मैनेजर ने सफ़ाई मज़दूरों को जबरन नौकरी से निकाला, हक और हुकूक की बात करने पर

बिना नियुक्ति पत्र के लिया गया वर्षों कार्य, 20 के बजाय 10 मजदूरों से लिया जा रहा था कार्य

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मैनेजर ने सफ़ाई मज़दूरों को जबरन नौकरी से निकाला, हक और हुकूक की बात करने पर

बिना नियुक्ति पत्र के लिया गया वर्षों कार्य, 20 के बजाय 10 मजदूरों से लिया जा रहा था कार्य

पीड़ित सफ़ाई मज़दूरों ने मीडिया के दफ़्तर में सुनाई आप बीती व्यथा कथा

ANA/Arvind Verma

खगड़िया (बिहार)। कहते हैं, हक और हुकूक की बात करने पर मालिक के आंखों की किरकिरी बन जाते हैं उनके नौकर। ठीक इसी प्रकार की घटना घटी है खगड़िया रेलवे जंक्शन के प्लेटफार्मों और अहाते की सफाई करने वाले सफाई कर्मचारियों के साथ। दरअसल, रेलवे द्वारा नियुक्त आउटसोर्स ” निशांत एंटरप्राइजेज” ने कार्योँ के निष्पादन हेतु सफ़ाई मज़दूरों की नियुक्ति की। मजदूरों की नियुक्ति की। उन्हें पहचान पत्र और बर्दी के अलावा कुछ नहीं दिया। अपने हक और हुकूक की बात करने , वेतन बढ़ाने की बात करने पर कंपनी के मैनेजर ने लगभग 15 सफ़ाई मज़दूरों को काम पर से हटा दिया। छंटनी ग्रस्त सफ़ाई मज़दूरों ने मीडिया के दफ्तर में आकर अपनी आप बीती सुनाई जिसे सुन मीडियाकर्मी अचंभित हो गए। पीड़ित सफ़ाई मजदूर लल्लू राम ने कहा खगड़िया में कार्यरत कंपनी का मैनेजर निडर होकर कहता है तुमलोगों को जहां जाना है जाओ, तुमको काम नहीं मिलेगा। बिना नियुक्ति पत्र के ही हमलोगों से कार्य लिया गया। हमलोगों को मात्र साढ़े सात हजार रुपया प्रति माह वेतन मेरे बैंक खाता के माध्यम से मिलता था। वेतन बढ़ाने और 20 मजदूरों के बजाय 10 मज़दूरों से कम लिया जाने लगा । हमलोगों पर काम का बोझ अनावश्यक रूप से बढ़ा दिया गया। वाजिब बात बोलने पर ही हमलोगों को काम पर से हटा दिया गया। यहां पर कंपनी के मैनेजर के शोषण का शिकार हैं हमलोग। सरकार से हमलोग मांग करते हैं की हमलोगों इज्जतपूर्वक काम करने का आदेश दिया जाय और नियुक्ति पत्र भी। पीड़ित सफाई कर्मचारियों में प्रमुख हैं लल्लू राम, बबलू कुमार,गोपी कुमार, अर्जुन राम, प्रशान्त कुमार,रहा राम, बिनोद राम, साजो कुमार, रोहन कुमार तथा जय किशन राम आदि।

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