रासायनिक खाद से ज्यादा बेहतर जैविक खाद – मनोहर यादव

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रासायनिक खाद से ज्यादा बेहतर जैविक खाद – मनोहर यादव

खाद उपयोग जागरूकता कार्यक्रम का हुए आयोजन

ANA/S.K.Verma

खगड़िया। बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर भागलपुर द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र खगड़िया में खगड़िया जिला के किसान भाइयों के लिए खाद का सही उपयोग जागरूकता कार्यक्रम 2019 का उद्घाटन नगर सभापति सीता कुमारी एवं पूर्व नगर सभापति मनोहर कुमार यादव ने संयुक्त रूप से किया। उद्घाटन के बाद नगर सभापति सीता कुमारी ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र खगड़िया के सभी पदाधिकारियों को धन्यवाद देती हूँ कि खगड़िया जिला के किसान भाइयों के लिए यह जागरूकता कार्यक्रम करवाया जा रहा है।खाद का सही उपयोग के बारे में किसान भाइयों को जानना अति आवश्यक है चाहे वह रासायनिक खाद हो,कीटनाशक हो या जैविक खाद हो, जब तक उपयोग करने का सही तरीका मालूम नहीं होगा तो खेतों में अच्छी पैदावार नहीं होगी। जिस तरह दवा कम्पनी बहुत सारी दवाएं बनाई है लेकिन इसका सही उपयोग डॉक्टर साहब बताते हैं और व्यक्ति ठीक हो जाता है उसी तरह किसान को भी खाद के उपयोग का सही तरीके जानना जरूरी है।

दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन करते नगर सभापति सीता कुमारी, पूर्व सभापति मनोहर यादव व अन्य

पूर्व नगर सभापति मनोहर कुमार यादव ने कहा कि रासायनिक खाद से ज्यादा अच्छा खाद जैविक खाद है।इसके उपयोग से अधिक पैदावार होती है।जैविक खेती, की विधि रासायनिक खेती की विधि की तुलना में बराबर या अधिक उत्पादन देती है अर्थात जैविक खेती मृदा की उर्वरता एवं कृषकों की उत्पादकता बढ़ाने में पूर्णत: सहायक है। वर्षा आधारित क्षेत्रों में जैविक खेती की विधि और भी अधिक लाभदायक है। जैविक विधि द्वारा खेती करने से उत्पादन की लागत तो कम होती ही है इसके साथ ही कृषक भाइयों को आय अधिक प्राप्त होती है तथा अंतराष्ट्रीय बाजार की स्पर्धा में जैविक उत्पाद अधिक खरे उतरते हैं। जिसके फलस्वरूप सामान्य उत्पादन की अपेक्षा में कृषक भाई अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। आधुनिक समय में निरन्तर बढ़ती हुई जनसंख्या, पर्यावरण प्रदूषण, भूमि की उर्वरा शकि्त का संरक्षण एवं मानव स्वास्थ्य के लिए जैविक खेती की राह अत्यन्त लाभदायक है। मानव जीवन के सर्वांगीण विकास के लिए नितान्त आवश्यक है कि प्राकृतिक संसाधन प्रदूषित न हों, शुद्ध वातावरण रहे एवं पौषि्टक आहार मिलता रहे, इसके लिये हमें जैविक खेती की कृषि पद्धतियाँ को अपनाना होगा जोकि हमारे नैसर्गिक संसाधनों एवं मानवीय पर्यावरण को प्रदूषित किये बगैर समस्त जनमानस को खाद्य सामग्री उपलब्ध करा सकेगी तथा हमें खुशहाल जीने की राह दिखा सकेगी।

कृषकों को संबोधित करते नगर परिषद के पूर्व सभापति मनोहर यादव, सभापति सीता कुमारी व अन्य

उपस्थित कृषि वैज्ञानिकों ने कहा कि बिखेर कर डालने से पौधों की दो पंक्तियों के बीच में पौधों से उचितदूरी बनाते हुये खेत में बिखेर कर खादें डाल दी जाती है।छोटे पौधों में आधा व बड़े पौधों में एक फुट की तने से दूरी रखते हुये खादें डाल दी जाती है। खादें पौधों की टहनियों के फैलाव के नीचे बिखेर कर डालने के बाद मिट्टी में मिला दी जातीहै। मिट्टी में खादें मिलाना अति आवश्यक होता है। इस कार्यक्रम सैकड़ों किसान उपस्थित होकर खाद के उपयोग का सही जानकारी प्राप्त किया।

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