राष्ट्रीय युवा योजना के वेबिनार में प्रख्यात समाज सेवी अन्ना हजारे बोले- सुब्बा राव जी वैसा दाना नहीं जो चक्की में पीस जाएं

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]
Listen to this article

राष्ट्रीय युवा योजना के वेबिनार में प्रख्यात समाज सेवी अन्ना हजारे बोले- सुब्बा राव जी वैसा दाना नहीं जो चक्की में पीस जाएं

ए एन ए/ प्रसून लतांत

भागलपुर। खेतों में पैदा होने वाले ज्यादातर अनाज के दाने चक्की में पीसे जाते हैं, फिर उसे मनुष्य सहित जीव जंतु हजम कर जाते हैं। कुछ ही दाने को नसीब होता है फिर से खेतों में जाने का, मिट्टी में मिल जाने का और फिर से अंकुरित होने का। हमारे भाई जी यानी डॉक्टर एसएन सुबाराव जी उसी तरह के दाने हैं जो पीसे नहीं जाते बल्कि वे नई शक्तियों को अंकुरित कर रहे हैं। युवाओं को भारत जोड़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। ये बातें राष्ट्रीय युवा योजना द्वारा भाई जी पर केन्द्रित एक वेविनार व्याख्यान में समाजसेवी अन्ना हजारे ने कही। वेबीनर का संचालन संजय राय कर रहे थे।
अन्ना हजारे ने भाई जी के साथ अपने रिश्तों का रहस्य खोलते हुए कहा कि उन्हें अब याद नहीं है कि भाई जी से उनकी पहली मुलाकात कब हुई? कहां हुई? फिर भी उनसे हमारा रिश्ता जुड़ गया है। हम लोग एक तरह के पागल लोग हैं, जो अपनी ही धुन में देश की बेहतरी के लिए काम करते अा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर किसी को अपने जीवन का ध्येय तय करना चाहिए। ध्येय तय करने से मंजिल दिखने लगती है। रास्ते सूझने लगते हैं। भाई जी ने भी अपने जीवन का जो ध्येय तय किया , वे उसी पर आज भी चल रहे हैं।अन्ना हजारे ने भाई जी के जीवन को पूरी तरह निष्कलंक बताते हुए कहा कि उनका आचार शुद्ध है , विचार शुद्ध है। उन्होंने भाई जी को देश को जोड़ने वाला साधक बताते हुए कहा कि वे युवाओं को राष्ट्र शक्ति मानते हैं और उन्हें भारत को एक बनाए रखने के लिए प्रेरित करते अा रहे हैं। भाई जी ने देश समाज की भलाई के लिए बहुत मेहनत की है और बहुत त्याग किया है। उन्होंने कहा कि भाई जी की कथनी और करनी में कोई फर्क नहीं है।उन्होंने बताया कि खोखले भाषण देने वाले बहुत होते हैं लेकिन उस पर अमल करने वाले बहुत कम होते हैं। हजारे ने एक मराठी कहावत का उल्लेख करते हुए कहा कि जब बारिश होती है तो बाढ़ भी आती है। बाढ़ में अकड़ कर खड़े पेड़ उखड़ कर बह जाते हैं लेकिन छोटी छोटी घास बाढ़ में डूब भले जाती है लेकिन उखड़ कर बहाव के साथ बहती नहीं है। अपनी जगह पर ही अडिग बनी रहती है। उन्होंने भाई जी को अहंकार शून्य बताते हुए कहा कि भाई जी की विनम्रता उन्हें मिटाती नहीं है बल्कि इसके कारण वे लोगों के दिलों में बस जाते हैं। भाई जी कालजयी हैं। हजारे ने कहा कि जो लोग लखपति, करोड़पति बनने के लिए जीते हैं, जो केवल खुद के लिए जीते हैं, वे मर जाते हैं और जो समाज के लिए जीते हैं वे कभी नहीं मरते। उन्होंने कहा कि सही काम करने वाले को बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। बहुत अपमान झेलना पड़ता है। हजारे ने अपने जीवन के कुछ प्रसंगों का जिक्र करते हुए कहा कि मैंने जब अपने जीवन का ध्येय तय किया तो मुझे अपनी मंजिल दिखने लगी। हम ध्येय के मुताबिक चल पड़े तो हमारा काफी विरोध हुआ। मुझे बहुत अपमानित भी किया गया। मुझे जेल में डाला गया। लेकिन बाद में जिस जिस राज्य में मुझे जेल में डाला गया उन राज्यों की सरकारें चली गईं। हजारे ने शहीदों और स्वाधीनता सेनानियों को हमेशा याद करने की जरूरत बताते हुए कहा कि हम लोगों पर इनका कर्ज है। यह कर्ज तभी उतरेगा जब हम उनके मूल्यों पर चलते रहेंगे। उन्होंने विभिन्न सवालों के जवाब में यह स्वीकार किया कि भाई जी और उनके जीवन कई मामलों में एक जैसे हैं, जैसे दोनों देश और मानवता के लिए जीते हैं, दोनों आजीवन अविवाहित हैं,सार्वजनिक धन को कभी अपने हित में उपयोग नहीं करते और दोनों के लिए विवेकानंद और गांधी प्रिय हैं। उन्होंने बहुत उत्साह से बताया कि एक बार उन्होंने अपने आश्रम में सुब्बाराव जी का बहुत उत्साह से जन्मदिन मनाया। एक और बात भी बताई जो बहुत दिलचस्प है। एक बार अमेरिका के किसी एक कार्यक्रम में दोनों एक दूसरे को मिल गए। मिलने के पहले एक दूसरे के एक ही कार्यक्रम में मिल जाने की कोई भनक नहीं थी।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)

The specified carousel id does not exist.


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

How Is My Site?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Bootalpha.com +91 84482 65129