श्रीविष्णु महायज्ञ में उमड़ी श्रद्धालुओं की अपार भीड़, 15 मार्च को होगा विशाल भंडारा

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बाबा शिवनाथ दास जी महाराज के प्रवचन से लोग हुए लाभान्वित

ANA/Arvind Verma

आलमनगर। त्रिकालदर्शी विदेह संतश्रीदेवराहाशिवनाथजी महाराज के तत्वावधान में मधेपुरा जिला के आलमनगर प्रखंड के नन्दकिशोर माधवान्द उच्च विद्यालय के बाबा सर्वेश्वर नाथ मंदिर प्रांगण में 11मार्च से चल रहे श्रीविष्णुमहायज्ञ के चौथे दिन महाराजश्री के दर्शनार्थ भारी भीड़ उमड़ी एवम लोगो ने सर्वमनोकामनासिद्धि हेतु यज्ञमंडप की परिक्रमा की।त्रिकालदर्शी विदेह संत श्रीदेवराहाशिवनाथ के दर्शनार्थ उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़। श्रीविष्णुमहायज्ञ के चौथे दिन देवराहाधाम,सियरुआं जगदीशपुर भोजपुर से पधारे अष्टांगयोग सिद्ध विदेहावस्था,परमहँसावस्था को प्राप्त परमयोगी सिद्ध संत त्रिकालदर्शी श्रीदेवराहाशिवनाथजी महाराज के दर्शन हेतु मधेपुरा, सहरसा,कटिहार,पूर्णिया,खगड़िया, सहित सम्पूर्ण कोसी प्रमंडल उमड़ पड़ा।वहीं यज्ञ के प्रथम दिन जलभरी कलश शोभायात्रा में बिहार के कोने कोने से श्रद्धालु भक्त शामिल हुए । हरिद्वार,काशी,अयोध्या,मथुरा,वृन्दावन से भी साधु सन्त, साधक-श्रद्धालु महाराजश्री के दर्शनार्थ यज्ञ में पधारे हैं।महाराजश्री के दर्शनार्थ देर संध्या तक श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।लोगो के बीच यह चर्चा है कि ऐसे संत को कभी नहीं देखा जो सर्वज्ञ अंतर्यामी होने के साथ-साथ अत्यंत सहज हैं। वृनदावन से पधारे संत श्रीत्रिलोजन शास्त्रीजी का कहना है कि वे महराजश्री के दर्शनार्थ तब से आते हैं जब योगिराज देवराहा बाबा ने महराजश्री के दर्शार्थ उनसे कहा था कि भोजपुर,जगदीशपुर जाकर शिवनाथ में मेरे ही स्वरूप का दर्शन करो।वैदिक मंत्रोचारण के साथ दिनभर चलता रहा मंडप-परिक्रमा काशी के परमाचार्य और उनके सहयोगी उपाचार्यो के द्वारा किये जा रहे पवित्र वेदमन्त्रों के सस्वर लयबद्ध उच्चारण गायन से आलमनगर का सम्पूर्ण वातावरण वेदमय व भक्तिमय हो गया है।वहीं पाँच कुंडों में देवताओं को दी जा रही आहुति से वायुमंडल अलौकिक रूप से सुगन्धित हो चुका है।सुगन्धित भक्तिपूर्ण वातावरण में यज्ञमंडप के परिक्रमा हेतु दिन भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।बाल-वृद्ध सभी महराजश्री का दर्शन एवम यज्ञमंडप की परिक्रमा कर स्वयं को कृत कृत समझ रहे हैं । महराजश्री के अनुसार यज्ञमंडप की परिक्रमा से असाध्य व्याधियों के समन के साथ-साथ शुभ सांसारिक कामनाओं की भी पूर्ति होती है।भगवान श्रीराम का प्रगटीकरण भी यज्ञ से ही हुआ था।वैदिक यज्ञ भगवान राम के काल से भी पूर्व से होता चला आ रहा है। पूर्णाहुति के साथ महाभण्डारे का भी होगा आयोजन त्रिकालदर्शी विदेह संत श्रीदेवराहाशिवनाथजी महाराज के तत्वावधान में चल रहे श्रीविष्णुमहायज्ञ के आयोजन समिति के सदस्य मनोज यादव बताते हैं कि यज्ञ में पधारे श्रद्धालु साधु-संतों एवम आम लोगो के लिये प्रतिदिन तीनो समय के लिये बालभोग,भोजन की व्यवस्था है।राजेश पासवान और मनोज कुमार मनोहर बताते हैं कि प्रतिदिन लगभग दस से बीस हज़ार लोग भंडारे में बालभोग के साथ दोपहर और रात्रि का भोजन प्रसाद पाते हैं। महराजश्री के प्रतिनिधि संजीव कुमार के अनुसार कल 15 मार्च को यज्ञ की पूर्णाहूति के दिन महाभंडारे का आयोजन किया जाएगा जिसमें एक लाख लोगों के लिए महाप्रसाद की व्यवस्था होगी। पूर्णाहूति के पश्चात महराजश्री के द्वारा आशीर्वचन होगा और तब भंडारा प्रारम्भ होगा। कथा-प्रवचन से वातावरण हुआ भक्तिमय। उक्त यज्ञ में प्रतिदिन होने वाले संतो के प्रवचन एवम साध्वी सुश्रीनिभा भारती के द्वारा श्रीमद्भागवत कथा को सुनकर श्रद्धालुओं के नेत्र भक्ति-भाव से अश्रुपूरित हो जाते हैं।

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