जीडीएसएफ ने मजबूती से चुनाव लड़ा लेकिन नतीजे अपेक्षित नहीं रहे – फजल इमाम मल्लिक, रालोसपा

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जीडीएसएफ ने मजबूती से चुनाव लड़ा लेकिन नतीजे अपेक्षित नहीं रहे – फजल इमाम मल्लिक, रालोसपा

ANA/Gaurav Verma
 
पटना। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) ने बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों को ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेकुलर फ्रंट (जीडीएसएफ) के लिए अपेक्षित नहीं बताया है। हालांकि रालोसपा ने यह भी कहा कि इन नतीजों ने पूरे बिहार में जीडीएसएफ की मौजूदगी का अहसास कराया। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता फजल इमाम मल्लिक ने कहा कि रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की अगुआई में फ्रंट मजबूती से चुनाव लड़ा लेकिन नतीजे उसकी उम्मीदों के मुताबिक नहीं आए। मल्लिक ने कहा कि रालोसपा फ्रंट में शामिल सभी दलों के नेताओं का आभार व्यक्त करता है कि उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व को स्वीकार किया और उन्हें मुख्यमंत्री का उम्मीदवार बनाया था। उपेंद्र कुशवाहा ने चुनाव में अपने उम्मीदवारों के लिए जीतोड़ मेहनत भी की लेकिन नतीजे पार्टी के लिए हैरान करने वाले रहे। मल्लिक ने कहा कि रालोसपा मायावती, असद्दुदीन ओवैसी, ओमप्रकाश राजभर, देवेंद्र प्रसाद यादव और संजय च्वहाण का आभार जताती है कि सबने फ्रंट के उम्मीदवारों को कामयाब बनाने के लिए अपनी हर मुमकिन कोशिश की और उपेंद्र कुशवाहा के साथ पूरी ताकत के साथ वे खड़े रहे। फ्रंट थोड़ा और पहले बना होता तो नतीजे और बेहतर होते। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी तमाम दलों के नेताओं का व्यक्तिगत तौर पर आभार जताया है और उम्मीद जाहिर की है कि बिहार और देश के दूसरे हिस्सों में मिल कर जनसरोकारों की लड़ाई लड़ेंगे। मल्लिक ने कहा कि जीडीएसएफ ने बिहार में छह सीटों पर जीत दर्ज की और पचास से ज्यादा सीटों पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई, इसके लिए पार्टी बिहार के अवाम को बधाई देती है कि उन्होंने फ्रंट पर यकीन जताया। मल्लिक ने कहा कि फ्रंट के विधायक वंचितों, अकलियतों, पिछड़ों-अतिपिछड़ों और महादलितों की आवाज विधानसभा और विधानसभा से बाहर उठाते रहेंगे और जनसरोकार के मुद्दों पर कोई समझौता नहीं करेंगे। मल्लिक ने कहा कि फ्रंट नई बनने वाली सरकार में तमाम लोगों की हिस्सेदारी की मांग करता है। उन्होंने कहा कि फ्रंट ने चार उपमुख्यमंत्री बनाने की घोषणा की थी लेकिन अब बनने वाली नई सरकार से फ्रंट मांग करता है कि वे सत्ता में तमाम वर्गों को हिस्सेदारी दे और अकलियत, अतिपिछड़े, महादलित व अगड़ी जाति से एक-एक उपमुख्यमंत्री बनाए। रालोसपा के प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी और फ्रंट पढ़ाई, कमाई, दवाई, सुनवाई, सिंचाई और कार्रवाई के मुद्दों पर अपना संघर्ष जारी रखेगी। मल्लिक ने बताया कि फ्रंट की बैठक जल्द ही होगी, जिसमें भविष्य की रणनीति पर चर्चा होगी।
 
 

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