रेल मंत्रालय ने राज्यों को विभिन्न रेल रसोईघरों से रोजाना 2.6 लाख भोजन की आपूर्ति करने की पेशकश की है

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रेल मंत्रालय ने राज्यों को विभिन्न रेल रसोईघरों से रोजाना 2.6 लाख भोजन की आपूर्ति करने की पेशकश की है

प्रतिक्रिया के आधार पर आपूर्ति में वृद्धि भी हो सकती है

भोजन केवल 15 रुपये की मामूली दर पर उपलब्ध है

किसी को भी वंचित नहीं किया जाएगा: भारतीय रेल ने कोविड-19 के कारण लॉकडाउन के दौरान सभी के लिए भोजन सुनिश्चित करने के सारे प्रयास किए

यह भारतीय रेल द्वारा निर्बल वर्गों को पहले से ही वितरित किए जा रहे निःशुल्क ताजा पके भोजन के अतिरिक्त है

PIB

नई दिल्ली। राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के 3 मई, 2020 तक विस्तारित किए जाने के बाद, यह बेहद जरूरी है कि निर्बल वर्गों की देखभाल और उनके लिए भोजन सुनिश्चित किया जाए। भारतीय रेल ने लॉकडाउन के आरंभ से ही देश के सुदूर क्षेत्रों में भी भोजन एवं दवा जैसी अनिवार्य वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला तथा लॉजिस्टिक्स बनाये रखने में मुख्य भूमिका निभाई है। रेल मंत्रालय ने जहां कहीं भी जिला प्रशासन इच्छुक हो और पके भोजन को लेने और उसे जरुरतमंदों के बीच वितरित करने में सक्षम हो, विभिन्न रेल किचनों से प्रतिदिन 2.6 लाख भोजन की आपूर्ति करने की पेशकश की है। देश भर के सभी जिला प्रशासनों को इसकी सूचना भिजवा दी गई है।

राज्यों को जोन के अनुसार किचन प्रभारियों के विवरण भी भेज दिए गए हैं। प्रतिदिन 2.6 लाख भोजनों की पेशकश निर्धारित आरंभिक स्थानों की किचन क्षमताओं पर आधारित है। अगर आवश्यकता पड़ी तो आपूर्ति में वृद्धि के लिए ऐसे और भी स्थानों को बढ़ाया जा सकता है। ये भोजन केवल 15 रुपये प्रति भोजन की लागत दर पर उपलब्ध होंगे। भुगतान निपटान बाद में राज्य सरकारों द्वारा किया जा सकता है।

आईआरसीटीसी ने मांग के अनुसार पके भोजनों की संख्या बढ़ाने पर सहमति दे दी है। भारतीय रेल द्वारा प्रति दिन लगभग एक लाख निःशुल्क गर्म पके भोजनों का वितरण किया जा रहा है। कई रेल संगठनों के भारतीय रेल के कर्मचारियों ने कोविड-19 के कारण लॉकडाउन के बाद जरुररतमंद लोगों को ताजा पका भोजन उपलब्ध कराने के लिए 28मार्च, 2020 से अथक मेहनत की है। भारतीय रेल आईआरसीटीसी बेस किचनों,आरपीएफ संसाधनों,वाणिज्यिक एवं अन्य रेल विभागों तथा एनजीओ के योगदानों के जरिये लंच के लिए पेपर प्लेट एवं डिनर के लिए फूड पैकेटों के साथ थोक में पका हुआ भोजन उपलब्ध कराता रहा है।

कोविड-19 के कारण लॉकडाउन के बाद भारतीय रेल द्वारा निःशुल्क ताजा पके हुए भोजनों का वितरण कल दो मिलियन की संख्या से अधिक हो गया जब 20.5 लाख से अधिक ताजा पके हुए भोजन महामारी एवं लॉकडाउन के कारण फंसे हुए लोगों, दिहाड़ी मजदूरों, प्रवासियों, बच्चों, कूलियों, बेघरों, निर्धनों एवं अन्य पीड़ित निर्बल लोगों को वितरित किए गए।

यह उत्तरी,पश्चिमी,पूर्वी,दक्षिणी एवं दक्षिण-मध्य जैसे विभिन्न जोनों में फैले आईआरसीटीसी बेस किचनों के सक्रिय सहयोग से किया जा रहा है। भोजन का वितरण आरपीएफ, जीआरपी, जोनों के वाणिज्यिक विभागों, राज्य सरकारों, जिला प्रशासनों एवं एनजीओ की सहायता से किया जा रहा है। रेलवे स्टेशनों के आसपास रहने वाले क्षेत्रों के जरुरतमंद लोगों की खाद्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्टेशन के समीप से आगे के क्षेत्रों को भी इसमें शामिल किया जा रहा है।

मांग आने की स्थिति में जरुरतमंद लोगों की सेवा करने के लिए जो आईआरसीटीसी बेस किचन तैयारी कर रहे है उनमें शामिल हैं-पूर्वी जोन में गया, दीन दयाल (मुगलसराय), राजेन्द्र नगर (पटना), समस्तीपुर, धनबाद, हाजीपुर, कटिहार, गुवाहाटी, रांची, बालासोर, टाटानगर एवं हावड़ा,उत्तरी जोन में प्रयागराज एवं नई दिल्ली, दक्षिण मध्य जोन में विजयवाड़ा, खुर्दा रोड, विशाखापट्टनम एवं रायपुर, दक्षिण जोन में हुबली, तिरुचिरापल्ली, कटपडी, सीएच एंग्लपा ट्टुएवं मदुरई तथा पश्चिम जोन में मुंबई, अहमदाबाद, पुणे एवं भुसावल।

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