15 वीं राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस मना, पीसी महालनोविस जयंती पर की गई पुष्पांजलि

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15 वीं राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस मना, पीसी महालनोविस जयंती पर की गई पुष्पांजलि

ANA/Indu Prabha

खगड़िया। जिला सांख्यिकी कार्यालय, खगड़िया में 15वीं राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस मनाया गया और पीसी महालनोविस के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। इस अवसर पर जिला सांख्यिकी पदाधिकारी जिला सांख्यिकी पदाधिकारी आनंद प्रकाश ने जानकारी दी कि राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस वर्ष 2007 से ही प्रत्येक साल मनाया जाता है। हमारे देश ही नहीं अपितु विश्व के महान सांख्यिकीविद श्री प्रकाश चंद्र महालनोबिस के जन्म दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस मनाया जाता है। सरकार द्वारा विभिन्न नीतियों यथा आर्थिक आयोजन, रोजगार बेरोजगारी, गरीबी निवारण इत्यादि नीतियों के निर्माण में आंकड़ों की काफी अहमियत होती है। इसके बिना कोई भी बड़े कार्यक्रम का आयोजन उस पर अमल और उसका मूल्यांकन एवं विश्लेषण सफल नहीं हो सकता है। बिना आंकड़ों के कोई भी जनकल्याणकारी राज्य कार्य नहीं कर सकती है और ना ही कोई योजना बना सकती है। आंकड़ों की सर्वाधिक जरूरत राज्य को ही पड़ती है। स्टेट शब्द से ही स्टैटिसटिक्स शब्द निकला है। सांख्यिकीय आंकड़ों के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए ही प्रतिवर्ष 29 जून को राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस मनाया जाता है। महान सांख्यिकीविद प्रशांत चंद्र महालनोबिस का जन्म 29 जून 1893 को कोलकाता में हुआ था। उन्होंने ही 1931 में कोलकाता में भारतीय सांख्यिकी संस्थान की स्थापना की थी। 1947 से 1951 तक वे संयुक्त राष्ट्र संघ के सैंपलिंग सब कमीशन के अध्यक्ष रहे थे। आजादी के बाद देश के आर्थिक आयोजन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। 1955 से 1968 तक भारत के योजना आयोग के सदस्य रहे थे। द्वितीय पंचवर्षीय योजना(1956-1961) को उन्होंने ही निर्मित किया था, जिसमें उन्होंने औद्योगिकरण पर बल दिया था। इसी वजह से द्वितीय पंचवर्षीय योजना को प्रायः महालनोबिस योजना के नाम से भी जाना जाता है। 1968 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। सांख्यिकी और आर्थिक विकास में उनके महत्वपूर्ण योगदान को ध्यान में रखते हुए 2007 से उनकी जन्मतिथि को राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया गया था । इस अवसर पर जिला सांख्यिकी पदाधिकारी ने बताया कि महालनोबिस को उनके द्वारा विकसित सैंपल सर्वे के लिए पूरे विश्व में याद किया जाता है। इस विधि के अंतर्गत किसी बड़े जनसमूह के लिए नए सैंपल सर्वेक्षण कार्य में शामिल किए जाते हैं। सामाजार्थिक आंकड़ा प्राप्त करने के लिए सैंपल सर्वे के क्षेत्र में उन्होंने अद्वितीय योगदान दिया है। उन्हीं के प्रयत्नों से 1950 में नेशनल सैंपल सर्वे की स्थापना हुई थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के आयोजन के अवसर पर जिला सांख्यिकी पदाधिकारी आनंद प्रकाश जिला योजना पदाधिकारी शकील अहमद, अवर सांख्यिकी पदाधिकारी अवधेश कुमार श्रीवास्तव सहित योजना एवं विकास विभाग के सभी पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।

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