पूरा होंगे कार्य

बैठक में सभी विभाग की तैयारियों का बारी बारी से लिया गया फीड बैक

ANA/Arvind Verma

भागलपुर। विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला 2025 की तैयारी को लेकर मुख्य सचिव, बिहार अमृत लाल मीणा की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में सभी विभाग की तैयारी को लेकर सभी विभाग से बारी बारी से फीडबैक लिया। उल्लेखनीय है कि भागलपुर, बांका, मुंगेर, बेगूसराय, पूर्णिया, जमुई, मधुबनी, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, वैशाली, सारण, मुजफ्फरपुर, रोहतास एवं जहानाबाद में श्रावणी मेला के दौरान श्रद्धालुओं द्वारा जलाभिषेक हेतु यात्रा एवं ठहराव किया जाता है। जिनमें भागलपुर, बांका एवं मुंगेर होते हुए देवघर के लिए श्रद्धालु बाबा अजगैबीनाथ से उत्तर वाहिनी गंगा का जल लेकर बैधनाथ धाम में जलाभिषेक करते हैं। वहीं पहलेजा से गंगा जल लेकर बाबा गरीब नाथ पर जलाभिषेक किया जाता है। भागलपुर से जिलाधिकारी डॉ0 नवल किशोर चौधरी ने बताया कि यहां की सारी तैयारी अंतिम चरण में है। 30 जून तक सारे कार्य पूर्ण कर लिए जाएंगे। सुलतानगंज के जहाज घाट और सीढ़ी घाट से लोग जल उठाते हैं। वहां साफ सफाई एवं सुरक्षा की व्यवस्था रहती है। सरकारी योजना का प्रचार प्रसार आईपीआरडी के माध्यम से कराया जाता है। घाटों पर जाली युक्त बैरिकेटीग कराई जाती है। एसडीआरएफ के साथ गोताखोर की प्रतिनियुक्ति रहती है। धांधी बेलारी में प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन कराया जाता है। जहाज घाट पर भी सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। कच्ची कांवरिया पथ में बालू बिछाया जाता है जिसके लिए बालू का भंडारण आवश्यक है तथा गर्मी के दिनों में प्रति 2 घंटे पर पानी का छिड़काव आवश्यक है। इस संबंध में पथ निर्माण विभाग द्वारा बताया गया की बालू का भंडारण कई स्थलों पर कर लिया गया है। कांवरिया पथ में 25 जगह पानी की टैंकर की व्यवस्था कर ली गई है। जिससे जल छिड़काव कराया जाएगा। एसएसपी हृदय कांत ने बताया कि श्रावणी मेला के दौरान भीड़ एवं यातायात व्यवस्था को नियंत्रित करना होता है। इसके लिए अतिरिक्त पुलिस की मांग कर ली गई है। गुरुवार , रविवार और सोमवार को भीड़ ज्यादा रहती है और श्रावणी के उपरांत भी 15 दिनों तक श्रद्धालु जल लेकर देवघर जाते हैं। इसलिए पुलिस बल 45 दिनों के लिए उपलब्ध कराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अन्य जिलों से आने वाले गाड़ियों में लोग ऊपर भी विस्तार कर लेते हैं जिस पर कांवरिया गण बैठकर आते हैं इससे गाड़ी की ऊंचाई बढ़ जाती है और बिजली के तार में सटने के कारण दुर्घटना होने की संभावना रहती है। विगत वर्ष भी दुर्घटना हुई है, इसे संबंधित जिलों में ही रोका जाना चाहिए। मुख्य सचिव बिहार तथा पुलिस महानिदेशक बिहार द्वारा इस संबंध में सभी जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देशित किया गया कि वे अपने जिले में मोटर वाहन संगठन के साथ बैठक कर लें और उन्हें इस तथ्य से अवगत करा दें। साथ ही इसका प्रचार प्रसार करने का भी निर्देश दिया गया की मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 184 और 191 के तहत यह दंडनीय अपराध है और इसमें 5000 से लेकर 10000 रुपए तक का जुर्माना और 6 माह से लेकर 2 वर्ष तक का कैद की सजा का भी प्रावधान किया गया है।

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