फेक न्यूज़ व पेड न्यूज़ बनाने वाले मीडियाकर्मी, सावधान! एमसीएमसी कमिटी की रहेगी पैनी नजर

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फेक न्यूज़ व पेड न्यूज़ बनाने वाले मीडियाकर्मी, सावधान ! एमसीएमसी कमिटी की रहेगी पैनी नजर

जांच पड़ताल में प्रमाणित होने पर होगी आई पी सी के तहत कार्रवाई

ANA/Arvind Verma

खगड़िया। आगामी बिहार विधानसभा निर्वाचन 2020 में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया /सोशल मीडिया पर राजनीतिक विज्ञापनों के पूर्व प्रमाणीकरण और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यथा: व्हाटएप्स न्यूज़ ग्रुप, फेसबुक पेज ,न्यूज़ पोर्टल, केबल टीवी,यूट्यूब चैनल पर नजर रखने के लिए एमसीएमसी कमेटी मुस्तैदी से कार्य करना प्रारंभ कर चुकी है। इस बार के चुनाव में सोशल मीडिया को स्कैनिंग करने हेतु एमसीएमसी कमेटी को सहयोग करने के उद्देश्य से सोशल मीडिया एक्सपर्ट भी रहेंगे। इसकी जिम्मेदारी डीआईओ अमन कुमार को सौंपी गई है।सोशल मीडिया एवं इंटरनेट मैसेंजर, स्मार्टफोन एप्लीकेशन के आगमन से बड़े स्तर पर संचार में सुविधा हो रही है परंतु उपयुक्त प्लेटफार्म का निर्वाचनों की अवधि के दौरान पेड़ न्यूज़, फेक न्यूज़, गलत सूचना और मिथ्या सूचना के लिए दुरुपयोग करने पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी। निर्वाचन प्रचार अभियान से संबंधित विधिक उपबंध सोशल मीडिया पर भी उसी तरह से लागू होते हैं जैसे मीडिया के अन्य रूपों पर लागू होते हैं।* गलत सूचना ,हेट स्पीच एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप जाति ,धर्म ,वर्ग, भाषा के आधार पर प्रचार- प्रचार कर माहौल को बिगाड़ने की कोशिश करना आदर्श आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन माना जाएगा। एमसीएमसी कमिटी इन बिंदुओं के आलोक में फेक और पेड़ न्यूज़ के प्रसारण /प्रकाशन पर गहरी नजर रखेगी। साथ ही इलेक्ट्रॉनिक/ सोशल मीडिया पर राजनीतिक विज्ञापनों का पूर्ण प्रमाणीकरण एमसीएमसी के माध्यम से कराना भी अभ्यर्थियों के लिए अनिवार्य होगा। यह स्पष्ट है कि कोई न्यूज़ यदि पेड़ न्यूज़ साबित होता है तो कमेटी की अनुशंसा पर आर०ओ द्वारा अग्रेतर करवाई हेतु संबंधित को नोटिस किया जाएगा। साथ ही पेड न्यूज़ साबित होने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 171 (ज) के उल्लंघन के लिए प्रकाशन के अभियोजन हेतु कार्रवाई भी की जा सकती है। विभिन्न चैनलों, सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म यथा- फेसबुक पेज, पोर्टल ,व्हाट्सएप एप्स न्यूज़ ग्रुप , यूट्यूब चैनल, केबल टीवी एफएम रेडियो, सिनेमा हॉल इत्यादि पर पर किसी भी तरह के राजनीतिक विज्ञापन के प्रसारण के पूर्व एमसीएमसी कमेटी से पूर्व प्रमाणीकरण कराना अनिवार्य होगा ।ऐसा नहीं करने पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।पोस्टर ,पंपलेट, हैंडविल उक्त प्रचार सामग्रियों पर “प्रकाशित प्रति की संख्या” एवं मुद्रक का नाम स्पष्टत अंकित होना चाहिए जो कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127(क) के अंतर्गत अपेक्षित है।प्रत्येक चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों को नामांकन के समय अपना ईमेल आईडी के साथ अपने सोशल मीडिया अकाउंट की विस्तृत जानकारी प्रारूप 26 में शपथ पत्र दाखिल करते समय उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। उक्त तथ्यों की जानकारी ज़िला जन सम्पर्क पदाधिकारी राज ऐश्वर्या ने दी।

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