डाकघर से रिश्ता बनाएं, डाक कर्मियों से सेवा व सुविधा लें – डॉ अरविन्द वर्मा

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]
Listen to this article

डाकघर से रिश्ता बनाएं, डाक कर्मियों से सेवा व सुविधा लें – डॉ अरविन्द वर्मा

विश्व डाक दिवस पर पोस्टल सोसाइटी ऑफ इंडिया ने डाक कर्मियों और डाक उपभोक्ताओं को दी शुभकामनाएं

ANA/Indu Prabha

खगड़िया। देश बदल रहा है। युग बदल रहा है। अब हमलोग डिजिटल युग में जी रहे हैं। इस बदलते परिवेश और बढ़ती तकनीक ने लोगों को अनेकों सुविधाएं दी हैं। लेकिन लोग मोबाइल के चलते चिट्ठियों के महत्व को कम आकने लगे हैं। उक्त बातें, पोस्टल सोसाइटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन डॉ अरविन्द वर्मा ने विश्व डाक दिवस के अवसर पर मीडिया से कही। आगे उन्होंने कहा 10 अक्तूबर को नेशनल पोस्ट डे मनाया जाता है। सन् 1874 में स्विट्जरलैंड के बर्न में यूपीयू यानी यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की स्थापना आज ही के दिन हुई थी। भारत 1 जुलाई, 1876 में यूपीयू का सदस्य बना था। डॉ वर्मा ने कहा भारत एशिया का पहला देश है जिसे इसकी सदस्यता मिली है।जब देश आजाद हुआ था उस वक्त पूरे देश में 23,344 डाक घर थे। शहरी क्षेत्रों में 19,184 डाक घर और ग्रामीण क्षेत्रों में 4,160 डाक घर थे।भारत में एक डाक घर 21.20 वर्ग किमी क्षेत्र और 7174 लोगों की जनसंख्या को सेवा प्रदान की गई। 2008 तक पूरे देश में 1,55,035 डाक घर थे। शहरी क्षेत्रों में 1,39,173 डाक घर और ग्रामीण क्षेत्रों में 15,862 डाक घर थे।डाक व्यवस्थाओं ने खुद को न केवल अपडेट किया है बल्कि नई तकनीकी सेवाओं से भी जोड़ा है। डॉ वर्मा ने कहा 82 फीसदी वैश्विक आबादी को डाक विभाग से होम डिलेवरी का फायदा मिलता है। पूरी दुनिया में लगभग 55 प्रकार की पोस्टल ई-सेवाएं मौजूद हैं। 77 फीसदी सेवाएं डाक द्वारा दी गई हैं। पोस्टल कोड 142 देशों में प्रयोग किए जा रहे हैं। देश में डाक वितरण भारतीय डाक विभाग पिनकोड नंबर यानी पोस्टल इंडेक्स नंबर के आधार पर काम करता है।पिनकोड नंबर की शुरुआत 15 अगस्त, 1972 में हुई थी। डॉ वर्मा ने विश्व डाक दिवस के अवसर पर देश के तमाम डाक कर्मियों और डाक उपभोक्ताओं को शुभकामना देते हुए कहा कि डाकघर से हमेशा रिश्ता बनाए रखें और डाक कर्मियों से सेवा व सुविधा लेते रहें।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)

The specified carousel id does not exist.


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

How Is My Site?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Bootalpha.com +91 84482 65129