जननायक कर्पूरी ठाकुर के पद चिन्हों पर चल कर ही समाज के हित में करें कार्य, नेतागण – डॉ अरविन्द वर्मा

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]
Listen to this article

कर्पूरी ठाकुर के पद चिन्हों पर चल कर ही समाज के हित में करें कार्य, नेतागण – डॉ अरविन्द वर्मा

पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से विभूषित करे सरकार – डॉ अरविन्द वर्मा

ANA/Indu Prabha

खगड़िया। बिहार ही नहीं पूरे देश के डाक विभाग के डाक कर्मी पूर्व मुख्यमंत्री व जननायक कर्पूरी ठाकुर के शुक्रगुजार हैं क्योकि कर्पूरी ठाकुर ने वर्ष 1960 ई० में डाक तार मजदूरों की विभिन्न समस्याओं को लेकर आंदोलन किए थे। इसी क्रम में उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था। इतना ही नहीं कर्पूरी ठाकुर ने डाक तार कर्मचारियों की मांगें पूरी करने को लेकर 28 दिनों तक आमरण अनशन भी किया था। उनके इस त्याग और तपस्या को, डाक तार विभाग के मजदूरों के हित में उठाए गए कदमों को आज भी डाक कर्मी अपने जेहन में रखे हैं और उन्हें याद करते हैं और याद करते रहेंगे। उक्त बातें, पोस्टल सोसाइटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन डॉ अरविन्द वर्मा ने कर्पूरी ठाकुर के 97 वीं जयंती पर उन्हें नमन करते हुए मीडिया से कही।

जननायक कर्पूरी ठाकुर पर जारी डाक टिकट
आगे डॉ वर्मा ने कहा कर्पूरी ठाकुर गरीबों, पिछड़ों तथा दलितों के सर्वमान्य मसीहा थे। अभी भी बिहार वासी नहीं भुला पाए हैं की जब वे बिहार के शिक्षा मंत्री थे, उस समय मैट्रिक की परीक्षा में अंग्रेजी की अनिवार्यता को खत्म किया था। उस समय कुछ लोग यह कहकर हंसते थे कि अरे, ये लड़का तो कर्पूरी डिवीजन से पास किया है। अपने मुख्य मंत्रित्वकाल में उन्होंने सरकारी नौकरियों में आरक्षण लागू किया था। डॉ वर्मा ने कहा कर्पूरी जी बिहार में पूर्ण शराब बंदी के हिमायती थे, जिसे आज के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूरा कर दिखाया। कर्पूरी ठाकुर उस समय के युवा नेता लालू यादव,राम विलास पासवान,देवेन्द्र यादव और नीतीश कुमार के मेंटर थे। आगे डॉ वर्मा ने कहा वर्षों पूर्व कर्पूरी जी का खगड़िया आगमन हुआ था। तब, जब खगड़िया में उप कारा था। उन्होंने उप कारा का बहुत बारीकी से निरीक्षण किया था। निरीक्षण के क्रम में उनके साथ मैं (अरविन्द वर्मा), पशुपति कुमार पारस, अरुण वर्मा तथा उप कारा के जेलर भी मौजूद थे। उन्होंने मेरे समक्ष ही कैदियों को जेल में हो रही असुविधाओं एवं विभिन्न समस्याओं को लेकर फटकार लगाई थी।
उप कारा, खगड़िया में निरीक्षण करने आए कर्पूरी ठाकुर के संग डॉ अरविन्द वर्मा, पशुपति कुमार पारस, अरुण वर्मा तथा जेलर
डॉ वर्मा ने “यादों के झरोखे से” नामक अपने एलबम से कर्पूरी ठाकुर के उप कारा जेल निरीक्षण से संबंधित ऐतिहासिक व संग्रहीत फोटो को मीडिया के समक्ष प्रदर्शित भी किया। आगे डॉ वर्मा ने कहा भारत सरकार के डाक विभाग ने जननायक कर्पूरी ठाकुर की स्मृति में एक डाक टिकट ( मूल्य-एक रुपया) वर्ष 1991 में जारी किया था। डॉ वर्मा ने कहा कौन जनता था, एक छोटे से गांव पितौंझिया (कर्पूरी ग्राम) में रहने वाला साधारण ग्रामीण शिक्षक कालांतर में देश का जननायक बन जाएगा। मात्र 64 वर्ष की उम्र में ही कर्पूरी जी हम सब को छोड़ स्वर्ग सिधार गए। अपने जीवन काल में उन्होंने अपने पुत्र- पुत्री या कोई रिश्तेदारों को जीते जिंदगी पॉलिटिक्स में आने नहीं दिया। आज उन्हीं के पद चिन्हों पर बिहार के मुख्य मंत्री नीतीश कुमार चल रहे हैं, जो काबिले तारीफ है। डॉ वर्मा ने कहा ऐसे नेताओं के लिए परिवार नहीं, आम जनता ही मेरा पूरा परिवार है। डॉ वर्मा ने बिहार के वर्तमान नेताओं और भावी नेताओं से आग्रह करते हुए अपील किया है कि जननायक कर्पूरी जी के पद चिन्हों पर चल कर ही समाज के हित में कार्य करें और परिवारवाद को सिरे से खारिज करें। डॉ वर्मा ने केंद्र सरकार से मांग किया है कि कर्पूरी जी को भारत रत्न से विभूषित करे ।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)

The specified carousel id does not exist.


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

How Is My Site?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Bootalpha.com +91 84482 65129