मेले में दुकान लगाने से लेकर आई0 आई0 टी0 दिल्ली और बैंक पी0 ओ0 बनने तक का सफर

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मेले में दुकान लगाने से लेकर आई0 आई0 टी0 दिल्ली और बैंक पी0 ओ0 बनने तक का सफर

ANA/SONU VERMA

अक्सर हमलोग फिल्मों या अपने आस पड़ोस में सुनते रहते है कि एक गरीब किसान का बेटा आई0 ए0 एस0 अफसर बना, रिक्शा वाला का बेटा अधिकारी बना। तो एक खबर आप अपने विष्णुपूर स्थित श्री शशिकांत दास जी (जिलाध्यक्ष पिछड़ा वर्ग मोर्चा, भाजपा) के बच्चों की सुनेगें तो आपके रोंगटे खड़े हो जायेंगें। वास्तविक कहानी उन चार भाईयों कि जिन्होंने अपनी इच्छा को कभी मरने नहीं दिया।

सभी भाई ट्टढ़ संकल्पित थे कि कुछ कर दिखाना है। जिलाध्यक्ष के प्रथम सुपुत्र श्री राजीव कुमार (वर्तमान में शाखा प्रबंधक सिंडिकेट बैंक, जमशेदपुर ) में कार्यरत है। जब भी दुर्गापूजा/होली/दीपावली जैसे पर्व-त्योंहार का समय आता राजीव कुमार मेले में दुकान खोलकर बैठ जाया करते थे। इससे होने वाले आमदनी के कुछ पैसा को अपनी पढ़ाई के लिए जमा किया करते थे। राजीव कुमार की शिक्षा बी0 पी0 उच्च विद्यालय बेगूसराय एवं जी0 डी0 काॅलेज बेगूसराय से स्नातक (माईक्रोबायोलोजी) की। तत्पश्चात सिन्दुरिया समाज बेगूसराय के प्रथम बैंक अधिकारी बनें।

जिला अध्यक्ष के द्वितीय पुत्र घरों में जा-जा कर ट्यूशन कर पैसा जमा किया करते थे। जिससे अच्छी किताबे एवं परीक्षा का फाॅर्म भरा जा सके। वर्तमान में रविकांत कुमार भारतीय डाक विभाग के डाक अधीक्षक में मार्केटिंग एग्जक्यूटिव के पद पर तैनात है। जिला अध्यक्ष के तृतीय सुपुत्र रमण कुमार की शिक्षा बी0 पी0 उच्च विद्यालय एवं जी0 डी0 कॅालेज से स्नातक (माईक्रो बायाॅलोजी) की। रमण कुमार, एस बी आई में प्रबंधक है। जिला अध्यक्ष के चौथे पुत्र के बारे में जानकर आपकी आॅंखे भर जायेगी। ऋषिकांत कुमार , वर्तामान में आई आई टी, दिल्ली से पी0 एच0 डी0 कर रहे है।  वे सिन्दुरिया समाज के इकलौते ऐसे लाल है जो आई0 आई0 टी0 दिल्ली से पी0 एच0 डी0 कर रहे हैं। ऋषिकांत कुमार की भी शिक्षा बी0 पी0 उच्च विद्यालय बेगूसराय से हुई। ऋषिकांत कुमार ने M.TECH (तकनीकी आन्ट्रप्रेनुरशिप) NIT से किया है। ऋषिकांत कुमार छुट्टियों में आकर पेस्ट्री बेचा करते थे। जब वे B.TECH कर रहे थे। वास्तव में चारों भाईयों एवं बहनों ने समाज को एक दिशा देने का कार्य किया है। जिला अध्यक्ष राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (RSS) के मुख्य शिक्षक भी हुआ करते थे। आर्थिक तंगी के कारण अपने बच्चों को अच्छी स्कूली शिक्षा नहीं दे पाये, लेकिन उनका मनोबल कभी टूटने नहीं दिया।

जिला अध्यक्ष की एक पुत्री जो घर में बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया करती थी, वे भी बिहार सरकार में हेल्थ मैनेजर के पद पर कार्यरत रही। जिला अध्यक्ष भागलपुर विश्वविद्यालय के छात्र रहे है। उन्हें शिक्षा से काफी प्रेम है एवं सभी शिक्षाविद् का सम्मान करना बखूबी जानते है। जिला अध्यक्ष ने कहा कि वास्तव में यदि कोई छात्र/छात्राएॅं अपने कर्तव्य, कार्य के प्रति सर्मपित है तो सफलता निश्चित मिलेगी। परिस्थितियाँ मायने नहीं रखती यदि हौसले बुलंद हो। ऋषिकांत बिहार के इकलौते लाल है जो आई0 आई0 टी0 दिल्ली से आन्ट्रप्रेनरशिप से पी0 एच0 डी0 कर रहे है। खास बात यह हे कि जिला अध्यक्ष ने भारत सरकार कि योजना बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के तहत अपनी पुत्र वधु को भी उच्च शिक्षा दिलाई। प्रथम पुत्र वधु जीविका एवं द्वितीय पुत्र वधु महिला हेल्प लाईन, बेगूसराय में कार्यरत रही। सभी भाईयों एवं बहनों ने अपने इस मुकाम को प्राप्त करने के लिए अपने पिता को अपना आदर्श बताया। साथ ही अपने गुरू ओमप्रकाश अनुठा (अंग्रेजी शिक्षक), न्युटन सर, किशोर सर एवं प्रो0 नौशाद आलम (जी0 डी0 काॅलेज) को अपना मार्ग दर्शक बताया। इनके जज्बे को सलाम।

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