एक देश-एक चुनाव तो एक देश में दो मंडियां क्यों ? – रालोसपा

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]
Listen to this article

एक देश-एक चुनाव तो एक देश में दो मंडियां क्यों ? – रालोसपा

ANA/S.K.Verma

पटना। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने केंद्र सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि कृषि कानून दरअसल कुछ खास लोगों के लिए बनाया गया है, किसानों के लिए नहीं।रालोसपा ने सवाल किया कि एक तरफ तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि एक देश-एक निशान, एक देश-एक चुनाव, वन नेशन-वन कार्ड तो फिर एक देश दो मंडियां क्यों। रालोसपा ने कहा कि सरकार किसानों के साथ खिलवाड़ कर रही है क्योंकि देश के चुनिंदा पूंजीपतियों को सरकार फायदा पहुंचाने के लिए सारा पाखंड रच रही है। सरकार लोगों को भरमा रही है कि वह किसानों के लिए नए बाजार उपलब्ध करा रही है लेकिन सच यह है कि वह खेती किसानी को बाजार और पूंजीपतियों के हवाले कर रहे हैं। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता फजल इमाम मल्लिक और प्रदेश महासचिव व प्रवक्ता धीरज सिंह कुशवाहा ने पार्टी कार्यालय में संवाददाताओं से यह बात कही। किसान आंदोलन और किसान संगठनों को समर्थन देने के लिए रालोसपा बिहार में किसान चौपाल लगा रही है। किसान चौपाल के सोलहवें दिन राज्य के कई जिलों में चौपाल लगा कर किसानों को कृषि बिल के सच को बताया गया। चौपाल 28 फरवरी तक लगाई जाएगी। इस मौके पर पार्टी के किसान प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सुभाष कुशवाहा, प्रदेश महासचिव भुनेश्वर कुशवाहा, किसान प्रकोष्ठ के प्रधान महासचिव रामशरण कुशवाहा, संगठन सचिव विनोद कुमार पप्पू और सचिव राजेश सिंह भी मौजूद थे। सोलहनें दिन कुर्था, मधुबनी, जहानाबाद, बांका, अरवल, सीवान सहित दूसरे जिलों में किसान चौपाल लगाई गई। रालोसपा ने कहा कि सरकार का तर्क गले से नहीं उतरता। इस नए कानून के तहत निजी मंडियों में टैक्स नहीं लगेगा लेकिन सरकारी मंडी में टैक्स का प्रावधान है, जाहिर है कि इसका नुकसान राज्य सरकारों को होगा। निजी मंडियों से सरकार को राजस्व नहीं मिलेगा तो इसका नुकसान राज्यों को होगा और फायदा निजी मंडियों को। रालोसपा ने कहा कि इस व्यवस्था से धीरे-धीरे कारपोरेट मंडियां बाजार में अपना दबदबा कायम कर मनचाहे दामों पर किसानों की फसल खरीदेंगी, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।रालोसपा नेताओं ने केंद्र सरकार के रवैये पर हैरत जताई और कहा कि सरकार आखिर किसानों की मांगों पर विचार क्यों नहीं कर रही है ? तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने और एमएसपी पर कानून बनाने की किसानों की मांग का रालोसपा समर्थन करती है। रालोसपा ने सवाल किया कि आखिर सरकार क्यों नहीं इस तरह का कानून लाती है कि किसानों की उनकी उपज पर न्यूनतम समर्थन मूल्य मिले और यह सभी फसलों पर यह लागू हो। मल्लिक और धीरज ने कहा कि सरकार झूठ बोल रही है और अपने कॉरपोरेट मित्रों के फ़ायदे के लिए किसान को आज़ादी के नाम पर बंधुआ किसान बना रही है। रालोसपा ने कहा कि ये कानून पूरी तरह से किसान विरोधी है। इसलिए किसान संगठन लंबे समय से सड़कों पर है। रालोसपा का मानना है कि नए क़ानून के पूरी तरह लागू होते ही कृषि क्षेत्र भी पूंजीपतियों या कॉरपोरेट घरानों के हाथों में चला जाएगा और इसका नुक़सान किसानों को होगा। देश में चल रहे किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए रालोसपा नेताओं ने कहा कि किसानों की चिंता जायज़ है। किसानों को अगर बाज़ार में अच्छा दाम मिल ही रहा होता तो वो बाहर क्यों जाते. जिन उत्पादों पर किसानों को एमएसपी नही मिलती, उन्हें वो कम दाम पर बेचने को मजबूर हैं।
 

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)

The specified carousel id does not exist.


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

How Is My Site?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Bootalpha.com +91 84482 65129