चार साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म मामले का शीघ्र उद्भेदन के लिए आरपीएफ की टीम को किया गया पुरस्कृत

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]
Listen to this article

चार साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म मामले का शीघ्र उद्भेदन के लिए आरपीएफ की टीम को किया गया पुरस्कृत

ANA/D.Mandal

गया। जंक्शन परिसर में इसी वर्ष 4 जून को मानवता को शर्मसार कर देने वाली एक घटना हुई थी। करीब चार साल की अबोध बच्ची के साथ कुछ लोगों ने अपना मुंह काला किया था। इस घटना के बाद रेल महकमे में हड़कंप मच गया था। इस घटना की जानकारी जब गया आरपीएफ और रेल पुलिस तक पहुंची तो इसमें शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी एक चुनौती बन गई। इसके बाद टीम ने घटना का उदभेदन 50 घंटे के अंदर करते हुए इसमें शामिल सभी अपराधियों को सलाखों के पीछे भेज दिया। इसी उपलब्धि के लिए आरपीएफ के पोस्ट प्रभारी निरीक्षक अजय प्रकाश एवं उनकी टीम को रेलवे बोर्ड द्वारा पुरस्कृत किया गया है। अभी यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है।

घटना की पृष्ठभूमि

दिनांक 04. 06. 24 को वादी संजीत कुमार के द्वारा समर्पित प्राथमिक के आधार पर जीआरपी गया के स्तर से कांड संख्या 112/ 24 दिनांक 04.06.24 अंतर्गत धारा 376 A,B भादवी एवं 04 पोस्को एक्ट विरुद्ध अज्ञात पंजीकृत किया गया था।

त्वरित कार्यवाही शुरू की गई

प्राप्त सूचना पर आरपीएफ जीआरपी द्वारा एक संयुक्त टीम का गठन किया गया। सर्वप्रथम सीसीटीवी का अवलोकन उपरांत परिस्थितजन्य के रूप में पीड़ित बच्ची को एक अज्ञात व्यक्ति के द्वारा प्लेटफार्म संख्या दो/तीन से दिल्ली छोर की तरफ ले जाते हुए देखा गया फुटेज के आधार पर सर्वप्रथम बच्ची सह पीड़िता की बरामदगी की गई। एफएसएल जांच हेतु बच्ची के कपड़े को सुरक्षित रखा गया। डॉग स्क्वॉड को सुरक्षित रखें कपड़े को सुंघाकर घटनास्थल का छानबीन कर परिणाम का प्रयास किया गया। सीसीटीवी कैमरे के प्रत्येक कोन से अपराधी के प्रवेश एवं गतिविधि पर आकलन किया गया और उसकी फोटोग्राफ एवं वीडियोग्राफी प्राप्त किया गया।

विभिन्न संदिग्ध व्यक्तियों को पकड़ा गया, सत्यापन के बाद छोड़ा गया

आरपीएफ, जीआरपी के द्वारा संयुक्त रूप से सभी सरकारी/ गैर सरकारी सूचना तंत्र से समन्वय स्थापित किया गया। विभिन्न स्थानीय थाना, वार्ड सदस्य, पंचायत प्रतिनिधियों, स्टेक होल्डर, कुलि, अधिकृत हॉकर भिंडर, टेंपो/ रिक्शा चालकों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर सीसीटीवी से प्राप्त फोटो को शेयर किया गया। विभिन्न संदिग्ध व्यक्तियों को पकड़ा गया एवं आवश्यक पूछताछ पश्चात सत्यापन नहीं होने पर छोड़ा गया था।

250 प्राइवेट मजदूरों का टीआई परेड कराया गया था

गया स्टेशन के पुनर्निर्माण में संलग्न करीब 250 प्राइवेट मजदूरों का सीसीटीवी फुटेज से प्राप्त फोटो के आधार पर टी.आई परेड कराया गया।विभिन्न थाना क्षेत्र में काफी क्लोज को-ऑर्डिनेशन बनाए रखा गया।

07 जून को सारे अभियुक्त पकड़ लिए गए

गुप्त सूत्रों के आधार पर पीड़ित बच्ची को उठाकर ले जाने वाला अभियुक्त को स्थानीय कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत गांधी मैदान के अंदर से प्रथम अभियुक्त गुड्डू मांझी पिता चंदेश्वर मांझी, पता विनय नगर, थाना गुरारू, जिला गया को गिरफ्तार किया गया।गिरफ्तार गुड्डू मांझी के निशानदेही के आधार पर बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वालों में शामिल दो अन्य अभियुक्त गौतम मांझी, पिता जवाहर माझी तथा नीरज माझी पिता नन्हक माझी दोनों का पता विनय नगर, थाना गुरारू, जिला गया को गिरफ्तार किया गया।

पीड़िता की मां ने अभियुक्तों को पहचान कर ली थी

पीड़ित बच्ची का इलाज गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल में हुआ था। पीड़िता की मां के माध्यम से और अनुसंधानकर्ता मंजूलता उपनिरीक्षक जीआरपी गया के माध्यम से गिरफ्तार तीनों व्यक्तियों की पहचान कराई गई। जिसे पीड़ित बच्ची के द्वारा पहचान कर पुष्टि किया गया। सभी गिरफ्तार अभियुक्तों का मेडिकल चेकअप एवं उनके सीमेंन का भी सैंपल जांच हेतु सुरक्षित रखा गया। सभी तथ्यात्मक साक्ष्यों को संकलित कर वरिय पुलिस अधिकारी के निर्देश पर अनुसंधानकर्ता द्वारा गहन एवं बारीकी अनुसंधान किया जा रहा है ताकि गिरफ्तार सभी दुष्कर्म अभियुक्तों को विधिसम्मत सजा दिलाई जा सके।

ध्यान देने योग्य बातें

ध्यान देने वाली बात है कि जिस वक्त यह शर्मनाक घटना हुई थी, उस वक्त गया स्टेशन के पुनर्निर्माण को लेकर पुराने सभी भवनों को तोड़ दिया गया था। सारा स्टेशन एरिया खुला हुआ अवस्था में है। उस वक्त 11 सीसीटीवी के कैमरे को पुननिर्माण के कारण संबंधित विभाग द्वारा खोल दिया गया था।

कहते हैं पोस्ट प्रभारी निरीक्षक

आरपीएफ के पोस्ट प्रभारी निरीक्षक अजय प्रकाश कहते हैं कि घटना की सूचना विगत 04 जून 24 का समय 14:00 प्राप्त हुई थी। सूचना प्राप्ति के साथ ही पीड़ित बच्ची को तुरंत बरामद किया गया और 50 घंटे के अंदर घटना में शामिल सभी अभियुक्तों को आरपीएफ, जीआरपी के गठित टीम के बल सदस्य द्वारा गिरफ्तार कर सफलता हासिल किया गया। उन्होंने बताया घटना के उद्वभेदन के लिए उन्हें और उपनिरीक्षक राजेंद्र प्रसाद, प्रधान आरक्षी संतोष कुमार सिंह, आरक्षी आलोक कुमार सक्सेना, आरक्षी शशि शेखर, आरक्षी विकास कुमार एवं आरक्षी अमित कुमार को रिवॉर्ड के लिए अनुशंसा की गई थी। इसके बाद रेलवे बोर्ड ने पुरस्कृत किया।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)

The specified carousel id does not exist.


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

How Is My Site?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Bootalpha.com +91 84482 65129