252 वर्षों बाद मनाया गया ज़िला स्थापना दिवस, डीएम डॉ नवल चौधरी की पहल पर

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252 वर्षों बाद मनाया गया ज़िला स्थापना दिवस, डीएम डॉ नवल चौधरी की पहल पर

इतिहास के पन्नों में होगा इस स्थापना दिवस एवं डीएम डॉ नवल चौधरी की चर्चा – अजय मंडल, सांसद

भागलपुर हर प्रकार से है परिपूर्ण, यहां की मिट्टी उर्वरा और यहां के लोग हैं मेहनती  – डॉ नवल चौधरी, डीएम 

ANA/Arvind Verma

भागलपुर। टाउन हॉल में भागलपुर जिला स्थापना दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन सांसद अजय कुमार मंडल, जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी, भागलपुर नगर निगम की मेयर डॉ वसुंधरा लाल, वरीय पुलिस अधीक्षक हृदय कांत के कर कमलों से दीप प्रज्वलित कर किया गया। उक्त अवसर पर नगर आयुक्त डॉ प्रीति, सीटी एसपी शुभांक मिश्रा, उप विकास आयुक्त प्रदीप कुमार सिंह, जिला परिषद उपाध्यक्ष डॉ प्रणय कुमार, नगर निगम के उपमेयर डॉक्टर सलाउद्दीन अंसारी सहित जिले के कई वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भागलपुर के सांसद डॉक्टर अजय मंडल ने कहा कि भागलपुर जिला की स्थापना 4 मई 1773 को हुई थी। 252 वर्षों के बाद वर्तमान जिलाधिकारी के द्वारा भागलपुर जिला का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। इसके लिए मैं जिलाधिकारी डॉक्टर नवल किशोर चौधरी को हार्दिक धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि जब मैं 2019 में सांसद

डॉ नवल चौधरी, आई ए एस ज़िला पदाधिकारी

बना तब से भागलपुर के सारे बुद्धिजीवी और पत्रकार कहते रहे, मुझे उत्साहित करते रहे की भागलपुर जिला का स्थापना दिवस मनाया जाना चाहिए। 28 अप्रैल 2022 को तत्कालीन जिलाधिकारी श्री सुब्रत सिंह को मैंने पत्र लिखा, 6 मई 2022 को अपनी दिशा की बैठक में भी मैंने स्थापना दिवस मनाने का आग्रह किया। 252 वर्षों के बाद स्थापना दिवस मनाया जा रहा है इसका जिक्र भविष्य में किया जाता रहेगा। उन्होंने कहा कि हमारे भागलपुर का जिक्र लगभग सभी 18 पुराणों

डॉ अजय मंडल, सांसद

में है, चाहे शिव पुराण की बात हो, चाहे गरुड़ पुराण की बात हो, चाहे महाभारत की बात हो, चाहे गीता की बात सभी में अंग प्रदेश और अंग राज कर्ण का जिक्र है। जब शिव पुराण की बात आती है तो बाबा भोलेनाथ समुद्र मंथन करके मंदार पर्वत यहीं स्थापित कर दिए। सबसे बड़ी बात यह है कि दानवीर कर्ण यह जानते थे कि जब तक उनके पास कवच कुंडल है तब तक दुनिया में कोई भी शक्ति उन्हें पराजित नहीं कर सकता। लेकिन श्री कृष्णा भगवान को उन्होंने दान में कवच कुंडल दे दिया। गरुड़ पुराण में बाबा बटेश्वर नाथ का जिक्र आता है कि सवा हाथ जमीन की कमी के कारण काशी में बाबा नगरी बसानी पड़ी। जब आदमी मृत्यु के करीब होता है तो वह गरुड़ पुराण सुनता है। हम जानते हैं कि गंगोत्री से गंगा निकलकर भागलपुर से होकर जाती है और सबसे पवित्र जल जहां हरि का द्वार है वहां का तथा भागलपुर का जल शंकर भगवान पर चढ़ता है। जो बाबा के भक्त होते हैं वे हरिद्वार से जल लेकर 12 हों ज्योतिर्लिंग पर चढ़ाते हैं। उसी प्रकार सुल्तानगंज से जल लेकर भी 12हों ज्योतिर्लिंग पर चढ़ाते हैं। यह है भागलपुर का इतिहास और जब भविष्य में भागलपुर का इतिहास पलटा जाएगा, तो आज की स्थापना

दिवस की चर्चा होगी। वर्तमान जिलाधिकारी डॉक्टर नवल किशोर चौधरी एवं आज के जनप्रतिनिधियों की चर्चा होगी। उन्होंने जिला स्थापना दिवस के अवसर पर सभी पदाधिकारी, सभी बुद्धिजीवियों, सभी मीडिया के प्रतिनिधियों एवं भागलपुर की जनता को शुभकामनाएं दी। जिला स्थापना दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी डॉक्टर नवल किशोर चौधरी ने कहा कि हमारी संस्कृति बहुत समृद्ध है। पुरातन काल में इसे अंग प्रदेश के नाम से जाना जाता था और पहले ओदंतपूरी एवं चंपा नगरी के नाम से भी जाना जाता था। यदि हम संस्कृति की बात करें तो यह वह धरती है जहां अंगराज कर्ण ने अपना अंगदान कर दिया था, जो दुनिया में कहीं संभव नहीं है। हमारी संस्कृति हजारों वर्ष पुरानी है और यहां के लोग इसे संजो कर रखा है। इसका उदाहरण मंजूषा पेंटिंग है। जिसे हम लोग बढ़ाने का काम कर रहे हैं। मां गंगा भागलपुर के हृदय से होकर गुजरती है। भागलपुर वह जिला है जिसमें पूर्व में झारखंड के कई जिले देवघर, गोड्डा, जामताड़ा, दुमका जो यहां के अनुमंडल हुआ करते थे। बांका और मुंगेर यहां के अनुमंडल हुआ करते थे। यह वह जिला है जो हिमालय के जल को अपने हृदय में संजोकर यहां से गुजरता है। यहां से कोसी नदी गुजरती है। गंगा और कोसी के संगम को भी इस धरती ने अपने हृदय में रखने का कार्य किया है। यह वह धरती है जहां सवा हाथ जमीन बटेश्वर स्थान में घट जाने के कारण बाबा नगरी की काशी में स्थापना हुई। यह वह धरती है जहां दुनिया में कहीं विश्वविद्यालय नहीं था तो यहां विक्रमशिला विश्वविद्यालय था, इसने दुनिया को पढ़ाया है। यहां बाबा अजगैबीनाथ का मंदिर है, माना जाता है जहां देवघर जाने में अक्षम होने पर यहां गंगाजल चढ़ाने पर उतना ही पुण्य और फल प्राप्त होता है। यहां तिलकामांझी विश्वविद्यालय है, सबौर कृषि विश्वविद्यालय है, इंजीनियरिंग कॉलेज हैं, यहां मेडिकल कॉलेज है, केंद्र सरकार की संस्थाएं हैं। भागलपुर सभी प्रकार से परिपूर्ण है। यहां की मिट्टी उर्वरा है एवं लोग परिश्रमी हैं। इस अवसर पर हम भागलपुरवासियों को शुभकामना देते हैं। भागलपुर के विकास के लिए जनप्रतिनिधियों के सहयोग से लगातार प्रयास किया जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब वे यहां पदस्थापित हुए तो उन्होंने देखा कि इस धरती में विकास की असीम क्षमता है। इसे विकसित किया जा सकता है। यहां जल मार्ग बनाया जा सकता है। गंगा को उत्तरायण रखने का प्रयास किया जा रहा है। नॉर्थ ईस्टर्न एवं नॉर्थ नॉर्दर्न रेलवे को मिलाने का कार्य किया जा रहा है इसके लिए गंगा पर पुल पास हो गया है और जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया की जा रही है, स्थल चिन्हित किया जा चुका है। विक्रमशिला के गौरवपूर्ण इतिहास को दोहराने के लिए विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना प्रक्रिया में है। पटना से भागलपुर का सुगम संपर्क हो सके इसके लिए एन एच ए आई और एन एच कार्य कर रही है। बहुत जल्द कर कार्य पूरा हो जाएगा और भागलपुर की कनेक्टिविटी आसान हो जाएगी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरीय पुलिस अधीक्षक ने कहा कि भागलपुर का इतिहास बहुत पुराना है। यहां का इतिहास गौरवपूर्ण है। प्रकृति ने भी यहां की धरती को काफी समृद्ध बनाया है, यहां के लोक परिश्रमी है। उन्होंने जिला स्थापना दिवस के अवसर पर जिलेवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महापौर डॉक्टर वसुंधरा लाल ने कहा कि भागलपुर में शिक्षा, स्वास्थ्य, सभी क्षेत्र में काफी विकास हुआ है। यहां मंजूषा कला भी है। यहां की सड़क, नाली को आप देख ही रहे हैं। पूर्व में विक्रमशिला पुल नहीं रहने से इस पर के लोग को उसे पर जाने में काफी दिक्कत होती होती थी अब तो विक्रमशिला के समानांतर दूसरा पुल भी बन रहा है। विक्रमशिला विश्वविद्यालय का पुनर्द्धार होने वाला है। जिला स्थापना दिवस के अवसर पर जिलेवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी। उप विकास आयुक्त ने कहा कि हम बचपन से महाभारत में पढ़ते थे कि अंग प्रदेश की धरती भागलपुर है, विक्रमशिला विश्वविद्यालय यही था, यहीं के सुल्तानगंज का गंगाजल बाबा बैजनाथ पर चढ़ाया जाता है। प्राचीन काल में भागलपुर काफी समृद्ध और वैभवशाली था। भागलपुर को भारत का मणि मुकुट कहा जाता था। प्राचीन बिहार का मणि मुकुट भागलपुर को कहां जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि भागलपुर के विकास के लिए हम सब को मिलकर कार्य करना पड़ेगा। कार्यक्रम को नगर आयुक्त डॉक्टर प्रीति, उपमेयर डॉ सलाउद्दीन अहसान, जिला परिषद के उपाध्यक्ष डॉ प्रणव कुमार द्वारा भी संबोधित किया गया तथा भागलपुर के गौरवशाली इतिहास को बताया गया। ग्रामीण विकास अभिकरण, भागलपुर के निदेशक श्री दुर्गा शंकर द्वारा मुख्य अतिथियों का स्वागत किया गया। किलकारी के बच्चों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर मुख्य अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। कई कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी।उक्त अवसर पर अपर समाहर्ता दिनेश राम,अपर समाहर्ता महेश्वर प्रसाद सिंह, संयुक्त निदेशक जनसंपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता, अपर समाहर्ता कुंदन कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी राजकुमार शर्मा, वरीय उप समाहर्ता मिथिलेश प्रसाद सिंह, कला संस्कृति पदाधिकारी अंकित राज सहित तमाम पदाधिकारी एवं दर्शक मौजूद थे।

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