भगवान बुद्ध के जीवन दर्शन और उपदेश सदैव अनुकरणीय है : शास्त्री

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भगवान बुद्ध के जीवन दर्शन और उपदेश सदैव अनुकरणीय है : शास्त्री

ANA/S.K.Verma

खगड़िया। सदर प्रखण्ड के रहीमपुर मध्य पंचायत अंतर्गत नन्हकू मंडल टोला स्थित मेनका-कार्तिकेय सदन में लॉकडाउन का पूर्णरूपेण अनुपालन के साथ बिक्रम संवत् दो हजार सतत्तर बैशाख पूर्णिमा (बुद्ध पूर्णिमा) को भगवान गौतम बुद्ध की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। सर्वप्रथम बुद्ध के तस्वीर पर फूल माला चढाया गया एवं नमो बुद्धाय व बुद्धम् शरणम् गच्छामि मंत्रोचारण के साथ सहृदय नमन किया गया। इस अवसर पर बिहार राज्य ग्रामीण आवास कर्मी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष आचार्य राकेश पासवान शास्त्री ने भगवान बुद्ध के जीवन चरित्र पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भगवान बुद्ध का हर एक उपदेश उनके पवित्र कर्मशील अनुभव के अग्नि में तपे कुन्दन स्वरूप है,जो उनके उपदेशात्मक विचार आज भी प्रासंगिक है।

भगवान बुद्ध के जीवन दर्शन और उपदेश से हमें प्रेम, शांति, सद्भाव, बंधुत्व त्याग, समर्पण, विनयशीलता एवं सदाचार की मानवीय मूल्यों से संवर्द्धित शिक्षा सहज ही मिलती है। उनके जीवन दर्शन और उपदेश सदैव अनुकरणीय है। अर्थात् भगवान बुद्ध के विचारों को अपने जीवन में ढ़ालने की जरूरत है। तभी राष्ट्र का कल्याण संभव हो सकता है। जयंती समारोह में मुरली मनोहर, हरिवंश कुमार, विद्यालय प्रबंध कार्यकारिणी कमिटी की सदस्या ईशा देवी,सूर्यवंश, पासवान, कृषि सलाहकार अंकेश कुमार, सुवोध पासवान, कुमारी कीर्ति, अनुवर्ता, सृष्टि एवं चिराग आदि व्यक्ति उपस्थित थे।

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