मदर टेरेसा से भागलपुर में मिलने के बाद से ही समाज सेवा की भावना जगी – डॉ अरविन्द वर्मा,

मदर टेरेसा की जयंती पर समाज सेवी डॉ अरविन्द वर्मा के उदगार

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मदर टेरेसा से भागलपुर में मिलने के बाद से ही समाज सेवा की भावना जगी – डॉ अरविन्द वर्मा, चेयरमैन

मदर टेरेसा की जयंती पर समाज सेवी डॉ अरविन्द वर्मा के उदगार

समाज के हर वर्ग के लोगों को गले लगाएं – डॉ अरविन्द वर्मा

ANA/Indu Prabha

खगड़िया। नोबल पुरस्कार विजेता मदर टेरेसा की जयंती के अवसर पर लेखक, पत्रकार व समाज सेवी डॉ अरविन्द वर्मा (वरिष्ठ नागरिक) ने उन्हें नमन करते हुए मीडिया के समक्ष अपना उदगार प्रकट करते हुए कहा भागलपुर विश्वविद्यालय के प्राणी शास्त्र स्नातकोत्तर विभाग का मैं सत्र 1977-1979 का छात्र था। उसी दौरान भागलपुर में ही एक विशेष कार्यक्रम में मेरी मुलाकात महान संत समाज सेवी मदर टेरेसा से हुई। उस कार्यक्रम में उस समय के बिहार सरकार के

डॉ अरविन्द वर्मा, समाज सेवी

मंत्री गुणेश्वर सिंह, डॉ एमo क्वाड्रेज, कमिश्नर अरुण पाठक, छात्र नेता सुभाष गुप्ता और सुभाष पांडेय भी उपस्थित थे। उनसे घंटों सामाजिक आर्थिक स्थिति पर बातचीत हुई, उन्होंने कहा जब हर लोग जानते हैं मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है तो अमीर मनुष्य गरीब मनुष्य से घृणा क्यों करते हैं ? गांव समाज में, मोहल्ले में, झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले इंसान को पूंजीपति लोग इंसान क्यों नहीं समझते हैं ? इसका मूल कारण है उनकी विकृत मानसिकता। मदर टेरेसा ने मुझ से कहा था अभी विद्यार्थी हो, शिक्षा ग्रहण कर नौकरी करोगे, परिवार का भरण पोषण करोगे, करना भी चाहिए। इसके साथ साथ हमेशा यह जरुर सोचना हर मनुष्य एक दूसरे के काम आए। डॉ वर्मा ने कहा मदर टेरेसा जैसे महान संत समाज सेवी के आशिर्वाद से शिक्षा ग्रहण करने के बाद वर्ष 1983 ईo में भारत सरकार के भारतीय डाक विभाग में नौकरी मिली। मदर टेरेसा की प्रेरणा से ही मैं ने केंद्रीय सरकार के कर्मचारी होने के बाबजूद विभिन्न स्वयं सेवी संस्था से जुड़ कर अपने पद पर रहकर, सरकारी कार्यों को संपादित करते हुए समाज सेवा का कार्य किया और कर रहा हूं। वर्ष 2017 में सरकारी सेवा से अवकाश ग्रहण करने के बाद से स्वतंत्र होकर समाज सेवा, लेखन व पत्रकारिता का कार्य कर रहा हूं। डॉ वर्मा ने कहा जो व्यक्ति जहां हैं, जिस महकमे में कार्यरत हैं, जो व्यक्ति जिस पेशे में हैं रहें। मगर कम से कम सप्ताह में मात्र दो घंटे भी समाज सेवा करने के उद्देश्य से किसी न किसी स्वयं सेवी संस्था से अवश्य जुड़ें। धीरे धीरे खुद महसूस होगा कि मेरा जीवन सार्थक हो गया। डॉ वर्मा ने कहा मैं मानता हूं, आज जिस कदर मंहगाई बढ़ी है, आधुनिकता के युग में लोग एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में अति व्यस्त हो गए हैं। फिर भी अगर, चाह ले इंसान तो क्या हो नहीं सकता ? डॉ वर्मा ने देश के नई पीढ़ी के नवजवानों से अपील किया है कि जाति और धर्म को भूल कर समाज के हर वर्ग के लोगों को गले लगाएं और उन्हें मदद करने का भरसक प्रयास करें।

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