भस्करानंद महाराज द्वारा शिव महापुराण कथा प्रवचन के बाद शिव पार्वती विवाह की झांकियां देख लोगों का मन हुआ प्रफुल्लित

साध्वी कृष्णानंद जी महाराज के भजनों को सुन झूम उठी महिलाएं

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]
Listen to this article

भस्करानंद महाराज द्वारा शिव महापुराण कथा प्रवचन के बाद शिव पार्वती विवाह की झांकियां देख लोगों का मन हुआ प्रफुल्लित

साध्वी कृष्णानंद जी महाराज के भजनों को सुन झूम उठी महिलाएं

ANA/Arvind Verma

खगड़िया। शिव महापुराण कथा के प्रवचन कर्ता महामंडलेश्वर आचार्य भास्करानंद जी महाराज ने उपस्थित हजारों हज़ार श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा भगवान शंकर ने सबसे पहले सती से विवाह किया था। यह विवाह बड़ी कठिन परिस्थितियों में हुआ था क्योंकि सती के पिता दक्ष इस विवाह के पक्ष में नहीं थे। हालांकि उन्होंने अपने पिता ब्रह्मा के कहने पर सती का विवाह भगवान शंकर से कर दिया। राजा दक्ष द्वारा शंकरजी का अपमान करने के चलते सती माता ने यज्ञ में कूदकर आत्मदाह कर लिया था। इसके बाद शिवजी घोर तपस्या में चले गए। सती ने बाद में हिमवान के यहां पार्वती के रूप में जन्म लिया। उस दौरान तारकासुर का आतंक था। उसका वध शिवजी का पुत्र ही कर सकता था ऐसा उसे वरदान था लेकिन शिवजी तो तपस्या में लीन थे। आगे उन्होंने कहा ऐसे में देवताओं ने शिवजी का विवाह पार्वतीजी से करने के लिए एक योजना बनाई। उसके तहत कामदेव को तपस्या भंग करने के लिए भेजा गया। कामदेव ने तपस्या तो भंग कर दी लेकिन वे खुद भस्म हो गए। देवताओं के अनुरोध और माता पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर बाद में शिवजी ने पार्वतीजी से विवाह किया। शिव पार्वती के वैवाहिक समारोह की झलकियां भी प्रदर्शित की गई, जिसमें भगवान शिव, पार्वती के अलावा दूत भूत के साथ बाराती में शरीक लोग भी थे। इस विवाह में शिवजी बरात लेकर पार्वतीजी के यहां पहुंचे। कहते हैं कि शिवजी की बारात में हर तरह के लोग, गण, देवता, दानव, दैत्यादि कई थे। शिव पशुपति हैं, मतलब सभी जीवों के देवता भी हैं, तो सारे जानवर, कीड़े-मकोड़े और सारे जीव उनकी शादी में उपस्थित हुए। यहां तक कि भूत-पिशाच और विक्षिप्त लोग भी उनके विवाह में मेहमान बन कर पहुंचे। इस बारात को देखकर माता पार्वती की मां बहुत डर गई और कहा कि वह अपनी बेटी का हाथ ऐसे दुल्हे के हाथ में नहीं सौंपेगी। आगे आचार्य भास्करानंद जी महाराज ने कहा माता पार्वती ने स्थिति को बिगड़ते देखकर शिवजी से कहा कि वे हमारे रीति रिवाजों के अनुसार तैयार होकर आएं। इसके बाद शिवजी को दैवीय जल से नहलाकर पुष्पों से तैयार किया गया और उसके बाद ही उनकी शादी हुई। कथा के बीच बीच में साध्वी कृष्णानंद जी महाराज की सुरीली आवाज़ में गीत सुन लोग रोमांचित होते रहे, नाचते, गाते, झूमते नजर आए। विगत 06 जुलाई से चल रहे शिव महापुराण कथा कार्यक्रम के मुख्य यजमान थे शिव कुमार जालान एवं उनकी पत्नी सरिता देवी। आयोजन को सफल बनाने में मारवाड़ी युवा मंच के सदस्यों की सहभागिता काबिले तारीफ है। प्रमोद केडिया, विष्णु बजाज, सुजीत बजाज, प्रशान्त खंडेलिया तथा गणेश अग्रवाल आदि काफी सक्रिय दिखे। बिहारी पॉवर ऑफ इंडिया के चेयरमैन डॉ अरविन्द वर्मा ने मारवाड़ी युवा मंच के सभी सक्रिय सदस्यों की सहभागिता पर उन्हें साधुवाद दिया। हजारों हज़ार भक्तजनों को कथा समापन के बाद प्रसाद भी वितरित किया गया। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण नई दिल्ली के साधना टीवी चैनल तथा खगड़िया के वैष्णवी मीडिया के तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा सफलता पूर्वक की जा रही है, जिसमें सोनू कुमार, निखिल कुमार तथा अभय सिंह के नाम उल्लेखनीय हैं।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)

The specified carousel id does not exist.


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

How Is My Site?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Bootalpha.com +91 84482 65129